वसंत प्रकृति के नवीनीकरण और ताजगी का समय होता है और इस मौसम में सेहत का ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है। सर्दी के बाद, जब तापमान में बदलाव होता है, तब शरीर को नए मौसम के अनुसार ढालने की जरूरत होती है। वसंत में वातावरण में नमी ज्यादा होती है। ऐसे में सेहत को सही रखना थोड़ा मुश्किल होता है, लेकिन आप कुछ सावधानियां और आदतों को अपनाकर सेहत को दुरुस्त रख सकते हैं।
वसंत में डाइजेशन स्लो हो जाता है, इसलिए इस मौसम में हल्का और ताजा खाना खाने की सलाह दी जाती है। ताजे फल, हरी सब्जियां और आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां शरीर को अंदर से शुद्ध करती हैं। साथ ही, पर्याप्त मात्रा में पानी पीना और भरपूर नींद लेना भी सेहत के लिए जरूरी होता है। इसके अलावा, रोजाना हल्की एक्सरसाइज जैसे योगासन और प्राणायाम करने से शरीर को एनर्जी मिलती है और इम्यूनिटी मजबूत होती है।
इस मौसम में आंतों के स्वास्थ्य को सही रखने के लिए डेली डाइट में आंवला जूस को शामिल करना सबसे अच्छा रहता है। छोटा-सा आंवला पोषक तत्वों का पावरहाउस है, जो डाइजेशन को सही रखता है, शरीर में मौजूद टॉक्सिंस को बाहर निकालता है और आपके संपूर्ण स्वास्थ्य को सही रखता है। आंवला जूस आंतों की सेहत को सही रखने और शरीर को डिटॉक्स करने में कैसे मदद करता है? इस बारे में हमें रसायनम के फाउंडर श्री आयुष गुप्ता बता रहे हैं।
एक्सपर्ट का कहना है, ''सर्द मौसम में तला-भुना और मिर्च-मसाले वाला खाना खाने के बाद डाइजेस्टिव सिस्टम स्लो हो जाता है। ऐसे में आंवला आपकी मदद कर सकता है। यह आंतों को साफ करता है, डाइजेशन में सुधार करता है और शरीर को वसंत के हल्के और ताजे फूड्स खाने के लिए तैयार करता है।''
सुपरफूड आंवला विटामिन-सी, फाइबर और एंटी-ऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है, जो डाइजेशन संबंधी समस्याओं को दूर करने का सबसे अच्छा प्राकृतिक उपचार है।
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आंवला पाचन एंजाइमों के उत्पादन को बढ़ाता है, जिससे भोजन को असरदार तरीके से तोड़ा जाता है और सूजन या एसिडिटी की समस्या कम होती है।
आंवले के अल्कलाइन गुण पेट की एसिडिटी को कम करते हैं, जिससे एसिड रिफ्लक्स और अपच का खतरा कम होता है।
आंवला जूस में फाइबर की मात्रा बहुत ज्यादा होती है, जिससे कब्ज से बचाव होता है और आंतों के गुड बैक्टीरिया बढ़ते हैं।
वसंत का मौसम शरीर को डिटॉक्स करने का बिल्कुल सही समय होता है और आंवला जूस आपकी मदद कर सकता है। यह एक नेचुरल क्लींजर के रूप में काम करता है।
आंवला के मूत्रवर्धक गुण लिवर और किडनी से टॉक्सिंस को बाहर निकालने में मदद करते हैं, जिससे पूरे शरीर का डिटॉक्सिफिकेशन बढ़ता है।
आंवला लिवर की सेहत को सही रखता है, पित्त के उत्पादन को बढ़ाता है, जो टॉक्सिंस को बाहर निकालने के लिए जरूरी होता है।
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विटामिन-सी से भरपूर होने के कारण आंवला जूस सूजन को दूर करता है और इम्यून सिस्टम को सपोर्ट करता है, जिससे शरीर में मौजूद अशुद्धियों को बाहर निकालने में मदद मिलती है।
डाइट में आंवला जूस को शामिल करना स्वास्थ्य को सुधारने का आसान और असरदार तरीका है। अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी।
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