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history of moong dal in hindi

Dal History: कुछ इस तरह बनी दाल थाली का हिस्सा, जानें इसका दिलचस्प इतिहास

जब भी आप दाल खाते होंगे, तो यकीनन आपके दिमाग में यह सवाल जरूर आता होगा कि आखिर यह दाल आई कैसे और इसे किसने बनाया होगा? अगर इन सवालों का जवाब जानना है, तो इस लेख को पूरा पढ़ें।&nbsp; <div>&nbsp;</div>
Editorial
Updated:- 2024-01-18, 16:56 IST

रोटी, चावल, नान या ब्रेड दाल का कॉम्बिनेशन हर किसी के साथ अच्छा लगता है। आज दाल की दर्जनों वैरायटीज मौजूद है, जिसे लोग अपनी पसंद के हिसाब से खाना पसंद करते हैं। कई लोग दाल को मजेदार तरीके से बनाते हैं जैसे दाल मखनी। दाल मखनी के ऊपर से मक्खन डालकर नान के साथ सर्व की जाती है। 

कई दाल तो ऐसी हैं जिन्हें एक नहीं बल्कि कई तरह से इस्तेमाल किया जाता है जैसे- मूंग की दाल। मूंग की दाल से कई तरह के स्वादिष्ट व्यंजन बनाए जाते हैं, जिससे हलवा, दही भल्ले और भी ना जाने क्या-क्या....। 

अगर कभी आपके मन में यह सवाल आया है कि आपकी थाली को संवारने और आपकी भूख को मिनटों में कम करने वाली दाल आखिर कहां से आई,  आखिर कैसे यह स्वादिष्ट दाल हमारी थाली का हिस्सा बनी और लोगों ने इसका इस्तेमाल करना शुरू किया। 

आपको इन सवालों के जवाब मिलेंगे, बस हमारा पूरा लेख पढ़ें और दाल का रोचक इतिहास जानें। तो देर किस बात की आइए विस्तार से जानते हैं। 

मूंग की दाल किसे कहते हैं?

What is the origin of moong dal

मूंग की दाल दो तरह की होती है, जिसमें से एक का कलर पीला और एक का हरा और दोनों ही दाल का इस्तेमाल अलग-अलग व्यंजन बनाने के लिए किया जाता है। बता दें कि मूंग की दाल खाने में बेहद स्वादिष्ट और पोषक तत्वों से भरपूर होती है। इसमें कैलोरी की मात्रा बहुत कम होती है जो वजन को नियंत्रित करने में बहुत उपयोगी मानी जाती है। (कच्ची दाल से जुड़े ये आसान फूड हैक्स)

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मूंग दाल का इतिहास 

Where does moong come from

कहा जाता है किमूंग की दाल को सबसे पहले भारत में ही बनाया गया था। इसकी पैदावार भारत में ही शुरू हुई और आगे बढ़ी। बता दें बात लगभग तीन हजार साल पुरानी है, जब मूंग दाल जिक्र मिला। यह जिक्र आयुर्वेदिक ग्रंथ ‘चरकसंहिता’ था। 

इसमें दाल की खिचड़ी और सूप के बारे में बताया गया है। कहा जाता है कि भारत में सबसे पहले मूंग दाल पैदा हुई और ईसा पूर्व 2200 ईस्वी में इसकी खेती शुरू हो चुकी थी। इसके अलावा, प्राचीन बौद्ध साहित्य में भी मूंग दाल का उल्लेख किया गया है। आज इस दाल को सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी बनाई और खाई जाने लगी है।  

प्राचीन शादियों में बनती थी मूंग की दाल

आज हम ज्यादातर शादियों में मूंग की दाल किया जाने लगा है। कितना स्वादिष्ट होता है, हेना। मगर क्या आपको पता है कि शादियों में दाल बनाने की परंपरा नई नहीं है, बल्कि बहुत पुरानी है। कहा जाता है कि दाल चंद्रगुप्त मौर्य के समय से ही बनाई जाती थी, हालांकि इस बात को लेकर हमें थोड़ा डाउट है कि वो मूंग की दाल ही थी। 

पर इतना जरूर बता सकते हैं कि उस वक्त दाल को घूघनी के रूप में बनाया गया था। ये पूर्वी भारत के लोगों की शादियों में बनाई जाने वाली सैंकड़ों साल पुरानी परंपरा है, जिसे हम तक फॉलो किया जाता है।  

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मूंग दाल से जुड़े तथ्य

Where does moong come from in hindi

  • जब हम मूंग दाल का नाम सुनते हैं, तो सबसे पहली छाप जो हमारे दिमाग में आती है। वह है उसकी क्वालिटी के साथ मिली जुली सामग्रियां। इस दाल को बनाने में इस्तेमाल किया गया स्लो कुकिंग तरीका इसे खाने के मेन्यू में सबसे खास बनाता है। 
  • मूंग दाल न केवल हमारे करीब है, बल्कि हमारे दिल और प्लेटों के भी करीब है। इसमें एक बहुत ही स्वादिष्ट गुणवत्ता है, जिसकी क्लासिक रेसिपी सबको बहुत पसंद आती है।  
  • शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए मूंग दाल का सेवन बहुत फायदेमंद होता है। मूंग दाल खाने से शरीर को ये फायदे मिलते हैं। 
  • मूंग दाल में फाइबर पर्याप्त मात्रा में मौजूद होता है, जो पाचन तंत्र में सुधार के लिए बहुत उपयोगी माना जाता है। 
  • वजन को कंट्रोल में रखने के लिए मूंग की दाल का सेवन बहुत फायदेमंद माना जाता है। मूंग की दाल में मौजूद लो कैलोरी वजन को नियंत्रित करने का काम करती है। 
  • मूंग दाल को आप अपने चेहरे पर भी लगा सकते हैं और इसका पाउडर फेस पैक बनाने के लिए काम आ सकता है। 

     

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Image Credit- (@Freepik) 

    

 

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