जलेबी खाने वालों के सामने इसका जिक्र तक कर दो तो उनके मुंह में पानी आ जाता है। अब इसी तरह इसकी चचेरी बहन हुई इमरती जो दिखने में भले ही उसके जैसी लगे, लेकिन इसे बनाने में काफी अंतर होता है। इसे तरह-तरह के नामों से जाना जाता है। कहीं इसे अमीटी कहते हैं तो कुछ अमरीती कहते हैं, कुछ जांगरी तो कुछ जांगिरी भी कहते हैं।
इसे जलेबी की तरह रबड़ी के साथ खाया जाता है, लेकिन इस पहली बार कैसे बनाया गया था क्या आपको मालूम है? कहते हैं इमरती को बोरियत में बनाया गया था और उसके बाद यह इतनी लोकप्रिय हुई कि देश भर में इसे पसंद किया जाने लगा।
आज इस आर्टिकल में हम चलिए इमरती की उत्पत्ति और उससे जुड़े दिलचस्प तथ्य भी आपको बताते चलते हैं।
ऐसा कहा जाता है कि राजकुमार सलीम को मिठाइयों का बड़ा शौक हुआ करता था। वह अक्सर खाना खाने के बाद लड्डू, खीर जैसी मिठाइयां खाते ही थे। मगर एक दिन ऐसा हुआ कि उन्हें जो डेजर्ट सर्व हुआ उसे खाने से उन्होंने एकदम मना कर दिया। खानसामा इस बात से परेशान रहे कि मीठा पसंद करने वाले राजकुमार अचानक क्यों मना कर रहे हैं? बाद में पता चला कि वो कुछ नया और यूनिक खाना चाहते थे।
तभी खानसामा को इमरती जैसा डेजर्ट याद आया जिसे जुलबिया फारसी में जुलबिया कहते हैं। उन्होंने इसे थोड़ा सा ट्विस्ट दिया और उड़द की दाल का बैटर बनाकर उसे पहले फ्राई किया और फिर चाशनी में डुबोकर राजकुमार को पेश किया। यह रेसिपी राजकुमार सलीम को बेहद पसंद आई और यही कारण है कि इसका नाम जांगरी पड़ा (कितनी तरह की होती हैं जलेबियां)।
देखा जाए तो जलेबी को देखा-देखी ही इमरती को बनाया गया, लेकिन इन दोनों में एक बड़ा अंतर है। ये दोनों भले ही एक जैसी दिखें, लेकिन होती अलग-अलग हैं। सबसे बड़ा अंतर है कि जलेबी को मैदे से बनाया जाता है और इमरती को उड़द की दाल से बनाया जाता है। यह जलेबी से थोड़ा ज्यादा ड्राई होती है।
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वैसे तो इमरती आपको भारत के हर राज्य में मिलेगी, लेकिन उत्तर प्रदेश का जौनपुर अपनी इमरती के लिए बहुत लोकप्रिय है।
जौनपुर में मौजूद एक करीब डेढ़ दशक पुरानी दुकान है, जिसका नाम बेनी प्रसाद है। यह अंग्रेजों के जमाने वाले समय से अपनी लजीज इमरती के लिए चर्चित है और आज उनकी चौथी पीढ़ी आज यह दुकान चला रही है।
इसी तरह जौनपुर से 20 किलोमीटर की दूरी पर रामदयाल गंज नाम का कस्बा है। यह कस्बा अपनी इमरती के लिए फेमस है। देसी घी में बनी इमरती के ऊपर मोटी मलाईदार रबड़ी का जायका आपके स्वाद को बढ़ाता है।
जैसा कि हमने आपको बताया इमरती को मूंग दाल से बनाया जाता है। इसे भिगोकर एक बैटर तैयार किया जाता है और फ्राई कर बनाया जाता है। अगर आपको इसकी रेसिपी नहीं मालूम, तो चलिए वो हम आपको बताएं।
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तो ये थी इमरती की प्यारी सी कहानी! आपको यह जानकारी कैसी लगी हमें कमेंट कर जरूर बताएं। अगर आपको यह लेख पसंद आया तो इसे लाइक और शेयर करें और इसी तरह पकवानों के किस्से जानने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी के साथ।
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