इस देश में चाय पीने वाले ही नहीं, कॉफी पीने वाले लोग भी कई मिलेंगे। फिल्टर कॉफी हो या फिर कोल्ड कॉफी, आपके दिन की शुरुआत करने के लिए एक कड़क कॉफी काफी है। कई लोग कॉफी के बिना अपने दिन की शुरुआत कर ही नहीं पाते हैं। दिनभर में 4-5 कप कॉफी पीना उनके लिए आम बात है।
कॉफी सबसे लोकप्रिय बेवरेज में से एक है। इसके तमाम वर्जन भी लोगों को पसंद आते हैं और इसलिए अब कैफेज में आप हेजलनट से लेकर कई कॉफी के कई फ्लेवर देख सकते हैं। अब जब इसे दुनिया भर में इतना पसंद किया जाता है, तो इसके बारे में भी थोड़ी बहुत जानकारी होनी चाहिए। आगे जब कभी आपको अपने नॉलेज बांटने का मौका मिले, तो आप ये फैक्ट्स बता सकते हैं। अगर आप कॉफी पीने के शौकीन हैं, तो आपको कॉफी से जुड़े ये फैक्ट्स जरूर पसंद आएंगे।
कॉफी है एक फल
क्या हुआ? क्या आपको भी यह बात नहीं पता था कि कॉफी एक फल है? जी हां, सही पढ़ा आपने। कॉफी के बीजों को कॉफी बीन्स कहा जाता है, लेकिन क्या आपको पता है कि यह एक फल से ही मिलते हैं। दरअसल, कॉफी बीन्स झाड़ी में उगते हैं और बेरीज के सेंटर में होते हैं, जहां से उन्हें निकाला जाता है। यही कारण है कि इसे कॉफी चेरी के फल के नाम से जाना जाता है।
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फिनलैंड में पी जाती है ज्यादा कॉफी
ब्राजीव को कॉफी उगाने के लिए जाना जाता है। यहां पर ही कॉफी की अत्यधिक पैदावार होती है। क्या आप जानते हैं कि यह दुनिया की लगभग एक तिहाई कॉफी के लिए ब्राजील जिम्मेदार है। इसके बाद वियतनाम और कोलंबिया का नंबर आता है। इसके बावजूद सबसे ज्यादा कॉफी ब्राजील में नहीं बल्कि फिनलैंड पी जाती हैं। अगर एवरेज की बात की जाए, तो फिनलैंड का एक व्यक्ति साल भर में लगभग 12 किलो कॉफी पीता है। है न कितना अमेजिंग फैक्ट?
कॉफी ने पहुंचाया था ब्राजील को ओलंपिक्स
ऐसा कहा जाता है कि 1932 में, ब्राजील सरकार के पास अपने एथलीटों को ओलंपिक में भेजने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं थे। पैसे इकट्ठा करने थे, लेकिन कोई रास्ता नहीं दिख रहा था, तब उनकी मदद की कॉफी ने। ब्राजील सरकार ने कॉफी बेच-बेचकर अपने एथलीट्स को ओलंपिक तक पहुंचाया। उन्होंने एक जहाज को कॉफी बीन्स से भर दिया और कैलिफोर्निया का रास्ता तय किया। इस बीच उन्होंने कॉफी बेचकर काफी पैसा इकट्ठा किया, जिसके बाद ब्राजील ओलंपिक तक पहुंच पाया।
जब कॉफी हो गई थी बैन
चाय को हमेशा से पसंद किया जाता रहा है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि कॉफी के साथ ऐसा नहीं है। कॉफी को हमेशा से पसंद नहीं किया जाता बल्कि इसे तो बैन तक कर दिया गया था। जी हां, 18वीं शताब्दी में, सरकारों ने इस बेवरेज पर प्रतिबंध लगाने की कोशिश की थी। इसके पीछे का कारण यह माना जाता है कि उस दौरान माना जाता था कि कॉफी पीना कट्टरपंथी सोच को बढ़ावा देता है। स्वीडन ने तो 1746 में कुछ समय के लिए इस पर प्रतिबंध लगा दिया। इतना ही नहीं, कॉफी से जुड़ी हर चीज बैन हो गई थी। कॉफी वाले कप्स और सॉसर भी बैन हो गए थे।
दुनिया की सबसे महंगी कॉफी
क्या आपने कोपी लुवाक का नाम सुना है? इसे दुनिया की सबसे महंगी कॉफी कहा जाता है। इतना ही नहीं, 2019 में इसकी कीमत 600 डॉलर प्रति पाउंड पहुंच गई थी। असल में यह कॉफी कैसे बनती है क्या आपको पता है? इंडोनेशिया का एक जानवार है जिसे लुवाक कहते हैं, वो कॉफी बेरीज को खाता है। जब उसका खाना पचता है और बाहर निकलता है, तो इस कॉफी को बीनकर साफ किया जाता है और भुना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि वे केवल सबसे अच्छी, सबसे मीठी और ताजी कॉफी चेरी खाते हैं और जब इसे निगला जाता है, तो यह प्राकृतिक रूप से फर्मेंट हो जाती है, जिससे इसे एक खास स्वाद मिलता है। अगर आपको मौका मिले, तो क्या इस कॉफी का मजा लेना चाहेंगे?
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कॉफी ने कायम किया गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड
मेक्सिको में कॉफी बनने पर एक गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड कायम हुआ था। जी हां, इस लोकप्रिय बेवरेज ने अपनी जगह वर्ल्ड रिकॉर्ड्स तक में बनाई है। मेक्सिको में कॉफी का सबसे बड़ा कप बनाया गया था, जो 26,939.22 लीटर का था। साल 2022 में यह कारनामा हुआ था, जिसके बाद मेक्सिको में बने इस कॉफी मग में 300 किलो कॉफी डाली गई। आज भी यह रिकॉर्ड मेक्सिको के पास है और हर कॉफी लवर के लिए एक प्राउड मोमेंट है।
आपको कॉफी के बारे में यदि कोई फैक्ट मालूम है, तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं। हमें उम्मीद है यह लेख आपको पसंद आया होगा। इसे लाइक और शेयर करना न भूलें। ऐसे ही लेख पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी के साथ।
Image Credit: Freepik
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