कई बार हमारे चेहरे पर कुछ इस तरह से पिगमेंटेशन हो जाता है कि काफी मेहनत करने के बाद भी वो ठीक नहीं होता। पिगमेंटेशन की समस्या कई लोगों को होती है और इसके लिए तरह-तरह के इलाज भी किए जाते हैं, लेकिन अगर देखा जाए तो कई बार हमारी कुछ गलतियों से ही ये समस्या हो जाती है। हमें ये पता भी नहीं होता कि हमारी कौन सी आदतें हमारे चेहरे की उम्र को 10 साल बढ़ा रही हैं। स्किन पिगमेंटेशन कई बार हमारी आदतों के कारण बढ़ सकता है।
ये सभी गलतियां हो सकता है कि आप अनजाने में करती हों या फिर कई बार आलस में करती हों। चेहरे की उम्र इसलिए भी बढ़ती है क्योंकि हम उसे वो जरूरी पोषण नहीं दे पाते हैं तो क्यों न हम वो गलतियां करना बंद कर दें जिससे चेहरा खराब होता है और हमारे चेहरे पर उम्र के निशान जल्दी दिखने लगते हैं। आज हम आपको ऐसी ही 7 गलतियों के बारे में बताने जा रहे हैं जो चेहरे पर डार्क स्पॉट्स पैदा करती हैं और स्किन पिगमेंटेशन को बढ़ाती हैं।
कई बार लोगों को इस बात की जानकारी नहीं होती है कि जिस फ्लोरोसेंट लाइट से वो बहुत ज्यादा एक्सपोज हो रहे हैं वो स्किन के लिए कितनी नुकसानदेह हो सकती है। लैपटॉप, टैबलेट, फोन स्क्रीन, घर के अंदर लगो फ्लोरोसेंट बल्ब्स आदि स्किन के हाइपरपिगमेंटेशन को ज्यादा उभारते हैं। आजकल लोग वर्क फ्रॉम होम के कारण बिलकुल ही बाहर की रौशनी से दूर हो गए हैं और ये बहुत गलत है।
थोड़ी देर ही सही धूप में जरूर जाएं और स्किन में नेचुरल लाइट को एब्जॉर्ब होने दें।
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स्किन केयर रूटीन में एक्सफोलिएशन जरूरी है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि आप इसे जरूरत से ज्यादा एक्सफोलिएट कर दें। अगर एक्ने वाली स्किन है तब तो ये समस्या और भी ज्यादा हो जाएगी। हमारी स्किन बैक्टीरिया और कोई अन्य पॉल्यूटेंट के कारण मैली हो जाती है और इसे साफ करना जरूरी होता है, लेकिन अगर सफाई भी जरूरत से ज्यादा की जाए तो ये डैमेज का कारण भी हो सकती है।
जरूरत से ज्यादा एक्सफोलिएशन हाइपर पिगमेंटेशन का कारण बन सकता है। एक्सपर्ट्स की मानें तो ड्राई स्किन को हफ्ते में दो बार और ऑयली स्किन के लिए हफ्ते में 1 बार एक्सफोलिएशन काफी होता है। इसे और ज्यादा करने की जरूरत नहीं होती है।
अब चलिए मान भी लीजिए, ये गलती अक्सर हम करते हैं। मैंने भी की है और कई ऐसे लोगों के बारे में जानती हूं जो ये करते हैं। अपने एक्ने को फोड़ना, दानों को हटाने की कोशिश करना, पस निकालना आदि सब कुछ बहुत ही खराब है और ये गलती 90% लोग करते ही हैं। कुछ लोगों में ये हाइपरपिगमेंटेशन की समस्या को बढ़ा देता है और उनके चेहरे में, गालों पर, माथे पर अलग-अलग जगहों में डार्क स्पॉट्स हो जाते हैं।
एक्ने को फोड़ने से भले ही और एक्ने न बढ़ें, लेकिन हाइपरपिगमेंटेशन और एक्ने स्पॉट्स की समस्या तो जरूर होती है। इसलिए हमेशा इस तरह की चीज़ों से बच कर रहें।
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सबसे बड़ी ब्यूटी मिस्टेक अगर कोई होती है तो वो ये कि आप सनस्क्रीन का इस्तेमाल नहीं करते हैं। जैसा कि हमने पहले प्वाइंट में बताया कि सनस्क्रीन को घर में भी लगाया जाना चाहिए तो बाहर निकलते समय तो आप इसे लगाना बिलकुल भी न भूलें। सनस्क्रीन का इस्तेमाल आपको हमेशा करना है और कुछ घंटों बाद इसे दोबारा लगाना भी है। चेहरे को हमेशा फ्रेश दिखाने के लिए आपको अपने स्किन केयर रूटीन में ये शामिल करना होगा। 3-4 घंटों में तो आपको यकीनन सनस्क्रीन को दोबारा से लगाना ही चाहिए। आंखों के नीचे तो इसे खासतौर पर लगाएं ताकि आपके चेहरे की सेंसिटिव स्किन पर कोई भी दाग न लग पाए।
सनस्क्रीन का इस्तेमाल ठीक से न करना सनबर्न और पिगमेंटेशन की समस्या को सबसे ज्यादा बढ़ा सकता है।
अक्सर पिगमेंटेशन, डार्क स्पॉट्स आदि के लिए डॉक्टर्स नाइट टाइम स्किन केयर रूटीन सजेस्ट करते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि नाइट स्किन केयर रूटीन हमारी स्किन पर ज्यादा असरदार तरीके से काम करता है और ये स्किन को बहुत ही ज्यादा खिला-खिला बना सकता है। पर कुछ ऐसे प्रोडक्ट्स भी होते हैं जो स्किन को इरिटेट कर सकते हैं जैसे एसिडिक टोनर आदि। इससे समस्या कम होने की जगह बढ़ भी सकती है। ऐसे में नाइट टाइम स्किन केयर ट्रीटमेंट अगर आपको सूट नहीं कर रहा है तो उसे इस्तेमाल न करें और अगर सूट कर भी रहा है तो सुबह उठकर आप अपने चेहरे को अच्छी तरह से साफ कर लें और फिर सनस्क्रीन लगाएं। इस तरह से नाइट टाइम स्किन केयर प्रोडक्ट्स आपके चेहरे पर लंबे समय तक नहीं रहेंगे।
देखिए DIY नुस्खों में नींबू का इस्तेमाल बहुत ज्यादा किया जाता है, लेकिन आपको ये भी समझने की जरूरत है कि नींबू में सिट्रिक एसिड होता है जो स्किन का PH बैलेंस बिगाड़ भी सकता है। अगर आप स्किन पर नींबू के रस का इस्तेमाल कर रहे हैं तो आप उस समय धूप से दूर रहें जब ये चेहरे पर लगा हो। ये एसिडिक रिएक्शन पैदा कर सकता है। ये भी स्किन पिगमेंटेशन का एक बहुत बड़ा कारण हो सकता है।
अगर आप अपनी स्किन पर डार्क स्पॉट्स आदि की समस्या से परेशान हैं तो हो सकता है कि इसका कारण बहुत ज्यादा रेटिनॉइक या हाइड्रोक्यूनोन एसिड वाले प्रोडक्ट्स भी हो सकते हैं। ये स्किन कॉन्सनट्रेशन को खराब भी कर सकता है और इससे स्किन पर हाइपरपिगमेंटेशन बढ़ सकता है। इसलिए ऐसे प्रोडक्ट्स इस्तेमाल करने से पहले आप अपने डॉक्टर से बात जरूर कर लें।
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