आपके किचन में मौजूद कई चीज़ों में से एक राजगिरा भी होगा। उपवास के दौरान हमेशा हम इसे खाया जाता है और इससे कई तरह की डिशेज बनाई जाती हैं। एक तरह से देखा जाए तो राजगिरा उन इंग्रीडिएंट्स में से एक है जो इंस्टेंट एनर्जी देने का काम कर सकता है। राजगिरा का इस्तेमाल शायद आपने भी कई बार किया होगा और मार्केट में जाकर इसे खरीदा होगा, लेकिन क्या आप जानते हैं कि राजगिरा बनता कैसे है?
हमारे किचन में मौजूद कई ऐसी चीज़ें होती हैं जिनके बारे में हमको पता तो होता है, लेकिन हम उनके बनने के प्रोसेस के बारे में नहीं जानते हैं। हरजिंदगी आपको ऐसी ही चीज़ों से रूबरू करवा रहा है। पहले भी हम आपको मखाने के बनने के तरीके, साबूदाना, दलिया, सूजी आदि के बारे में इस तरह से जानकारी दे चुके हैं और इसी कड़ी में आज बात करते हैं राजगिरा की।
क्या होता है राजगिरा?
राजगिरा अमरांथ के पौधे के बीज से बनता है और इसे एक वंडर ग्रेन कहा जाता है। इसे सिर्फ भारत में ही नहीं खाया जाता बल्कि मेक्सिको और मीसो अमेरिकन्स की डाइट का हिस्सा इसे 8000 सालों से माना गया है।
इसे कई डाइट एक्सपर्ट्स वेट लॉस के लिए अच्छा आइटम मानते हैं और साथ ही साथ इसे खाया इसलिए जाता है क्योंकि ये इंस्टेंट एनर्जी देने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
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आखिर उपवास में ही क्यों खाया जाता है इसे?
उपवास के समय ही राजगिरा का इस्तेमाल इसलिए किया जाता है क्योंकि इसमें प्रोटीन की मात्रा ज्यादा होती है। वैसे तो ये एक फूल से निकलता है, लेकिन इसे अनाज की केटेगरी में ही रखा जाता है। इसे सुपर ग्रेन माना जाता है। इसमें कार्ब्स और फाइबर भरपूर मात्रा में है। 1 कप राजगिरा में 46 ग्राम कार्ब्स और 5 ग्राम फाइबर होते हैं। इसी के साथ, इसमें कैल्शियम, फास्फोरस, मैग्नीशियम, आयरन, फोलेट और सेलेनियम जैसे मिनरल्स मौजूद होते हैं।
इसी के साथ ग्लूटेन फ्री होने के कारण ये एनर्जी देता है, लेकिन वजन कम करने में भी मदद करता है।
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कैसे बनता है राजगिरा?
- इसकी शुरुआत अमरांथ पौधे से होती है। इसके ही बीज को प्रोसेस किया जाता है जिसे राजगिरा कहा जाता है।

- पहले बीज निकाल कर उन्हें सुखाया जाता है और ये बीज बहुत ज्यादा मात्रा में मिलते हैं।
- इसका फूल थोड़ा सा पर्पल रंग का होता है जिसके अंदर से बीज निकलते हैं। अगर आपको बीज से सिर्फ फूल उगाने हैं तो इसे इसी समय आप हार्वेस्ट कर सकते हैं और नए पौधे लगाए जा सकते हैं, लेकिन खाने लायक बनाने के लिए आपको इसके सूखने तक का इंतज़ार करना होगा।

- अगर आपने राजगिरा का फूल गीला ही निकाला है तो इसे 3-4 दिन तक धूप में सूखने के लिए रख दें। इसके बाद इसे रगड़ कर आप राजगिरा के बीज निकाल सकते हैं।
- इसके बाद इसकी सफाई का प्रोसेस होता है जिसमें फूलों की बची हुई पत्तियों को इससे निकाला जाता है। इसे अधिकतर ब्लोइंग मशीन आदि से किया जाता है।
- इसके बाद इन्हें प्रोसेस कर पैक कर दिया जाता है। ये पूरी तरह से सीड है इसलिए इसे आप बेजिझक खा सकते हैं, लेकिन अगर आपको नट एलर्जी है तो ये सही नहीं होगा।
- सलाह ये दी जाती है कि राजगिरा पहले ड्राई रोस्ट कर लें जिससे ये पॉप हो जाए और ये खाने के लिए पूरी तरह से तैयार हो।
- आप इसी प्रोसेस से घर पर भी राजगिरा हार्वेस्ट कर सकते हैं और ये बहुत ही आसानी से उगने वाला पौधा है जिसे बहुत ज्यादा केयर की जरूरत नहीं होती है।
अगर आप भी जानना चाहते हैं कि किस तरह से आपके किचन में मौजूद कोई इंग्रीडिएंट बनता है तो हमें कमेंट बॉक्स में भेजें और हम आपको उसके बारे में ऐसी ही डिटेल देंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।
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