गर्मी हो, सर्दी हो या बरसात का मौसम हो - मुंहासे या पिंपल्स आपको कभी नहीं छोड़ते। मुंहासे एक ऐसी स्किन कंडीशन है जो रोम छिद्रों के बंद होने के कारण होती है, जो ऑयल (सीबम), बैक्टीरिया, हार्मोन फ्लकचुएशन, डेड स्किन सेल्स और इनग्रोन हेयर के अतिरिक्त उत्पादन के कारण होती है।
मुंहासे से लड़ने के हम कितने प्रयास भी करते हैं, लेकिन अक्सर असफल रहते हैं। तरह-तरह के ब्यूटी प्रोडक्ट्स से भी कुछ फायदा नहीं होता है। हालांकि एक्ने को लेकर कई तरह के मिथ्स भी हैं, जो कि आधे-अधूरे होते हैं। जब मुंहासों से निपटने की बात आती है तो आपने शायद हर तरह की सलाह सुनी होगी जैसे कि चॉकलेट का सेवन सीमित करना, मॉइस्चराइजर आपके रोमछिद्रों को बंद कर सकता है, बहुत अधिक आलू के चिप्स न खाएं, बार-बार अपना चेहरा धोएं। इससे पहले कि आप उन्हें सच समझ लें इससे पहले उनके बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए।
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शाहीन भट्ट पिछले काफी समय से स्किन एक्सपर्ट के साथ मिलकर तमाम जरूरी चीजें शेयर करती आ रही हैं। अभी हाल ही में उन्होंने 'युअर गाइड टू एक्ने' के नाम से एक छोटी सीरीज इंस्टाग्राम पर शेयर की है। इसमें उन्होंने जानी-मानी मुंबई की सेलिब्रिटी डर्मेटोलॉजिस्ट, डॉ जयश्री शरद के साथ मिलकर एक्ने से जुड़े सारे राज खोले हैं। आइए हम भी इस बारे में जानें।
एक्ने तब होते हैं, जब आपके चेहरे पर डेड स्किन सेल्स, एक्सेस ऑयल और बैक्टीरिया से पोर्स बंद हो जाते हैं। जब आपके पोर्स से ये गंदगी निकल नहीं पाती है, तो शरीर से एक इंफ्लेमेटरी रिस्पॉन्स मिलता है, जिसका परिणाम मुंहासे होते हैं।
ब्लैकहेड्स : यह नॉन-इंफ्लेमेटरी मुंहासे होते हैं, जो तब बनते हैं, जब एक्सेस सीबम डेड स्किन सेल्स के साथ पोर लाइनिंग में मिक्स हो जाता है। जब यह हवा के साथ मिलता है, तो ऑक्सीडाइज होता है और बदले में काला हो जाता है।
व्हाइटहेड्स : यह भी नॉन-इंफ्लेमेटरी मुंहासे होते हैं और तब होते हैं, जब सीबम और डेड स्किन सेल्स के कारण रोम छिद्र बंद हो जाते हैं। हालांकि ब्लैकहेड्स (चेहरे से ब्लैकहेड्स हटाने के ब्यूटी ट्रिक) के अपोजिट इन व्हाइट बम्प्स का हेड स्किन की एक पतली लेयर से ढका होता है और इसे ऑक्सीडाइज होने से बचाता है।
पैप्युल्स : यह इंफ्लेमेटरी होते हैं और चेहरे पर छोटे-छोटे लाल रंग के दिखते हैं। यह चेहरे पर तब उभरते हैं, जब आपके पोर्स के चारों ओर की सरफेस ज्यादा जलन के कारण टूटने लगती है।
फुंसी : फुंसी त्वचा पर बड़े, दर्दनाक मवाद से भरे उभार होते हैं। मवाद की उपस्थिति के कारण, फुंसी का केंद्र सफेद या पीले रंग का होता है, और सूजन और लाली से घिरा हो सकता है। व्हाइटहेड्स जब माइक्रो-ऑर्गेनिज्म से प्रभावित होते हैं, तो इंफेक्शन होता है और यह फुंसी होने लगती है।
नोड्यूल्स : जब बैक्टीरिया, डेबरिस और कोशिकाएं फटे हुए कूप से आसपास की त्वचा में रिसती हैं, तो एक नोड्यूल बनता है। नोड्यूल अत्यधिक सूजन और दर्द भरी गांठ होती हैं जो बड़ी हो सकती है और छूने से उसमें दर्द हो सकता है।
सिस्ट : सिस्ट गंभीर रूप से सूजन वाले घाव होते हैं जिनमें बड़ी मात्रा में मवाद होता है। वे सफेद या लाल रंग के हो सकते हैं और स्पर्श करने के लिए दर्दनाक और नरम होते हैं। जब सिस्ट नोड्यूल्स के साथ होते हैं, तो इसे नोड्युलोसिस्टिक एक्ने कहा जाता है।
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मिथक: खराब हाइजीन से होते हैं मुंहासे
तथ्य: जैसा कि अधिकांश लोग सोचते हैं, गंदी त्वचा ही मुंहासों का एकमात्र कारण नहीं है। जरूरत से ज्यादा अपने चेहरे को साफ करने के लिए ज्यादा धोने और ज्यादा स्क्रब करने से आपकी त्वचा में जलन होती है और मुंहासे खराब हो सकते हैं।
मिथक: टिंगलिंग का मतलब है कि प्रोडक्ट काम कर रहा है।
तथ्य: यह हमेशा सच नहीं होता है। त्वचा पर एक हल्की सी झुनझुनाहट ठीक है लेकिन लंबे समय तक यह एहसास होने का मतलब है कि आपकी त्वचा बताती है कि यह चिड़चिड़ी हो रही है। आपको सेंसिटाइजिंग इंग्रीडिएंट्स से बचना चाहिए-जैसे- मेन्थॉल, पेपरमिंट, नीलगिरी, नींबू और शराब के प्रोडक्ट्स से दूरी बनाएं।
मिथकः स्क्रब के इस्तेमाल से आपको मुंहासों से छुटकारा मिलता है।
तथ्य: बिल्कुल नहीं! स्क्रब जो त्वचा पर कठोर होते हैं, इसकी स्वस्थ दिखने वाली सतह को प्रभावित करते हैं और मुंहासे से लड़ने की इसकी क्षमता को कमजोर करते हैं। कठोरता में तेल उत्पादन को बढ़ावा देने की क्षमता है, जो आप नहीं चाहती होंगी।
मिथक: स्पॉट ट्रीटमेंट आपको मुंहासों से छुटकारा दिलाने में मदद कर सकता है।
तथ्य: एक सैलिसिलिक एसिड (बीएचए) एक्सफोलिएंट या एक बेंज़ॉयल पेरोक्साइड प्रोडक्ट मौजूदा ब्रेकआउट की रेडनेस और सूजन में मदद कर सकता है, लेकिन यह ब्रेकआउट में मदद नहीं करेगा जो अभी शुरू हो रहे हैं।
मुंहासे त्वचा की एक ऐसी सामान्य समस्या है जिसके बारे में आपको बहुत सारी जानकारी ऑनलाइन मिल जाएगी, लेकिन यह साथ ही साथ भ्रमित करने वाली भी हो सकती है। इसलिए एक्सपर्ट द्वारा ऐसी चीजें बताई गई हैं, जो कि एक्ने-प्रोन स्किन को इस्तेमाल नहीं करनी चाहिए।
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मुंहासों के कई कारण हो सकते हैं जैसे कि जेनेटिक्स, पोर-क्लॉगिंग, स्ट्रेस, पर्यावरणीय तनाव और भी बहुत कुछ और इसका इलाज सिर्फ खूब सारा पानी पीना नहीं हो सकता है। आपको उन ट्रीटमेंट्स का अनुकूलन करना पड़ता है, जो आपके लिए सबसे अच्छा काम करते हैं। ऐसी कुछ चीजें जो एक्ने प्रोन स्किन वालों की मदद कर सकती हैं वो हैं-
यह थी एक्ने से जुड़ी सारी अहम जानकारी, जो पहले शाहीन भट्ट ने एक्सपर्ट से लेकर और फिर हमने आप तक पहुंचाई है। आप भी इन इंग्रीडिएंट्स की मदद से एक्ने से लड़ने मे मदद पा सकते हैं। हां अगर आपकी समस्या गंभीर है, तो पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें और फिर कोई नया इंग्रीडिएंट ट्राई करें।
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Image Credit : freepik & instagram@shaheenbhatt
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