History Of Champaran Meat: नॉन वेज खाने के शौकीन लोग जब मटन का नाम सुनते हैं तो मुंह में पानी आ जाता है। कई नॉन वेज लवर इतने शौकीन होते हैं कि कई किलोमीटर दूर तक इस जायके का स्वाद लेने पहुंच जाते हैं।
हर नॉन वेज लवर हांडी मटन का स्वाद एक बार जरूर चखा होगा। आज के समय में यह लजीज व्यंजन पूरे देश में फेमस हो चुका है, लेकिन अगर आपसे यह सवाल किया जाए कि एक स्थानीय जगह से निकालकर यह व्यंजन कब और कैसे इतना फेमस हो गया तो फिर आपका जवाब क्या होगा?
इस आर्टिकल में हम आपको बताने जा रहे हैं कि क्यों हांडी मटन इतना फेमस है और इसका इतिहास क्या है?आइए जानते हैं।
सबसे पहले यह जान लेते हैं कि आखिर हांडी मटन का क्या इतिहास है। दरअसल, हांडी मटन बिहार का एक लजीज नॉन वेज डिश है। ऐसा कहा जाता है कि इस फेमस व्यंजन को सबसे पहले बिहार के चंपारण जिले में बनाया गया था। चम्पारण जिले में यह डिश इतना फेमस हुआ कि चम्पारण के हर चौक-चौराहे पर मिलने लगा और लोगों ने भी काफी पसंद किया।
चम्पारण से धीरे-धीरे निकलकर यह डिश पूरे बिहार में फेमस हो गया। इस डिश को कई लोग चम्पारण मीट के नाम से भी जानते हैं। बिहार में इसे इतना पसंद किया गया कि कुछ सालों बाद दिल्ली से लेकर मुंबई और कोलकाता से लेकर चेन्नई तक पसंद किया जाने लगा। आज यह डिश इस कदर फेमस है कि अब लोग अपने घरों में हर रोज बनाते हैं।
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हांडी मटन का इतिहास जानने के बाद यह जानते हैं कि आखिर हांडी मटन का क्या मतलब होता है। दरअसल, इस लजीज डिश को मिट्टी के बर्तन में तैयार किया जाता है। जिस मिट्टी के बर्तन में इसे तैयार किया जाता है उसे बिहार और चम्पारण में हांडी के नाम से जाना जाता है। इसलिए इस लजीज डिश को हांडी मटन के नाम से जाना जाता है।
अब यह सवाल उठना लाजमी है कि अन्य मटन से हांडी मटन क्यों इतना अलग है? ऐसे में आपको बता दें कि हांडी मटन को लकड़ी की आग पर तैयार किया जाता है। जी हां, हांडी में मटन के साथ सभी मसाले को डालकर अच्छे से मिक्स कर दिया जाता है और हांडी को ढक्कन से ढक दिया जाता है। इसके बाद आटे की मदद से ढक्कन को सील कर दिया जाता है। ढक्कन सील करने के बाद लकड़ी की आग (कोयले की आग) पर रखकर लगभग एक से डेढ़ घंटे के लिए छोड़ दिया जाता है। इसके बाद यह डिश खाने के लिए तैयार हो जाता है।
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इस लजीज डिश को बनाने के लिए प्याज, लहसुन साबुत, अदरक-लहसुन पेस्ट, नमक, धनिया-हल्दी पाउडर, मिर्च और गरम मसाला पाउडर, साबुत गरम मसाला, सरसों तेल, सौंफ पाउडर, दालचीनी, तेजपत्ता, जीरा, काली मिर्च-लौंग, धनिया पत्ता के साथ कई जगह दही का भी इस्तेमाल होता है।(हांडी मटन का स्वाद चखने दिल्ली की इन जगहों पर पहुंचे)
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