आंखों में काजल और आईलाइनर हर कोई लगाता है। इससे आंखें संदर बनती हैं और हमेशा फ्रेश दिखती हैं। खासकर छोटी आंखों वाली महिलाएं आईलाइनर जरूर लगाती हैं। इससे आंखें बड़ी और खूबसूरत दिखती हैं। कई लड़िकयां तो आईलाइनर लगाने में अपनी फेवरेट बॉलीवुड एक्ट्रेस को फॉलो करती हैं और उनकी तरह आईलाइनर लगाने की कोशिश करती हैं। लेकिन इसे लगाने का भी एक सही तरीका होता है। अगर आप इस तरीके को फॉल नहीं करती हैं तो आपकी आंखें खराब हो सकती हैं।
मेकअप तो खराब होता ही है आंखें भी होती हैं खराब
गलत तरीके से आईलाइनर लगाने से मेकअप तो खराब होता ही है साथ में इससे आपकी आंखों को भी काफी नुकसान पंहुचता है। वैसे भी आंखों का मेकअप करने के लिए अच्छे प्रोडक्ट्स का यूज़ करना ही काफी नहीं होता है। इन प्रॉडक्ट्स का अच्छे तरीके से भी यूज़ करना भी जरूरी होता है।
रिसर्च में हुआ साबित
कॉन्टेक्ट लेंस जर्नल में प्रकाशित एक नए शोध के अनुसार यदि लैश लाइन की रेखा के भीतर आईलाइनर लगाया जाए तो ये नजर को धुंधला कर सकता है तथा इस्की नेत्र रोग भी पैदा कर सकता है। इसके अलावा भी कई सारे नुकसान होते हैं।
ईचिंग की समस्या
आईलाइनर लगाने से कई बार ईचिंग की भी समस्या होती है। ऐसा गलत तरह के आईलाइनर का इस्तेमाल करने से होता है। इसलिए किसी भी इस तरह के आईलाइनर का इस्तेमाल ना करें जो आपकी स्किन पर सूट नहीं करती हो। क्योंकि आंखों के ऊपर की स्किन काफी नाजुक होती है जो किसी भी तरह के प्रोडक्ट से तुरंत डैमेज हो जाती है और फिर इचिंग व रैशेज की समस्या होने लगती है।
वाटरलू विश्वविद्यालय में हुई रिसर्च
वाटरलू विश्वविद्यालय में एक रिसर्च हुई है जिसमें इस बात की चेतावनी दी गई है कि आंखों की पलकों के भीतर और बाहर लगाया जाने वाला आईलाइनर आंखों की रोशनी को नाकारत्मक रूप से प्रभावित कर सकता है। यह इस तरह का पहला अध्ययन है जो ये बताता है कि पेंसिल आइलाइनर लगाते वक्त इसके कण आंखों में चले जाते हैं।
आईलाइनर जब आप आंखों की पलकों के भीतर और बाहर लगाती हैं तो उसके कुछ कण आंखों के अंदर चले जाते हैं। जिससे आंखों की रोशनी को नाकारत्मक रूप से प्रभावित होती है। यह इस तरह का पहला अध्ययन है जो ये बताता है कि पेंसिल आइलाइनर लगाते वक्त इसके कण आंखों में चले जाते हैं।
आंखों की आसुओं वाली झिल्ली को प्रभावित करते हैं आईलाइनर
शोधकर्ताओं ने इस अध्ययन में पाया कि आइलाइनर के कण आंखों की आसुओं वाली झिल्ली पर पहुंचते हैं। दरअसल अश्रु झिल्ली आंखों पर एक पतली परत के रूप में मौजूद होती है जो आंखों की रक्षा करती है। आईलाइनर के कण इस झिल्ली को ही नुकसान पहुंचाते हैं।
वाटरलू विश्वविद्यालय के साइंटिस्ट डॉक्टर एलिसन नग के अनुसार, ‘हमने अध्ययन के दौरान पाया कि मेकअप करने से आंखों में आईलाइनर के कण चले जाते हैं और जब आईलाइनर को आंख की पलकों की भीतर लगाया जाता है तो ये ज्यादा तेजी से आंख के भीतर जाते हैं।’ इस अध्ययन में हर प्रतिभागी ने पहले पलकों के बाहर की तरफ चमकने वाले (ग्लिटर) आइलाइनर को लगाया और फिर बाद में आंख से ज्यादा नजदीक रहने वाली पलकों की अंदरूनी ओर इसे लगाया।
Recommended Video
आई एंव कांटैक्ट लैंस साइंस एंड क्लीनिकल प्रैक्टिस जर्नल में पब्लिश हुई रिसर्च
इन वैज्ञानिकों ने अध्ययन के परिणाम में पाया कि आंखों के भीतर की ओर आईलाइनर लगाने पर पांच मिनट के अंदर ही आईलाइनर के 15 से 30 प्रतिशत महीन कण आंखों की अश्रु झिल्ली पर पहुंच गए। गौरतलब है कि यह शोध आई एंव कांटैक्ट लैंस साइंस एंड क्लीनिकल प्रैक्टिस जर्नल में प्रकाशित हुआ।
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों