मीठा खाना हम सभी को बेहद पसंद होता है। अमूमन किसी भी डिश में मीठा एड करने के लिए हम शुगर का इस्तेमाल करते हैं। मार्केट में व्हाइट शुगर और ब्राउन शुगर अवेलेबल हैं। अधिकतर हेल्थ कॉन्शियस लोग व्हाइट शुगर के स्थान पर ब्राउन शुगर का सेवन करना अधिक पसंद करते हैं। दरअसल, व्हाइट शुगर को सेहत के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। इसलिए लोग इसके विकल्प की तलाश करते हैं। ऐसे में वे व्हाइट शुगर के स्थान पर ब्राउन शुगर का सेवन करते हैं।
भले ही लोग अपने व्हाइट शुगर को रिप्लेस कर देते हैं, लेकिन फिर भी उन्हें व्हाइट शुगर और ब्राउन शुगर के बीच के अंतर के बारे में पता नहीं होता है। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको व्हाइट शुगर और ब्राउन शुगर के बीच के अंतर के बारे में बता रहे हैं-
व्हाइट शुगर और ब्राउन शुगर की प्रक्रिया
ब्राउन शुगर और व्हाइट शुगर दोनों को बनाने की प्रारंभिक प्रक्रिया लगभग समान है। गन्ने का रस पहले निकाला जाता है और फिर उबालकर एक गाढ़ा सिरप बनाया जाता है जिसे गुड़ कहा जाता है जो अंततः क्रिस्टलीकृत हो जाता है। लेकिन ब्राउन और व्हाइट शुगर को बनाने का अंतिम चरण अलग है। (क्या कोकोनट शुगर रिफाइंड शुगर से हेल्दी है?)
फिर, इसे आगे संसाधित किया जाता है और सफेद चीनी के उत्पादन के लिए छोटे क्रिस्टल बनाने के लिए अतिरिक्त गुड़ को हटा दिया जाता है। जहां तक ब्राउन शुगर की बात है, इसमें इसे हटाया नहीं जाता है, जिससे इसका रंग भी अलग होता है।
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व्हाइट चीनी के टाइप्स
मार्केट में व्हाइट चीनी भी कई तरह की होती हैं। मसलन-
दानेदार शुगर, जिसे टेबल शुगर के रूप में भी जाना जाता है, बेकिंग में आम है। आमतौर पर, घरों में इस चीनी का इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा, कैस्टर शुगर में सुपरफाइन क्रिस्टल इसे डेलीकेट रेसिपीज के लिए एक परफेक्ट च्वॉइस बनाते हैं।
इसे विभिन्न ड्रिंक्स में साधारण सिरप के बजाय इस्तेमाल किया जा सकता है। आप दानेदार चीनी को फ़ूड प्रोसेसर में बारीक होने तक पीसर घर पर ही कैस्टर शुगर बना सकते हैं। वहीं, फ्रॉस्टिंग शुगर का इस्तेमाल आमतौर पर फ्रॉस्टिंग के लिए किया जाता है।
ब्राउन शुगर के टाइप्स
व्हाइट शुगर की तरह ही ब्राउन शुगर भी मार्केट में कई तरह की होती है। मसलन-
लाइट ब्राउन शुगर और डार्क ब्राउन शुगर बहुत अधिक फेमस है। डार्क ब्राउन शुगर में लाइट ब्राउन शुगर की तुलना में अधिक गुड़ होता है और इसे जिंजरब्रेड के लिए एकदम सही तरह माना जाता है। वहीं, मस्कोवाडो शुगर में नेचुरल गुड़ होता है और यह उन डिशेज के लिए एक अच्छा विकल्प है जिनके लिए गहरे गुड़ के स्वाद की आवश्यकता होती है। (ब्राउन शुगर कैसे बनती है?)
कैलोरी कंटेंट
अक्सर लोग सोचते हैं कि ब्राउन शुगर कैलोरी में कम होते हैं और इसलिए वे व्हाइट शुगर की तुलना में अधिक हेल्दी हैं। लेकिन ऐसा नहीं है। आपको शायद पता ना हो, लेकिन इन दोनों में कैलोरी की मात्रा लगभग समान होती है। ब्राउन शुगर में व्हाइट शुगर की तुलना में केवल 0.25 कम कैलोरी होती है। उदाहरण के लिए, ब्राउन शुगर और व्हाइट शुगर दोनों के 1 चम्मच में लगभग 20 कैलोरी होंगी।
खाने में किस शुगर का करें इस्तेमाल
व्हाइट और ब्राउन शुगर दोनों का उपयोग आमतौर पर बेकिंग में और कॉफी या चाय में मिठास के लिए किया जाता है। ब्राउन शुगर का उपयोग बेक्ड आइटम्स को एक रिच टेस्ट देने के लिए किया जाता है, लेकिन नमी उनकी अपीयरेंस को प्रभावित कर सकती है।
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ब्राउन शुगर का उपयोग मैरिनेड बनाने के लिए भी किया जा सकता है, लेकिन यह सॉस रेसिपीज में एक अच्छा विकल्प नहीं है, क्योंकि इसमें सफेद चीनी की आवश्यकता होती है। ब्राउन शुगर का स्वाद अलग होता है और यह कम मीठा होता है।
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Image Credit- freepik
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