आज भी लोगों की बीच परफेक्ट उबले हुए अंडे को लेकर बहस जारी है, क्योंकि हर किसी के लिए परफेक्ट बॉयल एग का मतलब काफी अलग होता है। कोई कहता है कि अंडे को भाप में उबालकर परफेक्ट पकाया जा सकता है, तो कोई कहता है कि प्रेशर-कुकर में अंडे को बढ़िया तरीके से उबाला जा सकता है। ऐसे में, अभी तक परफेक्ट उबले हुए अंडे को परिभाषित नहीं किया जा पाया है। कई बार यह Argument काफी तेज हो जाती है, क्योंकि समय-समय पर अंडे को परफेक्ट तरीके से पकाने का नया तरीका सामने आ जाता है।
हाल ही में वैज्ञानिकों ने बताया कि प्रोटीन से भरपूर अंडे को उबालने के लिए उसके पीले हिस्से और उसके सफेद हिस्से दोनों को अलग-अलग तापमान में पकाया जाना चाहिए। कई बार अंडा उबालते समय हम देखते हैं कि उसकी जर्दी टाइट हो जाती है और सफेद हिस्सा अधपका रह जाता है। ऐसे में एकदम सही उबला हुआ अंडा पाने के लिए आपको अलग-अलग तापमान पर दो बर्तनों में पानी, 2 मिनट का टाइमर और 32 मिनट का समय चाहिए होगा।
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हम सभी जानते हैं कि अंडे के अंदर दो खास पदार्थ पाए जाते हैं, पहला उसका सफेद भाग और दूसरा पीली जर्दी। वैज्ञानिकों द्वारा की गई स्टडी में बताया गया कि अंडे के अंदर मौजूद दोनों एलिमेंट्स की संरचना अलग-अलग होती है, इसलिए अंडे के दोनों भागों को अलग-अलग तापमान पर पकाया जाता है। अंडे के सफेद भाग के लिए 85 डिग्री सेल्सियस और पीले भाग के लिए 65 डिग्री सेल्सियस तापमान की आवश्यकता होती है। वहीं, जब आप अंडे को 100 डिग्री सेल्सियस पर उबालते हैं, तो उसका सफेद भाग अच्छी तरह से पक जाता है, लेकिन उसकी जर्दी पूरी सख्त हो जाती है।
वहीं, अगर आपको अंडे की जर्दी नरम चाहिए तो इसका तरीका अलग होता है। ऐसे में, अंडा पकाने के लिए दूसरे तरीके सू विडे की जरूरत पड़ती है, जिसमें अंडे को 60 से 70 डिग्री सेल्सियस के बीच हल्के गर्म पानी में एक घंटे तक भिगो दिया जाता है। ऐसा करने से अंडे की जर्दी नरम बनी रहती है, लेकिन सफेद भाग पूरी तरह से पक नहीं पाता है और गीला बना रहता है। इसके अलावा, वैज्ञानिकों ने अंडे को सही तरीक से पकाने के लिए एक और नया तरीका भी ढूंढ निकाला है, जिसमें अंडे का स्वाद बेहतर बना रहता है और इसमें न्यूट्रिशन भी बने रहते हैं।
इटली के नेशनल रिसर्च काउंसिल के वैज्ञानिकों ने हाल ही में अंडा पकाने का नया तरीका ईजाद किया है, जिसे पीरियोडिक कुकिंग कहा जाता है। इस कुकिंग प्रोसेस में अंडे को पहले 100 डिग्री सेल्सियस उबलते पानी में रखा जाता है और फिर 30 डिग्री सेल्सियस हल्के गुनगुने पानी में डाला जाता है। बेस्ट रिजल्ट के लिए, अंडे को हर 2 मिनट के लिए उबलते पानी में डालना होता है, फिर इसे चम्मच से बाहर निकालकर और 2 मिनट के लिए गुनगुने पानी में डालना होता है। इस प्रक्रिया को कुल 8 बार दोहराना होता है, जिसमें करीब 32 मिनट लगते हैं। अगर आप इस कुकिंग मैथड को अपनाते हैं, तो रिजल्ट शानदार रहेगा।
वैज्ञानिकों ने इस तरीके से अंडे को उबाला और पाया कि अंडे के स्वाद और बनावट में कोई अंतर नहीं आया। साथ ही, अंडे की जर्दी में अधिक मात्रा में पॉलीफेनोल्स मौजूद थे। यह सूक्ष्म पोषक तत्व होते हैं, जो सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं। इसके अलावा, इस तरीके से पकाए हुए अंडे की जर्दी नरम और क्रीमी थी। साथ ही, अंडे का सफेद भाग परफेक्ट तरीके से उबला हुआ और मुलायम था। वैज्ञानिकों का मानना था कि पीरियोडिक कुकिंग मैथड से अंडे को पकाने में सफेद भाग का तापमान 35 डिग्री सेल्सियस से 100 डिग्री सेल्सियस के बीच बदलता रहा था, जबकि जर्दी का तापमान 67 डिग्री सेल्सियस ही बना रहा था।
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