शहरीकरण के इस दौर में हर कोई जल्दी में है। इस जल्दबाजी का असर सबके खानपान में सबस् ज्यादा दिखता है। कोई प्लास्टिक में पैक चीजें खाने लगा है तो कोई रेडीमेड खाना खाता है। कोई नूडल्स और रेमन के नाम पर मैदा को उबाल कर खा रहा है तो कोई मार्केट का लंच बॉक्स खा रहा है। खाने की ये सारी चीजें केवल और केवल आपको बीमार कर रही हैं। सबसे दुख की बात है कि आजकल खाना बनाने के लिए जिन बर्तनों जैसे एल्यूमिनियम का भगोना और कूकर, का यूज़ किया जाता है वे सारी चीजें भी केवल आपको बीमार कर रही हैं।
इसलिए तो शहरों में गांव की अपेक्षा लोग अधिक बीमार रहते हैं। एक तो उनकी फिजिकल एक्टिविटी शहरों में बंद हो गई है और बाकी जो हेल्दी खाने की जरूरत होती है वो इन बर्तनों में बनने के कारण छूट गई है। तो फिर क्या किया जाए?
इस सवाल का जवाब छुपा है मिट्टी के बर्तनों में। मिट्टी के बर्तनों में बना खाना स्वास्थ्य के लिए ज्यादा हेल्दी होता है। अगर आप खाना मिनरल्स, विटामिन्स और प्रोटीन प्राप्त करने के लिए खाती हैं तो आज से ही एल्युमिनियम के बर्तनों में खाना बनाना बंद करें और मिट्टी के बर्तनो में खाना बनाना शुरू करें।
प्राचीन काल में बनते थे मिट्टी के बर्तन में खाना
प्राचीन काल में मिट्टी के बर्तनों में खाना बनाया जाता था। इसलिए लोग पहले बीमार भी कम पड़ते थे। लेकिन साइंस ने जैसे-जैसे तरक्की की वैसे-वैसे लोगों के किचन से मिट्टी के समान कम होते गए और रिन्यूबल चीजें आती गईं। ये चीजें फिर से तो यूज़ हो जाती हैं लेकिन आपके शरीर को बहुत नुकसान भी पहुंचाती हैं।
कुकर में खाना बनाने के नुकसान
किचन में जिस बर्तन से सबसे ज्यादा नुकसान पहुंच रहा है, वह है- कुकर। कुकर आज लोगों के किचन का एक जरूरी बर्तन है जिसमें सब्जी, दाल से लेकर चावल तक अब बनाए जाने लगे हैं। कुकर एल्युमिनियम बाक्साइट से बनता है जो सब्जी और खाने की चीजों से आयरन और कैल्शियम को सोख लेता है। जिससे इसमें बना खाना खाने से हड्डियां कमजोर होती हैं। इसलिए प्रेशर कुकर में बना खाना नहीं खाना चाहिए। (Read More:सोने के बर्तन में खाना बनाने के फायदे)
मिट्टी के हांडी में बनाए खाना
जिंदगी भर स्वस्थ रहना है तो प्रेशर कुकर में खाना बनाने के बजाय मिट्टी की हांडी में खाना बनाकर खाएं। इंसान के शरीर को रोज 18 प्रकार के सूक्षम पोषक तत्वों की जरूरत होती है जो मिट्टी के बर्तनों में बने खाने से आसानी से मिल जाती है। इन सूक्ष्म पोषक तत्वों में कैल्शियम, मैग्नीशियम, सल्फर, आयरन, सिलिकॉन, कोबाल्ट, जिप्सम आदि शामिल होते हैं। वहीं प्रेशर कुकर से बने भोजन में इन सारे पोषक-तत्वों की कमी होती है। इसलिए मिट्टी के ही बर्तन में खाना बनाना चाहिए क्योंकि इसके अलावा भी इसके और कई सारे फायदे हैं।
नहीं खत्म होते हैं माइक्रो न्यूट्रिएंट्स
मिट्टी के बर्तन में बनी दाल और सब्जी में 100 प्रतिशत माइक्रो न्यूट्रीएंट्स रहते हैं जबकि, प्रेशर कुकर में बनी दाल और सब्जी के 87 प्रतिशत पोषक तत्व एल्युमिनियम के पोषक-तत्वों द्वारा अवशोषित कर लिये जाते हैं। इसलिए अब डाइटिशियन और न्यूट्रिशियन भी मिट्टी के बर्तन में खाना बनाने की सलाह देने लगे हैँ।
स्वादिष्ट बनता है भोजन
इसके अलावा मिट्टी के बर्तन में खाना स्वादिष्ट भी बनता है। क्योंकि इसमें बने खाने में मिट्टी की सौंधी-सौंधी खुशबू आ जाती है जो आपको एक अलग स्वाद का अनुभव देती है। इसलिए कम से कम दाल और सब्जी मिट्टी के बर्तन में जरूर बनाकर खाएं।
Recommended Video
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों