30 की उम्र होने के बाद से ही त्वचा को एक्सट्रा देखभाल की जरूरत पड़ने लग जाती है। यदि आप ऐसा नहीं करती हैं, तो आपको वक्त से पहले ही त्वचा में वो बदलाव देखने पड़ते हैं, जो 40 -45 की उम्र में नजर आते हैं। ऐसे में आपको उम्र के इस पड़ाव पर पहुंचने के बाद ही अपने स्किन केयर रूटीन के लिए ऐसे प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करना चाहिए, जो आपकी त्वचा को यूथफुल बना कर रखें। इस बारे में डर्मेटोलॉजिस्ट डॉक्टर चित्रा आनंद ने अपने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर की है और बताया है कि उम्र के इस पड़ाव पर स्किन केयर प्रोडक्ट्स में 5 जरूरी इंग्रीडिएंट्स का होना जरूरी है।
इन इंग्रीडिएंट्स के बारे में डॉ. चित्रा ने विस्तार से बताया है। आइए जानते हैं वह 5 पावरहाउस इंग्रीडिएंट्स जो आपकी त्वचा को जवां बनाए रखने में मदद कर सकते हैं:
1. रेटिनॉयड (Retinoid)
रेटिनॉयड त्वचा के लिए एक शक्तिशाली इंग्रीडिएंट है। यह विटामिन-A का ही एक रूप है और उम्र से पहले यह त्वचा को बूढ़ा होने से रोकता है। रेटिनॉयड का नियमित इस्तेमाल त्वचा की कोशिकाओं के पुनर्निर्माण को बढ़ावा देता है, जिससे त्वचा की बनावट स्मूथ और यूथफुल बनी रहती है। यह कोलेजन के उत्पादन को भी बढ़ावा देता है, जो त्वचा को फ्लेक्सिबल और दृढ़ बनाए रखने में मदद करता है। रेटिनॉयड्स झुर्रियों और महीन रेखाओं को कम करने में भी मदद करता है, क्योंकि यह त्वचा रिको तेजी से रिपेयर करता है और डेड स्किन को रिमूव करता है।
2. हाईलुरॉनिक एसिड (Hyaluronic Acid)
30 की उम्र के बाद, त्वचा का प्राकृतिक हाइड्रेशन कम होने लगता है, जिससे त्वचा रूखी और थकी हुई नजर आने लगती है। हाईलुरॉनिक एसिड त्वचा को गहरे स्तर पर हाइड्रेट करता है। यह एक अद्भुत मॉइस्चराइज़र है, जो त्वचा में पानी को खींचकर उसे नमी प्रदान करता है। हाईलुरॉनिक एसिड की खासियत यह है कि यह त्वचा की ऊपरी सतह को नरम और मुलायम बनाए रखता है और रूखा होने से बचाता है। इसके अलावा, यह त्वचा की सूजन और जलन को कम करने में भी मदद करता है, जिससे त्वचा हमेशा ताजगी से भरी रहती है।
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3. सेरामाइड (Ceramide)
सेरामाइड्स त्वचा की बाहरी परत में प्राकृतिक रूप से पाया जाता है। ये त्वचा हकी रक्षा करते हैं और पानी के नुकसान को रोकने में मदद करते हैं। 30 की उम्र में त्वचा में जलन और बेजानपन की समस्या बढ़ सकती है, क्योंकि सेरामाइड्स की मात्रा कम हो जाती है। ऐसे में सेरामाइड्स से भरपूर प्रोडक्ट्स का उपयोग करना त्वचा को डीप मॉइश्चराइज करता है और उसे नरिश करता है। यह त्वचा को फिर से मजबूत बनाता है और जिससे त्वचा स्वस्थ और ग्लोइंग रहती है।
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4. विटामिन-C (Vitamin C)
विटामिन-C एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है, जो त्वचा को फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाता है। उम्र बढ़ने के साथ-साथ, त्वचा पर टैनिंग, डार्क स्पॉट्स और हाइपरपिग्मेंटेशन जैसी समस्याएं बढ़ने लगती हैं। विटामिन-C इन समस्याओं को कम करने में मदद करता है। यह त्वचा में कोलेजन उत्पादन को बढ़ाता है, जिससे त्वचा में कसाव आता है और झुर्रियां कम होती हैं। इसके अलावा, यह त्वचा के रंग को भी हल्का करता है और उसे निखारता है। विटामिन-C त्वचा को सूरज की हानिकारक यूवी किरणों से बचाता है और त्वचा को चमकदार और जवां बनाए रखता है।
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5. पेपटाइड्स (Peptides)
पेपटाइड्स प्रोटीन होता है, जो त्वचा के लिए बेहद लाभकारी होते हैं। ये त्वचा के निर्माण में अहम भूमिका निभाते हैं और उसे मजबूत बनाते हैं। पेपटाइड्स त्वचा को लचीलापन प्रदान करता है। 30 की उम्र के बाद, त्वचा मे उतना कसाव नहीं रहता और पेपटाइड्स इसके लिए एक बेहतरीन उपाय है। यह त्वचा की कोशिकाओं को फिर से सक्रिय करता है और त्वचा के टेक्सचर को बेहतर बनाता है। इसके नियमित इस्तेमाल से त्वचा की इलास्टिसिटी बढ़ती है, जिससे त्वचा में कसाव और लचीलापन आता है, और त्वचा ज्यादा यूथफुल लगती है।
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Story Source-Dr Chytra | Dermatologist | Health | Wellness | Instagram
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