क्या आपको पता है लोगों के नाम पर रखा गया है इन फूड्स का नाम? जानें रोचक तथ्य

आज इस लेख में हम आपको बताने वाले हैं कि आखिर फूड्स और लोगों के नाम एक दूसरे से कैसे लिंक करते हैं। इनका आपस में इतिहास क्या रहा है, तो आइए विस्तार से इस लेख में जानने की कोशिश करते हैं। 

 
dishes that are named after people

जब भी हम इतिहास की बात करते हैं, तो हमारे दिमाग में बड़ी-बड़ी इमारतों की तस्वीर आती है। प्राचीन काल से लेकर अब तक भारत में कई मकबरे, भवन और किले आज भी मौजूद हैं, जो बेहद खास और खूबसूरत हैं। इन्हें खूबसूरत बनाने का भी अपना एक लंबा इतिहास और संघर्ष रहा है।

इनके इतिहास को पढ़ा चाहिए, अगर आप पढ़ेंगे तो जानेंगे कि न सिर्फ इमारत बल्कि व्यंजन भी फेमस हैं, जिन्हें किसी जमाने में बादशाह बड़ी शौक के खाया करते थे। इस लिस्ट में कुछ फूड्स ऐसे भी हैं, जिनके नाम लोगों के नाम और इतिहास पर भी रखे गए हैं।

जी हां, आज हम उन्हीं फूड्स के बारे में विस्तार से बात करेंगे, जिन्हें शायद आप खाते ही हों, लेकिन इसके पीछे की कहानी यकीनन आपको पता नहीं होगी। तो देर किस बात की आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं।

चिरू डोसा

Chiru dosa

डोसा तो आपने बहुत खाए होंगे, लेकिन क्या आपने चिरू डोसा खाया है? अगर नहीं तो एक बार जरूर खाकर देखें। इसका न सिर्फ स्वाद यूनिक है, बल्कि इतिहास भी रोचक रहा है। कहा जाता है कि इसका नाम भारत के प्रसिद्ध अभिनेता चिरंजीवी के नाम पर रखा गया है, जिन्हें प्यार से चिरू कहा जाता था।

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बता दें कि चिरंजीवी तेलुगु फिल्म इंडस्ट्री के एक दिग्गज अभिनेता हैं। यह सब तो ठीक है, लेकिन डोसा और इनके नाम का क्या कनेक्शन है? बता दें इनकी लोकप्रियता और अदाकारी को देखते हुए डोसा का नाम रखा था । बता दें कि यह डोसा खासकर दक्षिण भारतीय राज्यों में खाया जाना था।

नमो ढोकला

Namo Dhokla

अगर आप न्यूज बहुत ही ध्यान से पढ़ते हैं, तो यकीनन नमो ढोकला के बारे में जरूर जानते होंगे। यह वही ढोकला है जिसका नाम नरेंद्र मोदी के नाम से रखा गया है। जी हां, आपने सही सुना नमो का अर्थ नरेंद्र मोदी है, जो भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री हैं। बता दें नमो नरेंद्र मोदी का संक्षिप्त नाम है, और नमो ढोकला जैसे व्यंजन का नाम उनके सम्मान में रखा गया है।

खासकर उनके गुजराती मूल को ध्यान में रखते हुए, क्योंकि ढोकला एक पारंपरिक गुजराती व्यंजन है। इसे चावल और चने की दाल से बनाया जाता है। यह एक हल्का, फूला हुआ और स्वादिष्ट व्यंजन है जिसे स्टीम करके तैयार किया जाता है। ढोकला का स्वाद हल्का, खट्टा-मीठा होता है और इसे हरी चटनी और मिर्च के साथ परोसा जाता है।

गैरीबाल्डी बिस्कुट

गैरीबाल्डी बिस्कुट में किशमिश को कुचलकर और बेकिंग से पहले बिस्कुट के आटे के दो पतले टुकड़ों के बीच में रखकर बनाया जाता है। ये बिस्कुट एगलेस केक और सनशाइन बिस्कुट द्वारा बनाए गए गोल्डन फ्रूट किशमिश बिस्कुट जैसे ही होते हैं। इसका स्वाद ऐसा है कि आप एक बार खाने के बाद बार-बार खाना पसंद करेंगे।

मगर आज हम इसकी रेसिपी नहीं बल्कि इसके नामी इतिहास के बारे में बात करेंगे। बता दें इसका नाम इतालवी स्वतंत्रता सेनानी ज्यूसेपे गैरीबाल्डी के सम्मान में रखा गया है। उन्हें इटली के एकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए जाना जाता है। इस बिस्किट का निर्माण सबसे पहले 1861 में इंग्लैंड में हुआ था।

मार्गेरिटा पिज्जा

Pizza

इटैलियन डिश होते हुए भी भारत में सबसे ज्यादा पिज्जा खाए जाते हैं। पिकनिक हो या घर में कोई पार्टी हर कोई पिज्जा ही खाना पसंद करता है। इसलिए आज कई वेरिएंट मार्केट में मौजूद हैं, लेकिन आज हम मार्गरिटा पिज्जा की बात करेंगे। यह अपनी सादगी और ताजगी के लिए जाना जाता है। यह पिज्जा न केवल स्वादिष्ट है, बल्कि इसके इतिहास में भी एक दिलचस्प कहानी छिपी है।

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जी हां, क्या आपको पता है कि इसका नाम इटली की रानी मार्गेरिटा के सम्मान में रखा गया था। कहा जाता है कि 1889 में, रानी मार्गेरिटा ने नेपल्स के दौरे के दौरान एक पिज्जा बनाने वाले शेफ राफेल एस्पोसिटो से पिज्जा बनाने के लिए कहा था। शेफ ने इस पिज्जा को इटली के झंडे के रंगों से प्रेरित होकर बनाया था।

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Image Credit- (@Freepik)

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