Chhole Bhature History: छोले भटूरे भारत में सबसे लोकप्रिय स्ट्रीट फूड में से एक है। नाश्ते के लिए लस्सी और अचार के साथ छोले भटूरे का स्वाद मिल जाए तो बात ही क्या है। बात चाहे पंजाबी खाने की हो या फिर आपकी छोटी भूख को कम करने की, एक प्लेट छोले भटूरे सामने आ जाएं तो दिन ही बन जाता है। यह एक ऐसा प्रसिद्ध व्यंजन है जो शुरू में उत्तर भारत का ही व्यंजन माना जाता था, लेकिन अब ये पूरे भारत में और यहां तक कि विदेशों में भी सबसे ज्यादा लोकप्रिय भोजन बन गया।
आपमें से ज्यादातर लोगों के मन में कभी न कभी ये ख्याल जरूर आया होगा कि आखिर ये छोले भटूरे पहली बार कब बनाए गए होंगे? कब इस स्वदिष्ट व्यंजन ने कढ़ाही से निकलकर हमारी प्लेट में जगह बनाई ? आखिर कब इस पंजाबी डिश ने अपनी जगह भारत के सबसे स्वादिष्ट भोजन के रूप में बनाई? न जाने कितने ऐसे सवाल आप सभी के मन में जरूर आते होंगे। जब भी किसी खाने की बात होती है तो उसकी कोई न कोई दिलचस्प कहानी भी होती है। ऐसे पंजाबी थाली की शान छोले भटूरे का भी अलग इतिहास है जो आपको बेहद दिलचस्प लगेगा।
अगर इस अनोखे स्वाद से भरे व्यंजन की बात करें तो ये 1940 के दशक में दिल्ली, पंजाब, यूपी और हरियाणा जैसे उत्तर भारत के राज्यों में मिलता है। दरअसल इसकी उत्पत्ति की कहानी दिल्ली से जुड़ी है जहां इसे सबसे पहले मुंह में पानी लाने वाले नाश्ते के रूप में शुरू किया गया था। दिल्ली से शुरू होकर धीरे-धीरे ये सबसे अच्छे खाद्य प्रयोगों में से एक है जिसने अद्भुत काम किया और भारत में न जाने कितने लोगों के लिए यह राष्ट्रीय भोजन बन गया। उत्तर भारत से शुरू होकर इस व्यंजन ने दक्षिण भारत की थालियों में भी अपनी अलग जगह बना ली और अब छोले भटूरे कई अंतर्राष्ट्रीय रेस्टोरेंट का भी हिस्सा बन गया।
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दिल्ली और पंजाब में सबसे ज्यादा खाया जाने वाला यह व्यंजन अब पूर्वी उत्तर प्रदेश में भी प्रसिद्ध है। देश भर में लोग अब आमतौर पर सुबह के समय अपने पौष्टिक नाश्ते के रूप में छोले भटूरे का सेवन करते हैं। हालांकि कई लोगों की मानें तो इसकी शुरुआत दिल्ली में ही हुई और लोगों ने इसके स्वाद की वजह से पूरी दुनिया में अपनाया। वास्तव में कई बार इस व्यंजन का स्वाद चखते हुए दिमाग में ये ख्याल आता है कि इसे पहली बार जिसने भी बनाया होगा उसे अवार्ड जरूर मिला होगा। अगर आंकड़ों की बात करें तो एक रिसर्च के अनुसार दुनिया की लगभग 1 अरब आबादी का पसंदीदा व्यंजन छोले भटूरे है।
यह स्वादिष्ट व्यंजन दुनिया भर में अरबों लोगों द्वारा पसंद किया जाता है और इसे तैयार करने के लिए ज्यादा मेहनत की आवश्यकता नहीं होती है। भले ही घर पर छोले भटूरे बनाने की बात क्यों न हो इसे आसानी से तैयार किया जा सकता है। आपके छोले की स्वादिष्ट ग्रेवी और भटूरे का नरम होना व्यंजन की असली खूबी है। छोले भटूरे (दिल्ली की छोले भटूरे की दुकानें)को भारतीय मसालों जैसे धनिया पाउडर, गरम मसाला, जीरा, अदरक, लहसुन, लौंग, लाल मिर्चऔर कई खड़े मसालों के साथ पकाया जाता है। प्याज और टमाटर के साथ इन सही मसालों को मिलाकर आप अपने छोले भटूरे को एक लाजवाब व्यंजन में बदल सकते हैं।
छोले भटूरे की इतनी प्रसिद्धि देखकर 2 अक्टूबर को हर साल छोले भटूरे दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस अनोखे कॉन्सेप्ट की शुरुआत इसके प्रशंसकों ने 2012 में की थी, जब दिल्ली के एक फूडी ने सोशल मीडिया पर छोले-भटूरे के प्रेमियों को बांधने और इसे बनाने और खाने की तस्वीरें शेयर करने का चलन शुरू किया था। धीरे -धीरे इस दिन छोले भटूरे की तस्वीरें शेयर करने का चलन पूरी दुनिया में मशहूर होता चला गया और इस दिन को अंतर्राष्ट्रीय छोले भटूरे दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।
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छोले भटूरे के लिए लोगों का प्रेम इस व्यंजन को सबसे ख़ास बनाने में कामयाब रहा और दिल्ली की सड़कों से लेकर अमेरिका और लंदन की स्ट्रीट तक इस व्यंजन का स्वाद फैलने लगा। उम्मीद है इस लेख को पढ़ने के बाद आपके मुंह में भी छोले भटूरे का स्वाद जरूर आ गया होगा। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
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