ऐसा कितनी बार हुआ होगा कि आपको स्लीवलेस कपड़े पहनने का मन किया होगा, लेकिन डार्क अंडरआर्म्स के कारण आपको वो कॉन्फिडेंस नहीं मिला होगा जो होना चाहिए। डार्क अंडरआर्म्स हमारे लिए काफी परेशानी भरे हो सकते हैं और कई लोगों के साथ अंडरआर्म्स का पसीना और कालेपन की समस्या जरूरत से ज्यादा रहती है। यकीनन अंडरआर्म्स पिगमेंटेशन एक कॉमन समस्या है जिसके लिए कई तरह के ट्रीटमेंट्स किए जाते हैं और मेडिकल प्रोसीजर भी होते हैं।
अंडरआर्म्स के कालेपन के साथ कई बार पसीना भी एक बहुत खराब समस्या बन जाता है जिससे स्किन इन्फेक्शन और तन की दुर्गंध का कारण बन सकती हैं। असल में अंडरआर्म्स का रंग आपके स्किन कलर के जैसा ही होना चाहिए, लेकिन किसी ना किसी कारण से स्किन का रंग बदल जाता है। ऐसे में आपको पता होना चाहिए कि क्या कारण होता है जिससे अंडरआर्म्स का रंग बदल जाता है।
अंडरआर्म्स का रंग काला, गहरा पर्पल, भूरा कुछ भी हो सकता है और अलग-अलग कारण भी हो सकते हैं। पहले ये सोचने की जरूरत है कि आखिर ये होता क्यों है।
इसे जरूर पढ़ें- बहुत ज्यादा सेंसिटिव है स्किन तो एक्सपर्ट के बताए ये टिप्स जरूर रखें ध्यान
केमिकल डियोड्रेंट्स हमेशा अंडरआर्म्स को काला करते हैं और लोगों की एक गलती होती है कि वो उन्हें एकदम पास से सीधे अंडरआर्म्स पर लगा देते हैं। डियोड्रेंट्स की जगह एंटीप्रेस्पिरेंट का इस्तेमाल करें जो आपके लिए ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकता है।
बहुत ज्यादा शेविंग करना हमेशा अंडरआर्म्स को काला बनाएगा। आप एक बार शेविंग और उसके बाद वैक्सिंग जैसा कुछ ट्राई कर सकते हैं। शेविंग से डिस्कलरेशन होता है और अंडरआर्म्स ज्यादा पिग्मेंटेड लगते हैं। इससे स्किन इन्फ्लेमेशन भी होगा।
अधिकतर लोगों के साथ ये समस्या होती है और उन्हें इसके बारे में पता भी नहीं होता। दरअसल, अंडरआर्म्स का एक्सफोलिएशन हमेशा ही उसमें जमा डेड स्किन को निकालता है और अगर आपने ये ठीक तरह से नहीं किया है तो डेड स्किन जमा होने के कारण पिगमेंटेशन और तन की दुर्गंध की समस्या महसूस हो जाती है।
जब आपका मोटापा बढ़ता है तो स्किन केयर की समस्या भी होती है और साथ ही साथ स्किन ज्यादा मुड़ने लगती है। ये जहां से भी मुड़ती है वहां पर पिगमेंटेशन होता है उदाहरण के तौर पर आपकी बिकनी लाइन को ही देख लीजिए। ऐसे ही ज्यादा मोटे लोगों के साथ हार्मोनल समस्याएं भी होती हैं जिसके कारण पिगमेंटेशन हो जाता है। हार्मोनल समस्याएं जैसे पीसीओएस या थायराइड आदि में भी पिगमेंटेशन की समस्या होती है। यही कारण है कि पसीने की बदबू भी ऐसे समय में ज्यादा आती है।
आपने बर्थ कंट्रोल पिल्स ली हों, इंसुलिन लिया हो, ग्रोथ हार्मोन ले रहे हों, किसी तरह की बीमारी की दवा रेगुलर ले रहे हों या फिर आपको किसी तरह की नशे की लत हो तो उसके कारण भी हार्मोन असंतुलन होता है और ये तन की दुर्गंध और वेजाइनल स्मेल का भी बहुत बड़ा कारण हो सकता है।
इसे जरूर पढ़ें- सर्दियों में चेहरे से निकलने लगती है पपड़ी तो स्किन केयर में करें ये बदलाव
वेजाइनल समस्याओं और अंडरआर्म्स के काले होने का एक कारण ये भी हो सकता है। दरअसल, अंडरआर्म्स और अन्य जगह की स्किन में लगातार घर्षण होता है और इससे स्किन के काले होने की गुंजाइश ज्यादा होती है।
आपको जेनेटिक और मेलेनिन ज्यादा होने जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं और यही कारण है कि इस तरह की समस्या वाले लोगों के अंडरआर्म्स का रंग बाकियों की तुलना में ज्यादा डार्क हो जाता है।
ये सारे टिप्स आपको अंडरआर्म्स की समस्याओं का कारण जानने और उनका हल करने में मदद कर सकते हैं। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।
यह विडियो भी देखें
Herzindagi video
हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें।