प्लास्टिक का कहर पूरी दुनिया में छाया हुआ है। हर देश प्लास्टिक को बैन करने के लिए बात कर रहा है लेकिन किसी के पास इसका कोई ऑप्शन नहीं है। क्योंकि स्मार्टयुग में हर चीज प्लास्टिक से घिरी हुई है। खाने से लेकर पीने तक की चीज में प्लास्टिक शामिल है। यहां तक की आपके मोबाइल की लेमिनेशन भी जिस चीज से की जाती है उसमें भी प्लास्टिक शामिल होती है। दूध जिस पैकेट में आता है वह भी प्लास्टिक से बना होता है। यहां तक की कोल्डड्रिंक जिससे पी जाती है वह स्ट्रॉ तक प्लास्टिक से बनी होती है।
अब तो कई विशेषज्ञ भी बोलने लगे हैं कि प्लास्टि के प्लेट या कटोरी में गरम खाना खाने के साथ ही प्लास्टिक के स्ट्रॉ से पीना भी स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक होता है। इस कारण ही कई रेस्टोरेंट भी प्लास्टिक के स्ट्रॉ की जगह रिसाइकलेबल स्ट्रॉ का इस्तेमाल करने लगे हैं।
स्टारबक्स कर रहा रिसाइकलेबल स्ट्रॉ का इस्तेमाल
.@Starbucks to eliminate plastic straws globally by 2020 https://t.co/s6Ddb6CVEw pic.twitter.com/mIEDDMEWWY
— Starbucks News (@Starbucksnews) July 9, 2018
दुनिया की सबसे बड़ी कॉफी कंपनी स्टारबक्स (Starbucks )ने इस रास्ते पर अपने कदम बढ़ा दिए हैं और उसने पर्यावरण को साफ रखने के लिए रिसाइकलेबल स्ट्रॉ का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। उसने कहा है कि वह 2020 तक वैश्विक स्तर पर अपने 28,000 स्टोर्स से प्लास्टिक के स्ट्रॉ को खत्म कर देगा। अब यह ब्रेंड रिसाइकलेबल स्ट्रॉ का इस्तेमाल करेगी। गौरतलब है कि स्टारबक्स ने ऐसा अपने ग्राहकों की वजह से किया है क्योंकि उसके ग्राहकों ने प्लास्टिक स्ट्रॉ के यूज़ करने का विरोध किया था।
इंडिया के कई राज्यों में बैन है प्लास्टिक
इंडिया के कई राज्यों में प्लास्टिक को बैन कर दिया गया है। लेकिन इन छोटी-छोटी चीजों पर लोगों का ध्यान नहीं जाता है। स्टारबक्स ने रिसाइकलेबल स्ट्रॉ का इस्तेमाल कर एक अच्छा काम किया है। इंडिया में कई दूसरे रेस्टोरेंट भी ऐसा कर सकते हैं और उसकी जगह ये ऑप्शन ट्राय कर सकते हैं।
बैम्बू इंडिया
यह प्लास्टिक स्ट्रॉ का एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है। बैम्बू इंडिया बांस की एक कैटेगरी होती है जिसका इस्तेमाल स्ट्रॉ की तरह किया जा सकता है। यह दिखने में भी काफी सुंदर लगते हैँ। यह पूरी तरह से इको-फ्रेंडली होते हैं और इससे पर्यावरण को भी किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाते हैं।
पेपर प्लास्टिक
कई कंपनियां पेपर स्ट्रॉ बेचने लगी हैं और इसका उत्पादन भी भारत में होने लगा है। यह नॉन-टॉक्सिक होती हैं जब तक की इसमें किसी तरह के रंग और स्याही का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। इन्हें रिसाइक्लिंग करना भी आसान होता है और यह पर्यावरण को भी किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाते हैं।
पेपर की चीजें
स्ट्रॉ के अलावा मार्केट में कागज के कटोरी, चम्मच और प्लेट्स भी आने लगे हैं। यह किसी भी तरह का पर्यावर्ण को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं।
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