जिन महिलाओं के बाल नेचुरल वेवी या फिर कर्ली होते हैं, वह अपने बालों को स्ट्रेट लुक देने के लिए अक्सर स्ट्रेटनर का इस्तेमाल करती हैं। लेकिन जिन महिलाओं को स्ट्रेट हेयर बेहद पसंद होते हैं, उनके लिए बार-बार स्ट्रेटनर का इस्तेमाल करना किसी झंझट से कम नहीं होता। इस तरीके को अपनाने से ना केवल उनका काफी सारा समय बर्बाद हो जाता है, बल्कि बार-बार हीट के संपर्क में आने से बाल डैमेज भी होते हैं।
ऐसे में महिलाएं ऐसे किसी सॉल्यूशन को ढूंढती हैं, जिससे उनके बाल लंबे समय तक स्ट्रेट रहे और उन्हें उसे बार-बार सीधा करने में मेहनत ना करनी पड़े। इस लिहाज से स्मूदनिंग और रिबॉन्डिंग करवाना अच्छा माना जाता है। आमतौर पर महिलाएं इन दोनों हेयर ट्रीटमेंट को एक ही मानती हैं, जबकि वास्तव में ऐसा नहीं है। यह दोनों अलग-अलग हेयर ट्रीटमेंट हैं, जिन्हें करने का तरीका और प्रभाव डिफरेंट होता है। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको स्मूदनिंग और रिबॉन्डिंग के बीच अंतर के बारे में बता रहे हैं-
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हेयर रिबॉन्डिंग क्या है?
अगर आपके बाल कर्ली या थिक है और आप अपने बालों की किसी भी तरह के रखरखाव से छुटकारा चाहती हैं तो ऐसे में हेयर रिबॉन्डिंग करवाई जा सकती है। यह एक तरह से परमानेंट हेयर फिक्सिंग है, क्योंकि एक बार रिबॉन्डिंग करवाने के बाद आपके बाल लगभग एक साल तक स्ट्रेट लुक देते हैं। हालांकि, इसका एक नुकसान यह भी है कि इस प्रक्रिया में केमिकल्स आपके बालों के अंदर तक जाकर हेयर स्ट्रक्चर और नेचुरल बॉन्ड को तोड़ते हैं, जिससे बाल काफी कमजोर हो जाते हैं। इस प्रक्रिया में लगभग चार-पांच घंटे लगते हैं और आयरन रॉड व केमिकल्स की मदद से हेयर शाफ्ट को ब्रेक डाउन किया जाता है। चूंकि इसमें हाई टेंपरेचर के कारण हेयर के हर बॉन्ड को रिस्ट्रक्चर किया जाता है, इसलिए इसे रिबॉन्डिंग कहा जाता है।
हेयर रिबॉन्डिंग के फायदे
- हेयर रिबॉन्डिंग का एक फायदा यह है कि इससे आपके बाल लंबे समय तक यूं ही स्ट्रेट रहते हैं।
- जब आप एक बार हेयर रिबॉन्डिंग करवाती हैं तो इससे आपको कर्ली व फ्रिजी हेयर से छुटकारा मिल जाता है।
- यह आपके बालों में एक चमक आती है और वह बेहद शाइनी नजर आते हैं।

हेयर रिबॉन्डिंग के नुकसान
- हेयर रिबॉन्डिंग हर हेयर टाइप के लिए सही नहीं है। मसलन, अगर आपके बाल पतले या कमजोर हैं या फिर आपको हेयर फॉल की समस्या है तो इससे आपके बालों की समस्या बढ़ सकती है।
- हेयर रिबॉन्डिंग आपके बालों को कमजोर बनाती है।
- हेयर रिबॉन्डिंग करने के बाद अपने लुक को बनाए रखने के लिए टचअप की जरूरत होती है।
- इसमें आपको बहुत अधिक समय लगता है। साथ ही, आपको बहुत अधिक पैसे भी खर्च करने पड़ते हैं।
हेयर स्मूदनिंग क्या है?
हेयर स्मूदनिंग को एक लाइट वर्जन है, जो बालों को सीधा करने में मदद करता है। यह ट्रीटमेंट उन महिलाओं के लिए अच्छा माना जाता है, जिनके बाद पहले से ही स्ट्रेट हैं या फिर वेवी हैं। स्मूदनिंग करवाने से आपके बाल अधिक स्मूद और सिल्की लुक देते हैं, जबकि स्ट्रेटनिंग व रिबॉन्डिंग से आपको कृत्रिम रूप से स्ट्रेट लुक मिलता है। इस प्रक्रिया में भी कई तरह के केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन यह बालों को उतना नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। इस प्रक्रिया में बालों को रि-शेप करने में मदद मिलती है। हालांकि, हेयर स्मूदनिंग बालों पर बहुत नेगेटिव इफेक्ट नहीं डालती, लेकिन इसका असर भी 4-8 महीनों तक ही रहता है।
हेयर स्मूदनिंग के फायदे
- हेयर स्मूदनिंग करवाने से आपके बाल नकली नहीं लगते, क्योंकि यह आपके बालों को नेचुरल लुक देते हैं।
- वहीं, इसमें उपयोग किए जाने वाले रसायन उतने खतरनाक नहीं होते जितना कि रिबॉन्डिंग के दौरान इस्तेमाल किए जाने वाले केमिकल्स होते हैं, इसलिए बालों के खराब होने की संभावना कम होती है।
- इसमें आपको अपना समय व पैसा भी अपेक्षाकृत कम खर्च करना पड़ता है।
हेयर स्मूदनिंग के नुकसान
- हेयर स्मूदनिंग के रिजल्ट बहुत अधिक लंबे समय तक टिकते नहीं है। आपको चार से आठ महीने के बीच में दोबारा हेयर स्मूदनिंग करवाने की जरूरत पड़ सकती है।
- इसमें फॉर्मलडिहाइड केमिकल को यूज किया जाता है और अगर इसे गलत तरीके से किया जाता है, तो इससे आंखों, स्किन व ऊपरी श्वसन पथ में जलन जैसे दुष्प्रभाव हो सकते हैं।
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Image Credit- freepik
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