खूबसूरत दिखना हर महिला को अच्छा लगता है। अब तो महिलाएं निखरी और ग्लोइंग त्वचा ही नहीं बल्की सुंदर बाल पाना भी चाहती हैं। मार्केट में बालों की खूबसूरती बढ़ाने के बहुत सारे ट्रीटमेंट उपलब्ध हैं। रीबॉन्डिंग, स्मूदनिंग, स्ट्रेटनिंग और केराटीन कुछ ऐसे ट्रीटमेंट हैं, जो बालों को अलग-अलग तरह से खूबसूरत बनाते हैं। मगर केराटीन ट्रीटमेंट और स्ट्रेटनिंग के बीच महिलाओं को हमेशा कंफ्यूजन होता है। इस बारे में ब्यूटीशियन रेनू महेश्वरी बताती हैं, ‘केराटीन ट्रीटमेंट को कई महिलाएं स्ट्रेटनिंग ही समझती हैं। उन्हें लगता है कि स्ट्रेटनिंग में जिस तरह बाल स्ट्रेट हो जाते हैं वैसे ही केराटीन ट्रीटमेंट में भी हो जाते हैं।’ मगर यह दोनों ट्रीटमेंट अलग-अलग हैं।
क्या होता है केराटीन ट्रीटमेंट
अगर आपके बाल पॉल्यूशन के प्रभाव से खराब हो गए हैं, उनकी चमक खत्म हो गई है, डैंड्रफ और रूखापन भी आ गया है तो आपको केराटिन हेयर ट्रीटमेंट ट्राए करना चाहिए। यह ट्रीटमेंट बालों की फ्रीजीनेस खत्म करके उनमें शाइनिंग ले आता है। हेयर केराटीन ट्रीटमें के नाम से कॉस्मेटिक इंडस्ट्री में फेमस यह ट्रीटमेंट बालों में केराटीन की मात्रा को बढ़ाता है। एक्सपर्ट रेनू कहती हैं, ‘बढ़ती उम्र के साथ जिस तरह महिलाओं की त्वचा पर फर्क पड़ता है उसी तरह उनके बालों और नाखूनों पर भी फर्क पड़ता है। जहां नाखूनों के क्यूटिक्ल्स खराब होना शुरू हो जाते हैं वहीं बालों से प्रोटीन लॉस होने लगता है। ऐसे में बाल फ्रीजी हो जाते हैं। ऐसे बालों के लिए केराटिन ट्रीटमेंट वरदान साबित होता है।’
क्या होती है केराटिन ट्रीटमेंट की प्रक्रिया
केराटिन ट्रीटमेंट में बालों पर प्रोटीन की परत चढ़ाई जाती है और प्रेसिंग के द्वारा प्रोटीन लेयर को लॉक किया जाता है। इस प्रक्रिया में कई बालों की प्रेसिंग की जाती है। केराटिन ट्रीटमेंट के 24 घंटे बाद ही बालों को पानी से साफ किया जा सकता है। इसे बाद 180 डिग्री तापमान पर फिर से उनकी प्रेसिंग की जाती हैं। केराटिन ट्रीटमेंट के बाद महिलाओं को केवल केराटिन युक्त शैंपू से ही बालों को साफ करना होता है। केराटिन कंडीशनर को 6-7 मिनट के बालों में लगा कर ही छोड़ना होता है। बालों को साफ करने के बाद हर बार ब्लो ड्राई करना होता है। तब ही यह प्रक्रिया बालों के लिए अच्छी साबित होती हैं। ध्यान रखें कि केराटिन ट्रीटमेंट लेने के बाद बालों को केराटिन युक्त शैम्पू से ही वॉश करें। बाजार में यह शैंपू आपको 410 रुपए में उपलब्ध हो जाएगा वहीं शैंपू अगर आप यहां से खरीदती हैं तो आपको यह 328 रुपए में मिल जाएगा।
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स्ट्रेटनिंग से अलग हैं केराटिन ट्रीटमेंट
अक्सर महिलाओं को यह भ्रम हो जाता है कि केराटिन और स्ट्रेटनिंग ट्रीटमेंट एक ही होता है। मगर, दोनों ही ट्रीटमेंट अलग है। केराटिन ट्रीटमेंट बालों की फ्रीजीनेस को दूर करने और बालों को शाइनी व स्मूद बनाने के लिए होता है वहीं स्ट्रेटनिंग कर्ली या वेवी बालों को स्ट्रेट करने के लिए होता है। महिलाओं को इस बात का भी भ्रम होता है कि केराटिन ट्रीटमेंट परमानेंट होता है जबकि ऐसा नहीं है। इस ट्रीटमेंट में माइल्ड प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल होता है। जबकि स्ट्रेटनिंग में हार्ड कैमिकल्स का प्रयोग होता है। केराटिन ट्रीटमेंट का असर बालों में 4-5 महीने ही रहता है वहीं स्ट्रेटनिंग का असर बालों पर तब तक रहता है जब तक नए बाल न आजाएं।आप चाहें तो घर पर टेम्प्रेरी स्ट्रेटनिंग भी कर सकती हैं। इसे के लिए आपको स्ट्रेटनर की जरूरत पड़ेगी। यह स्ट्रेटनर बाजार में आपको रुपए मूल्य पर मिल जाएगा। वहीं आप अगर इसे यहां से खरीदती हैं तो यह आपको रुपए में मिलेगा।
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इन बातों का ध्यान रखें
- केराटिन ट्रीटमेंट में कई हीट इक्विपमैंट्स का प्रयोग होता है। इससे बालों की सेहत पर काफी बुरा प्रभाव पड़ सकता है मगर आप बालों की सही देखभाल करेंगी तो आपके बालों पर कोई भी खराब असर नहीं पड़ेगा। ट्रीटमेंट के बाद आपको बालों पर केराटिन हेयरस्पा कराना चाहिए।
- केराटिन ट्रीटमेंट के बाद बालों को कम से कम फोल्ड करें। यह स्ट्रेटनिंग ट्रीटमेंट नहीं होता। अगर आप बालों को फोल्ड करेंगी तो आपके बालों में फोल्ड का इफैक्ट आ जाएगा।
- केराटिन ट्रीटमेंट किसी प्रोफेशनल से ही कराएं। ध्यान रखे जिस सैलून में फॉर्मल्डेहाइड फ्री केराटिन ट्रीटमेंट होता है वहीं से यह ट्रीटमेंट लें।
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