सावन हिंदू कैलेंडर में भगवान शिव को समर्पित एक पवित्र महीना है। यह भक्ति, आध्यात्मिकता और उपवास का समय होता है। इस महीने में कई भक्त उपवास रखते हैं, कुछ खाद्य पदार्थों से परहेज करते हैं। इस दौरान खाने-पीने में काफी सावधानी बरती जाती है।
इस समय अनाज का सेवन नहीं किया जाता है और लोग कुट्टू, साबूदाना, राजगिरा और सिंघाड़े जैसी सामग्रियों का सेवन करते हैं। अगर आप भी सावन की तैयारी कर रहे हैं, तो अपनी पैंट्री को पहले ही जरूरी इंग्रीडिएंट्स से भर लें। चलिए आपको सावन एसेंशियल सामग्रियों की लिस्ट बताएं।
1. कुट्टू का आटा
इसे क्यों रखें:
सावन के उपवास के दौरान कुट्टू का आटा एक लोकप्रिय सामग्री है। यह ग्लूटेन-फ्री और फाइबर से भरपूर होता है, जो इसे नियमित आटे का एक स्वस्थ विकल्प बनाता है।
उपयोग:
इसका उपयोग रोटी, पूड़िया, हलवा और पैनकेक आदि बनाने के लिए किया जा सकता है। लोग आलू के पकोड़े बनाते वक्त भी बेसन की जगह इसका उपयोग करते हैं। आप भी कुट्टू और आलू के पकोड़े ट्राई कर सकते हैं।
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2. अमरनाथ का आटा (राजगिरा आटा)
क्यों रखें:
अमरनाथ का आटा भी ग्लूटेन-फ्री होता है। इसके अतिरिक्त, यह प्रोटीन और मिनरल्स से भरपूर होता है। उपवास रखने के बाद आमतौर पर लोग ऊर्जा की कमी का एहसास करते हैं। ऐसे में इसे खाना एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
उपयोग:
इससे रोटी और पूड़ी बनाई जा सकती है। पराठे बनाने के लिए राजगिरा के आटे का उपयोग होता है। डाइटिंग करने वाले लोग इससे चीला बनाकर खा सकते हैं।
3. मखाना (फॉक्स नट्स)
क्यों रखें:
मखाना प्रोटीन से भरपूर और कैलोरी में कम एक स्वस्थ नाश्ता विकल्प है। यह अपने एंटीऑक्सीडेंट गुणों के लिए भी जाना जाता है।
उपयोग:
कुरकुरे नाश्ते के लिए नमक और मिर्च के साथ भूनें। आप खीर में भी इसे डाल सकते हैं और तो और मखाने की खीर भी प्रसाद में भोग के लिए बनाई जा सकती है।
4. साबूदाना
क्यों रखें:
उपवास के दौरान साबूदाना एक मुख्य सामग्री है। इसका उपयोग उपवास में बहुत ज्यादा किया जाता है। साबूदाना पचने में आसान होता है और ऊर्जा का प्रदान करने के लिए भी बढ़िया विकल्प है।
उपयोग:
साबूदाने की आमतौर पर खिचड़ी खाई जाती है। मूंगफली, आलू और नमक मिर्च जैसे मसालों को डालकर आप भी इसकी चटपटी खिचड़ी तैयार कर सकते हैं। स्नैक्स के रूप में आप साबूदाने का वड़ा भी खा सकते हैं।
5. ताजे और सूखे फल
क्यों रखें:
फल उपवास के आहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, जो प्राकृतिक शर्करा, विटामिन और हाइड्रेशन प्रदान करते हैं। आप ताजे फलों के साथ ड्राई फ्रूट्स भी पहले ही अपनी पेंट्री में रख लें।
उपयोग:
दिन में भूख लगने पर फलों को खा सकते हैं। आप इनकी स्मूदी भी बना सकते हैं। इसके अतिरिक्त ड्राई फ्रूट्स को अपने डेजर्ट में शामिल कर सकते हैं। स्नैक के रूप में मुट्ठी भर ड्राई फ्रूट्स आपकी भूख को नियंत्रित करते हैं। मिठाई और स्नैक्स में किशमिश, खजूर और खुबानी जैसे ड्राई फ्रूट्स का उपयोग करें।
6. सेंधा नमक
क्यों रखें:
उपवास के समय साधारण नमक नहीं खाया जाता है। इस दौरान सेंधा नमक खाने की सलाह दी जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि सेंधा नमक प्रोसेस नहीं किया जाता है और शुद्ध माना जाता है। यह शरीर में इलेक्ट्रोलाइट संतुलन बनाए रखने में मदद करता है।
उपयोग:
आप नींबू पानी या अन्य किसी एनर्जी ड्रिंक बनाते हुए इसका उपयोग कर सकते हैं। हर भोजन में सेंधा नमक का उपयोग करें।
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7. डेयरी उत्पाद
क्यों रखें:
दूध, दही, पनीर और अन्य डेयरी उत्पाद प्रोटीन और कैल्शियम के बेहतरीन स्रोत हैं, जो उपवास के दौरान जरूरी हैं।
उपयोग:
आप उपवास में दही से लस्सी या छाछ बना सकते हैं। पनीर की सब्जी खा सकते हैं। लोग थाली में ताजा दूध भी शामिल करते हैं। आप भी चाहें, तो सोने के समय एक गिलास दूध पिएं। खीर बनाने के लिए भी ताजा दूध काम आता है।
8. सिंघाड़ा
क्यों रखें:
सिंघाड़े का आटा भी राजगिरा और कुट्टू की तरह ग्लूटेन-फ्री होता है। इसके अतिरिक्त, यह पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसे फल के रूप में भी खा सकते हैं।
उपयोग:
आप सिंघाड़े को पीसकर इसका आटा बनाएं और उससे रोटी, पूड़ी और हलवा तैयार कर सकते हैं। यह पकोड़े बनाने के लिए भी अच्छा होता है।
9. मूंगफली
क्यों रखें:
मूंगफली प्रोटीन और स्वस्थ वसा का एक अच्छा स्रोत है। यह भूख को शांत करने में मदद करती है। इस वर्सेटाइल सामग्री का उपयोग कई सारी चीजों में किया जाता है।
उपयोग:
आप चीले या वड़ा के साथ के लिए मूंगफली की चटनी बना सकते हैं। साबूदाना खिचड़ी में क्रश की हुई मूंगफली डाल सकते हैं। मूंगफली को पीसकर उसके आटे से प्रसाद के लिए लड्डू बनाए जा सकते हैं।
अब आप भी सावन में अपनी पेंट्री को इन एसेंशियल सामग्रियों से भर सकते हैं। डेयरी उत्पाद या फलों को उसी दौरान लाएं, जब उनका उपयोग कर रहे हैं। पहले से लाकर रखने से वे बासी हो सकते हैं।
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Image Credit: Freepik
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