जब भी बिहार के फेमस फूड की बात की जाती है, तो उसमें लिट्टी-चोखा को जरूर शामिल किया जाता है। क्योंकि यह बिहार की एक पारंपरिक डिश है, जिसे लोग ब्रेकफास्ट से लेकर लंच में बड़ी चाव से खाते हैं। हालांकि, अब लिट्टी-चोखा न सिर्फ बिहार, झारखंड में बल्कि पूरे भारत में मशहूर है, जिसे लोग बड़ी शौक से खाते और बनाते हैं। लेकिन कभी आपने सोचा है लिट्टी-चोखा जैसा स्वादिष्ट व्यंजन कहां से आया? क्या वाकई में इसकी उत्पत्ति बिहार से हुई थी? अगर नहीं, तो आज हम आपको लिट्टी-चोखा से जुड़े इतिहास के बारे में कुछ रोचक तथ्यों के बारे में जानकारी देंगे , जिसकी बड़ी दिलचस्प कहानी रही है।
1-लिट्टी-चोखा के बारे में जानें-
लिट्टी-चोखा बिहार का फेमस व्यंजन है, जिसे लोग बड़े शौक से खाते हैं। इसे गेंहू के आटे में सत्तू को भरकर आग में पकाया जाता है। इसके बाद, इसे देसी घी में डुबोकर सर्व किया जाता है। हालांकि, कई लोग बिना घी में भी डुबोकर खाना पसंद करते हैं। वहीं, इसके साथ लोग बैंगन का चोखा खाना पसंद करते हैं।
इसे भी आग में पकाकर टमाटर, मिर्च और मसाले को डालकर तैयार किया जाता है। यह न सिर्फ स्वाद में लाजवाब होता है बल्कि सेहत के लिए फायदेमंद भी माना जाता है। कई लोग इसे राजस्थान के बाटी-चूरमा की संज्ञा देते हैं।
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2-कहां से आया लिट्टी-चोखा?
लिट्टी-चोखा का इतिहास बेहद दिलचस्प रहा है। कहा जाता है कि इसका इतिहास मगध काल से जुड़ा हुआ है क्योंकि लिट्टी का प्रचलन मगध साम्राज्य में बड़ा था और इसका सेवन किया जाता था। बता दें कि मगध को बिहार की राजधानी पटना है क्योंकि प्राचीन समय में मगध की राजधानी पाटलिपुत्र हुआ करती थी। कहा जाता है कि इस दौरान चंद्रगुप्त मौर्य के सैनिक युद्ध में अपने साथ लिट्टी-चोखा लेकर जाते थे।
कई किताबों के अनुसार 18वीं शताब्दी में लंबी दूरी तय करने वाले मुसाफिरों का मुख्य भोजन लिट्टी-चोखा ही था। इसके अलावा, यह भी कहा जाता है कि बिहार में पहले लिट्टी-चोखा को किसान लोग खाया और बनाया करते थे। क्योंकि इसे बनाने में अधिक समय नहीं लगता थी और यह पेट के लिए काफी फायदेमंद था।
3-मुगलकाल से भी जुड़ा है लिट्टी-चोखा का इतिहास-
मगध काल के अलावा, मुगलकाल में लिट्टी-चोखा को बढ़ावा और नया स्वाद देने में बड़ा योगदान है। कहा जाता है कि मुगलकाल में लोग इसे मांसाहारी बनाकर खाया करते थे। इसे लोग मांसाहारी या फिर मांसाहारी पाया के साथ खाना ज्यादा पसंद करने लगे और फिर धीरे-धीरे इसका प्रचलन काफी बढ़ गया। इसके बाद, अंग्रेजों के जमाने में इसे करी के साथ खाया और बनाया जाने लगा।
4-लिट्टी-चोखा को आखिर फूड फॉर सर्वाइवल कहा जाता है?
वैसे तो लिट्टी-चोखा के लोग बड़ी शौक से खाते हैं लेकिन क्या आपको पता है कि इसे फूड फॉर सर्वाइवल है, आखिर क्यों? कहा जाता है कि प्राचीन काल में इसे सैनिक युद्ध के दौरान खाया करते थे। क्योंकि इसकी खासियत है कि ये जल्दी खराब नहीं होता और खाने में हल्का भी होता है।
कई इतिहासकारों के अनुसार 1857 के विद्रोह में भी लिट्टी-चोखा का जिक्र मिलता है। कहा जाता है कि इस दौरान भी सैनिकों ने लिट्टी-चोखा खाया था। इसके अलावा, तात्या टोपे और रानी लक्ष्मी बाईने भी इसे अपनी सेना को खाने के तौर पर दिया था।
5-कितने तरह के होते हैं लिट्टी-चोखा?
आज के समय में आपको लिट्टी-चोखा की कई तरह की वैरायटी मिल जाएंगी जैसे- लिट्टी को आप वेज और नॉनवेज चोखा के साथ खा सकते हैं और वेज और नॉन वेज में भी आपको कई तरह की वैरायटी आसानी से मिल जाएंगी। इसे आप अपनी पसंद के हिसाब से बना सकते हैं लेकिन असल मजा लिट्टी को खाने का वेज चोखे में है जैसे बिहार में खाया जाता है।
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बता दें कि आज इसे बिहार के अलावा झारखंड, उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में बारिश होने के बाद डिफरेंट तरीके से बनाना पसंद करते हैं। आप भी इसे अपनी पसंद के चोखे के साथ बनाकर खा सकती हैं। सेहत के लिए फायदेमंद लिट्टी-चोखा को आपको भी जरूर चखना चाहिए।
लिट्टी-चोखा के बारे में यह जानकारी आपको कैसी लगी हमें जरूर बताएं। यदि यह लेख पसंद आया तो इसे लाइक और शेयर करें। इसी तरह पकवानों के रोचक किस्से पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।
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