कुछ महिलाएं फेशियल हेयर से छुटकारा तो पाना चाहती हैं, लेकिन थ्रेडिंग, प्लकिंग या वैक्सिंग का ऑप्शन उन्हें काफी दर्दनाक लगता है और इसलिए वे इसे हाइड करने के लिए ब्लीच का सहारा लेती है। ब्लीच आपके फेशियल हेयर को रिमूव नहीं करता, लेकिन केमिकली ट्रीटमेंट के जरिए उनका कलर चेंज कर देता है, जिससे वह हेयर आसानी से विजिबल नहीं होते और आपकी स्किन टोन में इंस्टेंट फर्क नजर आता है। हालांकि, बार-बार स्किन पर ब्लीच करवाना एक अच्छा ऑप्शन नहीं माना जाता। आपकी फेस स्किन बॉडी से अधिक नाजुक होती है और इस पर केमिकल ट्रीटमेंट हानिकारक हो सकता है। शायद यही कारण है कि कई बार ब्लीच करने से स्किन में जलन, रैशेज, व एलर्जी आदि की समस्या होती है। हालांकि, इन समस्याओं को नजरअंदाज करते हुए भी कुछ महिलाएं लगातार ब्लीच करवाती जाती हैं, क्योंकि वह इससे जुडऋे कुछ मिथ्स पर भरोसा करती हैं। उन्हें लगता है कि इससे उनकी स्किन अधिक ब्राइटन बनेगी। हो सकता है कि आप भी ब्लीच से जुड़े कुछ मिथ्स पर भरोसा करती हों। तो चलिए आज हम आपको इन मिथ्स व उनकी सच्चाई के बारे में बता रहे हैं-
मिथ 1- ब्लीच से नहीं होता कोई नुकसान
सच्चाई- कुछ महिलाओं को लगता है कि ब्लीच से स्किन को किसी तरह का डैमेज नहीं होता। अगर स्किन पर रैशेज या इचिंग आदि होती है तो वह केवल टेंपरेरी है और इसलिए उन्हें परेशान होने की कोई आवश्यकता नहीं है। जबकि ऐसा नहीं है। आपको शायद पता ना हो लेकिन ब्लीच में सोडियम हाइपोक्लोराइटहोता है जो हमारी स्किन पर केमिकल रिएक्शन का कारण बनता है। इससे स्किन पर कई तरह के दुष्प्रभाव होते हैं। इतना ही नहीं, कुछ महिलाएं ब्लीच करने के बाद बाहर निकलती हैं, लेकिन ब्लीचिंग के ठीक बाद सूर्य के प्रकाश के संपर्क में आने से जलन और पिगमेंटेशन की समस्या हो सकती है।
मिथ 2- जरूरी नहीं है पैच टेस्ट
सच्चाई- वैसे यह एक ऐसा नियम है, जो किसी भी नए स्किन केयर प्रॉडक्ट के साथ जरूर फॉलो करना चाहिए। दरअसल, आपको यह नहीं पता होता कि कौन सा प्रॉडक्ट या इंग्रीडिएंट आपकी स्किन पर दुष्प्रभाव छोड़ सकता है। इसलिए पैच टेस्ट करना बेहद आवश्यक है। ब्लीच के संबंध में तो यह और भी जरूरी है। कई बार ब्लीच में मौजूद केमिकल्स आपकी स्किन को बुरी तरह डैमेज कर सकते हैं। इसलिए, आप हर बार इस्तेमाल से पहले इसे पैच टेस्ट अवश्य करें। साथ ही पैच टेस्ट करने के बाद उस स्थान को क्लीन करना भी ना भूलें।
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मिथ 3- ब्लीचिंग आपकी स्किन को फेयर बनाता है।
सच्चाई- यह ब्लीच को लेकर एक पॉपुलर मिथ है। दरअसल, ब्लीचिंग के तुरंत बाद स्किन पर अंतर नजर आता है और शायद इसलिए महिलाएं यह समझती हैं कि लगातार ब्लीच का इस्तेमाल करने से उनके स्किन टोन में फर्क आएगा। जबकि ऐसा नहीं होता है। आपको यह समझना चाहिए कि ब्लीच आपकी स्किन के उपरी हिस्से पर काम करता है और स्किन टैन, पिगमेंटेशन, दाग-धब्बों पर इसका असर नजर आता है, लेकिन यह आपकी स्किन कलर में बदलाव करने पर काम नहीं करती और इसलिए अगर आप चाहे कितनी भी बार ब्लीच का इस्तेमालकरें, पर इससे आपका रंग गोरा नहीं होगा।
मिथ 4- ब्लीच क्रीम सभी समान हैं
सच्चाई- जी नहीं, ऐसा नहीं है। मार्केट में ना केवल कई ब्रांड के ब्लीच अवेलेबल हैं, बल्कि एक ही ब्रांड में भी आपको कई तरह के ब्लीच आसानी से मिल जाएंगे। हर ब्लीच के लेबल को अगर आप ध्यान से देखेंगी तो पाएंगी कि इनमें अलग-अलग इंग्रीडिएंट्स का इस्तेमाल किया गया है। इस तरह हर ब्लीच स्किन पर अलग तरह से काम करती है। यहां तक कि कुछ ब्लीच में तो मॉइस्चराइजिंग ऑयल को भी शामिल किया जाता है, जो स्किन की जलन को ठीक कर सकते हैं।
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