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क्या सेहत के लिए अच्छे होते हैं फर्मेंटेड फूड्स? जानें क्या कहता है आयुर्वेद

फर्मेंटेड फूड्स के बारे में आयुर्वेद क्या कहता है, इनके क्या फायदे हैं और किन लोगों को इन्हें नहीं खाना चाहिए, इस बारे में एक्सपर्ट से जानते हैं।
Editorial
Updated:- 2023-12-08, 17:53 IST

आयुर्वेद दवाईयों से ज्यादा सही खान-पान पर जोर देता है। आयुर्वेद का सिध्दान्त शरीर में मौजूद तीन दोषों वात-पित्त और कफ पर आधारित है। इन दोषों के असंतुलित होने पर व्यक्ति बीमारियों का शिकार हो सकता है। इसलिए, इनमें संतुलन होना बहुत जरूरी है। सभी व्यक्तियों के शरीर की प्रकृति अलग-अलग होती है और उसी आधार पर उन्हें अपने लिए खान-पान का चुनाव करना चाहिए। फर्मेंटेड फूड्स  को यूं तो सभी अच्छा मानते हैं लेकिन इनके बारे में आयुर्वेद क्या कहता है, इनके क्या फायदे हैं और किन लोगों को इन्हें नहीं खाना चाहिए, इस बारे में एक्सपर्ट से जानते हैं। यह जानकारी आयुर्वेदिक डॉक्टर नीतिका कोहली दे रही हैं। उन्होंने आयुर्वेद में एमडी किया है और उन्हें इस फील्ड में लगभग 17 सालों का अनुभव है।

आयुर्वेद के अनुसार फर्मेंटेड फूड्स के फायदे और नुकसान ( What happens if you eat fermented foods everyday)

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  • अचार अपनी तीखी और खट्टी प्रकृति के कारण डाइजेशन को सुधारता है। लेकिन इसके खट्टे और नमकीन स्वाद के कारण यह पित्त और कफ दोष को बढ़ा सकता है।
  • इसे ज्यादा खाने से एसिडिटी (एसिडिटी दूर करने के लिए ड्रिंक) हो सकती है।
  • इडली और डोसा फर्मेंटेंड फूड्स या खमीर वाले खाने का सबसे अच्छा उदाहरण है। यह दाल और चावल को फर्मेंट करके बनाया जाता है। जिसकी वजह से इसमें न्यूट्रिशन्स बढ़ जाते हैं और इसे पचाना आसान हो जाता है।
  • अगर आप इडली और डोसे को ज्यादा खाते हैं या बासी खाते हैं, तो इससे शरीर में वात बढ़ सकता है यानी गैस हो सकती है।curd as per ayurveda

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  • दही में प्रोबायोटिक्स होते हैं। अगर इसे ताजा खाया जाए, तो यह गुणों से भरपूर होता है। यह वात दोष को कम करने में सहायक है। लेकिन अगर इसे रात को खाया जाए या अधिक मात्रा में खाया जाए, तो यह कफ को बढ़ा सकता है। वहीं, अधिक खट्टा दही पित्त बढ़ाता है।
  • कांजी प्रोबायोटिक होती है और गट हेल्थ के लिए बहुत अच्छी मानी जाती है। लेकिन इसके खट्टे स्वाद के कारण यह पित्त बढ़ा सकती है।
  • इडली और डोसे की तरह फर्मेंटेशन की वजह से ढ़ोकले को पचाना भी आसान होता है। लेकिन इसे भी ज्याद खाने से वात दोष असंतुलित हो सकता है।

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