आलू, आज दुनिया की सबसे पॉपुलर और सबसे ज्यादा खाई जाने वाली सब्जियों में से एक है। फ्रेंच फ्राइज से लेकर मैश पोटैटो तक, यह साधारण सब्जी कई तरह की डिशेज में इस्तेमाल होती है। हालांकि, आलू का सफर इतना आसान नहीं रहा है। कभी इसे जहरीला समझकर नकार दिया गया था, लेकिन समय के साथ यह दुनियाभर के भोजन का अहम हिस्सा बन गया और आज इसे सब्जियों का राजा कहा जाता है।
आज हम इस आर्टिकल में आपको एक साधारण जंगली पौधे से लेकर दुनियाभर में खाए जाने वाले प्रमुख खाद्य पदार्थ आलू के सफर की एक अनोखी कहानी बताने वाले हैं।
आलू की उत्पत्ति
पुरातत्वविदों के मुताबिक, लगभग 7000 साल पहले आलू की खेती एंडीज पर्वत के आदिवासियों ने की थी। इन ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जंगली आलू की खेती की जाती थी। आलू को इंका साम्राज्य समेत कई प्राचीन एंडियन संभ्यताओं ने भोजन का अहम हिस्सा बनाने के साथ-साथ इसका धार्मिक अनुष्ठानों और समय मापने के तरीके के रूप में भी इस्तेमाल किया था। एंडीज पर्वत पर ठंडी पहाड़ियों से लेकर गर्म घाटियां तक शामिल हैं, जहां पर आलू की कई किस्मों की खेती की जाती थी। यहां के किसान आलू को फ्रीज ड्राइंग तकनीक के जरिए स्टोर करके रखते थे, ताकि भयंकर सर्दी और अकाल के दौरान इसका इस्तेमाल कर सकें।
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यूरोप में फैला
16वीं शताब्दी में जब स्पेनिश विजेता साउथ अमेरिका पहुंचे, तो वे आलू को यूरोप लेकर चले गए। शुरुआत में, यूरोपियन आलू खाने से डरते थे, क्योंकि यह नाइटशेड फैमिली के जहरीले पौधों जैसा दिखता था। कुछ लोगों को डर था कि कहीं इसको खाने से उनकी मौत न हो जाए। इसके अलावा, बाइबिल में आलू का जिक्र नहीं किया गया था, इसलिए कुछ धार्मिक समूहों का मानना था कि ये अप्राकृतिक फसल है। किसान आलू उगाने से डरते थे, क्योंकि आलू जमीन के अंदर पैदा होता था। हालांकि, जब उन्हें पता चला कि आलू खराब मिट्टी में भी आसानी से उगाया जा सकता है और इसमें हाई कैलोरी पाई जाती है, तो इसे खाया जाने लगा।
18वीं शताब्दी तक, आलू कई यूरोपीय देशों में प्रमुख भोजन बन गया था और लोगों ने डिशेज में आलू को डालकर खाना शुरू कर दिया था। आलू मौसम की मार को झेल लेता था और आलू ने अकाल के प्रभाव को भी कम कर दिया था, जिससे जनसंख्या में वृद्धि दिखाई देने लगी थी।
सांस्कृतिक और आर्थिक प्रभाव
18वीं शताब्दी में, फ्रांसीसी कृषि वैज्ञानिक और फार्मासिस्ट पारमेंटियर ने आलू को लोकप्रिय बनाने में अहम भूमिका निभाई। जब वे प्रशिया में युद्ध बंदी थे, तब उनका मुख्य भोजन आलू हुआ करता था, जिसके कारण वे जीवित रहे। फ्रांस लौटने के बाद, उन्होंने आलू को लोगों के बीच मशहूर करने के लिए एक शाही दावत का आयोजन किया, जिसमें उन्होंने राजा लुई सोलहवें और रानी मैरी एंटोनेट जैसी बड़ी हस्तियों के सामने आलू से बने व्यंजनों को परोसा। इसके अलावा , उन्होंने पेरिस के पास आलू की खेती की और जानबूझकर खेत की सुरक्षा के लिए पहरेदार तैनात कर दिए। पहरेदार तैनात देखकर, चोरों ने रात में आलू की चोरी की और पूरे शहर में यह बात आग की तरह फैल गई और आलू का जमकर प्रचार हुआ।
प्रशिया के राजा फ्रेडरिक द ग्रेट ने अकाल से निपटने के लिए आलू की खेती को बढ़ावा देने का फैसला किया। उन्होंने किसानों के बीच आलू बांटे ताकि किसान इसकी उपयोगिता को समझें। जो किसान आलू उगाने से मना करते थे, उन्हें दंडित करने की चेतावनी दी जाती थी। उनके इस प्रयास से आलू जल्द ही प्रशिया में एक महत्वपूर्ण फसल बन गया।
जब आलू यूरोपीय खेती का हिस्सा बना, तो इसका गहरा असर पड़ा। खासतौर पर, आयरलैंड में इसकी अत्यधिक निर्भरता ने एक बड़ी त्रासदी को जन्म दिया। 19वीं शताब्दी के मध्य में, एक खतरनाक बीमारी ने आलू की फसल को खराब कर दिया। नतीजतन, वहां अकाल पड़ गया और लाखों लोग भूख से मर गए और कई लोगों ने देश से पलायन कर लिया। हालांकि, इस घटना के बाद भी आलू की लोकप्रियता घटी नहीं। 19वीं शताब्दी तक, पूरी दुनिया में आलू फैल चुका था।
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आलू का बाकी दुनिया में विस्तार
यूरोपीय व्यापारियों ने दुनियाभर की यात्रा की और उन्होंने आलू को नए देशों में पेश किया। 18वीं शताब्दी की शुरुआत में यूरोपीय प्रवासियों द्वारा आलू को साउथ अमेरिका पहुंचाया गया। 19वीं शताब्दी तक यह अमेरिका के लोगों के भोजन का मुख्य हिस्सा बन चुका था। वहीं, भारत में पुर्तगाली व्यापारियों ने इसे पेश किया और आज भारतीय व्यंजनों में यह प्रमुख कम्पोनेंट बन गया है। इतना ही नहीं, चीन आज दुनिया का सबसे बड़ा आलू उत्पादक देश है। 20वीं शताब्दी के दौरान, आलू की व्यापक रूप से खेती की जाने लगी और यह चाइनीज डिशेज का एक प्रमुख कम्पोनेंट है।
सब्जियों का राजा आलू
आज, आलू दुनिया भर की सबसे महत्वपूर्ण फसलों में से एक है, जो करोड़ों लोगों को जरूरी पोषण और ऊर्जा प्रदान करता है। आलू में कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, विटामिन C और B6, साथ ही पोटेशियम जैसे जरूरी खनिज मौजूद होते हैं। यह ग्लूटेन-फ्री होता है और इसे उबालकर, तलकर, सेंककर और भूनकर कई तरह से खाया जा सकता है। आलू आपको ढाबे से लेकर फाइव-स्टार रेस्तरां तक के व्यंजनों में मिल जाएगा।
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