Dry Hair: अब रूखे और फ्रिजी नहीं रहेंगे बाल, अपनाएं ये आसान उपाय

अक्सर रूखेपन, अत्यधिक घर्षण और अत्यधिक हीट के कारण बाल ड्राई होने लगते हैं। इससे निपटने के लिए क्या किया जा सकता है आइए एक्सपर्ट से जानें। 

 
dry hair treatment by expert

Dry Hair Care Tips: सर्दियों में बाल ज्यादातर रूखे और फ्रिजी होते हैं। ऐसे समय में जरूरी है कि आपके बाल अच्छी तरह से हाइड्रेटेड हों और उनमें कम फ्रिक्शन हो। सही से बालों को पोषण न मिले तो एक समय के बाद वह अपनी चमक खो देते हैं।

वहीं केमिकल युक्त प्रोडक्ट और शैम्पू भी बालों को नुकसान पहुंचाते हैं। अगर आप चाहती हैं कि आपके बालों की चमक वापस आए और पहले से ज्यादा घने दिखें तो आपको हर्बल प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करना चाहिए। लेकिन अब सवाल है कि किस हर्बल प्रोडक्ट को बालों के लिए बेहतर माना जा सकता है? यह सवाल हमने जुवेना हर्बल्स की सीईओ मिसेज मेधा सिंह से किया तो उन्होंने बताया, 'बालों के लिए हिना और उसके साथ कुछ हर्बल सामग्रियों का इस्तेमाल किया जाए तो उससे बालों का रूखापन कम हो सकता है।'

मिसेज सिंह आगे कहती हैं, 'हम अपने बालों को सुंदर दिखाने के लिए हार्श केमिकल ट्रीटमेंट जैसे रिबॉन्डिंग, स्ट्रेटनिंग, स्मूथनिंग और केराटिन हेयर कलर करवा तो लेती हैं, लेकिन ऐसा करने से बालों पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है।' अब ऐसे में हिना पाउडर किस तरह से बालों को बढ़ाने के साथ चमकदार और फ्रिज-फ्री बनाने में मदद कर सकती है, वो हमें मेधा सिंह ने बखूबी बताया। आइए इस आर्टिकल में हम ड्राई हेयर के कारण के साथ उनके उपाय भी जान लें।

बालों के ड्राई और फ्रिजी होने का क्या है कारण?

why my hair is dry

रूखापन और डिहाइड्रेशन के कारण आपके बाल अतिरिक्त नमी को अवशोषित कर लेते हैं। घुंघराले बालों में रूखेपन का खतरा अधिक होता है, जिसका मतलब है कि इनका अधिक उलझने का खतरा रहता है। यहां तक कि स्वस्थ बाल भी हाई ह्यूमिडिटी वाले वातावरण में फ्रिजी और ड्राई हो सकते हैं।

वहीं, ओवर-स्टाइलिंग बालों के क्यूटिकल्स को नुकसान पहुंचाती है और फ्रिजीनेस का कारण बनती है। अत्यधिक हीट और स्टाइलिंग से भी बाल डैमेज डैमेज होते हैं। ब्लो-ड्राई या स्ट्रेट आयरन की हीट हेयर क्यूटिकल को डैमेज करती है। इसके अलावा हेयर कलर्स, ब्लीचिंग और अन्य केमिकल ट्रीटमेंट ब्रिटल और दोमुंहे बालों का कारण बनते हैं।herbal products for dry and frizzy hair by expert

इन हर्बल इंग्रीडिएंट्स की मदद से रूखे और फ्रिजी बालों को करें बेहतर

मिसेज मेधा सिंह के मुताबिक, हिना का इस्तेमाल अभी से नहीं बल्कि सदियों से होता आ रहा है। हम हमेशा इस जड़ी-बूटी पर भरोसा कर सकते हैं जो हमारी समृद्ध हर्बल विरासत के खजाने में खास है। मेहंदी में प्राकृतिक रूप से पौष्टिक गुण होते हैं, जो इसे सूखे, क्षतिग्रस्त और अस्वस्थ बालों को मुलायम, चमकदार, प्रबंधनीय बालों में बदलने के लिए एकदम सही सामग्री बनाता है।

इसके साथ यदि कुछ अन्य महत्वपूर्ण हर्बल प्रोडक्ट्स मिलाए जाएं तो बाल पहले से ज्यादा बेहतर हो सकते हैं। मेहंदी में तिल, मेथी, त्रिफला, कांचली, जटामांसी को एक सही अनुपात में मिलाया जाता है, तो इसके गुण और बेहतर होते हैं और बालों को घना बनाने में मदद करते हैं।

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तिल, मेथी, कांचली और जटामांसी के फायदे

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  • मेहंदी के साथ ये जड़ी-बूटियां प्राकृतिक केराटिन के निर्माण के लिए बालों और स्कैल्प को पोषक तत्व प्रदान करती हैं। मेथिओनिन और सिस्टीन दो अमीनो एसिड हैं जो केराटिन का निर्माण करते हैं, जो बालों के बिल्डिंग ब्लॉक के लिए जरूरी हैं। इन प्रोटीनों के फाइटो स्रोत को हमारी स्कैल्प द्वारा पहचाना जाता है और अवशोषित किया जाता है।
  • मेथी, तिल और त्रिफला में अच्छी मात्रा में प्रोटीन, विटामिन- ई, ओमेगा 9 और 6 और सीबम संतुलन फैक्टर्स होते हैं। त्रिफला बालों में प्राकृतिक नमी के स्तर को बनाए रखने में मदद करता है और इसे बाहरी नुकसान से बचाता है, जिससे आपके बाल मुलायम और चमकदार बनते हैं।
  • मेथी में इसमें बड़ी मात्रा में लेसिथिन होता है, जो बालों को हाइड्रेट करता है और जड़ों या बालों के रोम को मजबूत करता है। मेथी के बीज में उच्च प्रोटीन और निकोटिनिक एसिड सामग्री भी होती है, जो बालों के झड़ने और डैंड्रफ को रोकने में मदद करती है।
  • कांचली बालों के विकास को बढ़ावा देने, बालों के झड़ने को कम करने पर काम करने के लिए उत्कृष्ट है। यह शैंपू, कंडीशनर और हेयर मास्क बनाने में एक घटक के रूप में अच्छी तरह काम करता है।
  • जटामांसी सीबम के उत्पादन को संतुलित करता है और बालों की विकास में मदद करता है। अध्ययनों के अनुसार, यह प्रीमेच्योर ग्रेइंग को भी रोकने में मदद करता है। इसकी ब्लैकनिंग प्रॉपर्टीज बालों को काला बनाने में मदद करती है।
  • तिल में मौजूद समृद्ध ओमेगा फैटी एसिड आपकी जड़ों को पोषण देता है और बालों के विकास को गति प्रदान करता है। यह स्कैल्प को मॉइश्चराइज करने में भी मदद करता है और ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करता है। इसके साथ ही यह हेयर फॉलिकल को फिर से जीवंत करता है। तिल के बीज में एंटी-एजिंग गुण भी होते हैं जो बालों को पोषण दे सकते हैं और बालों के सफेद होने की प्रक्रिया को धीमा कर सकते हैं।
  • मालासाज़िया फंगस से लड़ने की हिना की क्षमता इसे डैंड्रफ को ठीक करने के लिए एक उत्कृष्ट जड़ी बूटी बनाती है।

बालों में देर तक न लगाएं ये प्रोडक्ट्स

अगर आप हिना के गुण बढ़ाने के लिए और उससे ज्यादा फायदा पाने के लिए उसके साथ नींबू, रीठा और शिकाकाई का इस्तेमाल करती हैं, तो आपको ऐसा नहीं करना चाहिए। मेधा सिंह कहती हैं कि कुछ भी बिना सोचे-समझे लगाने से आपके बालों को नुकसान पहुंच सकता है। किसी भी सामग्री के गुण जाने बिना उन्हें हिना पाउडर के साथ मिलाकर लगाने से बालों की चमक खो सकती है।

रीठा और शिकाकाई एक तरह का क्लींजर है जो आपके बालों को साफ करता है। इन्हें सरल भाषा में साबुन ही समझ लीजिए। अब अगर ये साबुन बालों और स्कैल्प पर एक-दो घंटे तक रहे तो आप सोच सकती हैं कि क्या होगा?

जिस तरह शैम्पू को बहुत समय तक बालों पर छोड़ देने से बाल और स्कैल्प डैमेज हो सकता है, उसी तरह रीठा और शिकाकाई काम करते हैं। इससे बालों और स्कैल्प को नुकसान जरूर होगा। गंभीर बाल झड़ने की समस्या, बालों का सफेद होना, स्कैल्प में खुजली, और रूखे बालों की समस्याएं बढ़ेंगी।

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रूखे बालों के लिए यूं तैयार करें मास्क

hair mask for dry and frizzy hair

आप इन्हें अलग-अलग या एक साथ मिलाकर अपने बालों और स्कैल्प में लगा सकती हैं। इसका मास्क कैसे बनाना है, आइए जानें-

सामग्री-

  • 2 बड़े चम्मच हिना पाउडर
  • 1 बड़ा चम्मच मेथी दाना
  • 1 बड़ा चम्मच तिल का तेल
  • 1 छोटा चम्मच त्रिफला
  • 1/2 छोटा चम्मच जटामांसी पाउडर
  • 1/2 छोटा चम्मच कांचली पाउडर

क्या करें-

  • सबसे पहले एक कटोरी में हिना पाउडर को छानकर डालें। इसके बाद इसमें मेथी दाना को पीसकर मिला लें।
  • अब इसमें बाकी सामग्री डालकर अच्छी तरह से मिलाएं और एक गाढ़ा मास्क तैयार कर लें।
  • अपने बालों को दो पार्टीशन में डिवाइड करें और इस मिश्रण को अपने स्कैल्प और बालों में अच्छी तरह से लगाकर 30 मिनट के लिए छोड़ दें।
  • उसके बाद सल्फेट फ्री शैम्पू की मदद से बालों को धो लें। इसे हफ्ते में 2 बार लगाया जा सकता है।

अगर सर्दियों में आपके बाल भी रूखे और फ्रिजी होते हैं तो इन हर्बल आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का सहारा जरूर लिया जा सकता है। यदि आपको किसी इंग्रीडिएंट से एलर्जी है तो पहले अपने डॉक्टर की सलाह लें।

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Image Credit: Freepik & amazon

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