गोल रोटी बनाना एक लड़की के लिए किसी सपने से कम नहीं होता। किचन में पहली बार कदम रखते ही वह गोल रोटियां बनाना सीखने लगती है। रोटी थोड़ी सी भी टेढ़ी बन जाए तो खुद ही का मन उसके खाने का नहीं करता। मगर क्या आपने कभी सोचा है कि रोटियों को गोल क्यों बनाया जाता है? आखिर किसने यह सोचा होगा कि रोटियों को गोल ही बनाया जाए? इस सवाल का जवाब देना थोड़ा-सा मुश्किल है, लेकिन हम ऐसे कुछ स्पष्टीकरण दे सकते हैं जो रोटियों के गोल होने का कारण कहा जा सकता है।
आखिर क्यों गोल बनाई जाती हैं रोटियां?
मां के हाथों की फूली-फूली, गोल-गोल रोटी प्लेट में कितनी अच्छी लगती है। मगर हमारे घरों में हमेशा गोल ही रोटी क्यों बनाई जाती है क्या आपको पता है?
ऐसा माना जाता है कि रोटी बनाने की शुरुआत युद्ध के दौरान हुई थी और जब सैनिक पहले यात्रा पर जाते थे तो इसे उन्हें बांधकर दिया जाता था और इसकी शेप कटोरी की तरह होती थी, ताकि इसमें सब्जियां या बाकी फिलिंग्स भरकर आसानी से खाया जा सके।
अगर आपके मन में भी कभी यह सवाल उठा है तो फिर चलिए इस आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़िएगा। इस आर्टिकल में हम आपको बताने वाले हैं कि आखिर रोटियों को सिर्फ गोल ही क्यों बनाया जाता है।
1. बनाने में होती हैं आसान
सबसे सरल जवाब यही है कि इसे बनाना और खाना दोनों आसान होता है। आप जब चकले में लोई रखकर बेलती हैं तो उसमें मेहनत भी ज्यादा नहीं लगती। आप बस बेलन को घुमाती चली जाती हैं और आसानी से एक गोल आकार बन जाती है। गोल रोटी चारों ओर से पक भी जल्दी और आसानी से जाती है वहीं दूसरे चोकोर या अन्य आकार में बनी रोटी के किनारे अक्सर कच्चे रह जाते हैं।
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2. ब्रेन को प्रोसेस करने में होती है आसानी
हमारे मस्तिष्क के लिए और विशेष रूप से हमारी आंखों के लिए, गोलाकार कोने प्रोसेस करना आसान होता है। इसका मतलब है कि गोल वस्तुओं को देखना आसान है और इसलिए यह उपयोग में आसान होती है। आंख का वह हिस्सा जो छवियों को प्रोसेस करता है, फोविया, सर्कल्स को समझने में सबसे तेज़ होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि किनारे जितने नुकीले होते हैं, वस्तुएं उतनी ही चमकदार दिखाई देती हैं। वस्तु जितनी गोल होती है, वह उतनी ही कम चमकदार दिखाई देती है।
3. आटा मोटा नहीं रहता
ट्राएंग शेप में पराठे बनाने में एक मुश्किल होती है कि उसके तिकोने अक्सर मोटे और कच्चे रह जाते हैं। रोटियां गोल बनाने का एक और कारण है और वो यह है कि जब आप लोई बेलते हैं तो आटा जगह-जग से मोटा नहीं रहता है। इसे फैलाना आसान होता है। गोल आकार में रोटी बेलने से वह समान रूप से चपटी होती है और उसके किनारे भी मोटे नहीं रहते हैं, जिससे वह आसानी से पक जाती हैं।
4. अच्छे से फूलती है रोटियां
आपने सुना होगा जब कभी हमारी रोटियां फूलती नहीं तो हम अक्सर आटे को या उसे बेलने के तरीके को गलत बताते हैं। फूली हुई रोटियां प्लेट में देखना किसे अच्छा नहीं लगता है। जब आटा अच्छी तरह गूंथा हो और अच्छी तरह गोल आकार में बेला गया हो तो रोटियां अच्छी तरह से फूलती भी हैं, इसलिए भी हमारे घरों में रोटियों को गोल ही बनाया जाता है।
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क्या आपको कोई और कारण पता है? अगर हां तो चलिए जल्दी से हमारे कमेंट बॉक्स पर कमेंट कर हमें बता दीजिए। इस बारे में आपको जो भी ख्याल है वो भी हम तक जरूर भेजिएगा।
खैर रोटियां गोल या चोकोर बनाना यह हमारे ऊपर है। हमारा काम तक आप तक यह जानकारी पहुंचाना। अगर आपको यह लेख पसंद आया तो इसे लाइक और शेयर करें और ऐसे ही लेख पढ़ने के लिए विजिट करें हरजिंदगी।
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