How Besan is Made: भारतीय व्ंयजनों में बेसन का उपयोग कई सारी चीजों में किया जाता है। मानसून में बेसन में बने पकौड़े, ब्रेड पकौड़े, सब्जी, चीला, भजिया, बूंदी, ढोकला आदि कई सारे पकवान बनाए जाते हैं। बेसन का उपयोग खाने में बहुत ही व्यापक रूप से होता है।
आपके घरों में भी बेसन का उपयोग तो होता ही होगा, लेकिन क्या आप सही बेसन बाजार से खरीद रहे हैं? कहीं आपके बेसन में किसी तरह की मिलावट तो नहीं हो रही है? क्या आपका बेसन नकली तो नहीं और आप उसी के पकवान बना रही हैं और परोस रही हैं। चलिए आज आपको बताते हैं कि बेसन कैसे बनाया जाता है?
कैसे बनता है बेसन?
बेसन सूखे, पिसे हुए चने से बनाया जाता है जिसे बंगाल चना या काला चना कहा जाता है। बेसन में कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन की अच्छी मात्रा होती है और किसी भी अन्य आटे से ज्यादा फाइबर होता है। इसके साथ ही इसमें ग्लूटेन नहीं होता है। इसका उपयोग भारतीय, पाकिस्तानी, बांग्लादेशी और अन्य व्यंजनों में भी बहुत किया जाता है। इसका उपयोग करी या ग्रेवी को गाढ़ा करने के लिए और पकौड़े आदी बनाने के लिए होता है। प्योर चना दाल से बने दरदरे बेसन का इस्तेमाल भारतीय कुजीन में मिठाइयों को बनाने के लिए किया जाता है। यह आम बेसन जैसा ही दिखेगा बस इसके टेक्सचर में थोड़ा अंतर होता है।
इसे भी पढ़ें : बेसन से बनाएं ये टेस्टी स्नैक्स, टेस्ट में हैं लाजवाब
क्या एक होता है ग्राम फ्लार और चिकपी फ्लार?
कई लोग बेसन और छोले के आटे को एक ही समझ लेते हैं। भूरे चने के आटे और चना दाल आटे को ब्लेंड करके बेसन बनाते हैं। अब चूंकि यह चिकपी से बनता है तो इसे वही मान लेते हैं। लेकिन बेसन छोले के आटे से काफी ज्यादा पतला और अच्छी तरह पिसा हुआ होता है। छोले के आटे को यूनाइटेड स्टेट में गारबान्जो आटा भी कहते हैं और यह सफेद छोले से बनता है। यह हम्मस, फलाफल और चना मसाला जैसे अन्य व्यंजनों में मेन इंग्रीडिएंट के रूप में डाला जाता है।
कैसे करें असली बेसन की पहचान?
चने से बनने वाला बेसन की मांग चूंकि बहुत ज्यादा होती है, इसलिए पूरी संभावना है कि इसमें मिलवाट की गई हो। अक्सर ऐसा पाया जाता है कि लोग इसे मक्का, पीले मटर, चावल, केसरी दाल आदि के आटे से मिलाकर बनाते हैं। रंग और मात्रा बढ़ाने के लिए कई बार इसमें सिंथेटिक रंग जैसे मेटानिल पीला मिलाया जाता है। इसका पता आप घर में ऐसे लगा सकते हैं-
नींबू से लगाएं पता
आपके किचन में रखे बेसन में मिलावट की पहचान करने के लिए आप नींबू का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए आपके पास हाइड्रोक्लोरिक एसिड भी होना चाहिए। आप पहले एक छोटी कटोरी में 2 चम्मच नींबू का रस और 2 चम्मच हाइड्रोक्लोरिक एसिड डालकर मिला लें। अब इस सॉल्यून को अपने बेसन में डालकर 5-10 मिनट के लिए छोड़ दें। अगर कुछ समय बाद आपका बेसन लाल या भूरे रंग का हो तो समझ लें कि उसमें मिलावट है।
इसे भी पढ़ें : पराठे से लेकर ड्रिंक्स तक, गर्मियों में सत्तू से बनाएं ये बेहतरीन रेसिपीज
हाइड्रोक्लोरिक एसिड से लगाएं पता
अगर आप बेसन में केसरी दाल या अन्य मिलावट का पता लगाना चाहें तो उसके लिए बेसन को पहले थोड़ा गुनगुने पानी में डालकर एक घोल तैयार कर लीजिए। इसके लिए आपके पास हाइड्रोक्लोरिक एसिड होना चाहिए। अब बेसन के घोल में 2-3 ड्रॉप्स हाइड्रोक्लोरिक एसिड की डालें। अगर कुछ देर में आपका घोल गुलाबी या पर्पल होने लगे तो इसका मतलब है कि आपका बेसन मिलावटी है।
बेसन किस दाल से बनता है यह तो आपको पता चल ही गया होगा। आप अगर मिलावटी बेसन न खाना चाहें तो इसे घर पर आसानी से बना सकते हैं। इससे आप खराब और मिलावटी बेसन खाने से बचेंगे और आपके पकवानों में ओरिजिनल स्वाद भी आएगा।
हमें उम्मीद है यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा। इसे लाइक और शेयर करें और इसी तरह अन्य फूड आइटम्स के बारे में जानने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी के साथ।
Image Credit : Shutterstock & Freepik
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों