स्किन इंसान के शरीर का सबसे बड़ा ऑर्गन होता है और इसका ख्याल रखने के लिए भी बहुत कुछ किया जाता है। जब भी स्किन केयर की बात होती है तो हमेशा ही चेहरे की स्किन को ध्यान दिया जाता है, लेकिन असल मायने में स्किन केयर पूरे शरीर में कहीं भी की जा सकती है। क्या आपने ध्यान दिया है कि शरीर में जहां पर भी स्किन मुड़ती है वहां पर स्किन काली सी दिखने लगती है। ऐसा स्किन के आपस में घिसने के कारण होता है, लेकिन कई लोगों के साथ कुछ नॉर्मल जगहों पर हाइपर पिगमेंटेशन की समस्या भी ज्यादा होती है।
उदाहरण के तौर पर कई लोगों के जांघों की स्किन काफी ज्यादा काली होने लगती है। डार्क इनर थाई ऐसी समस्या है जिसके कारण कई महिलाएं शॉर्ट ड्रेसेज पहनने में भी परेशानी होती है। FAAD बोर्ड सर्टिफाइड डर्मेटोलॉजिस्ट और स्किन 'इन्फिनिटी बाय जयश्री' की फाउंडर और कई किताबों की ऑथर डॉक्टर जयश्री शरद ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर इससे जुड़ी जानकारी शेयर की है।
डॉक्टर जयश्री की मानें तो डार्क इनर थाई की समस्या कई तरह से होती है और इससे जुड़े उपाय भी किए जा सकते हैं।
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क्या हैं डार्क थाई होने के कारण?
डार्क थाई बहुत कारणों से होते हैं और इसे लेकर डॉक्टर जयश्री शरद ने कुछ चीजें बताई हैं।
चैफिंग- जब हमारी स्किन हमेशा रगड़ती रहती है तो उसके कारण पिगमेंटेशन की समस्या बढ़ जाती है। ये उन लोगों में बहुत कॉमन है जिनका बॉडी वेट काफी ज्यादा होता है। बॉडी वेट ज्यादा होने के कारण जांघें आपस में टकराने लगती हैं और इसके कारण धीरे-धीरे स्किन लाल पड़ती है और फिर स्किन में कालापन आ जाता है। ये नॉर्मल समस्या है जो अधिकतर ओवरवेट लोगों को झेलनी पड़ती है।
टाइट कपड़ों की समस्या- ऐसे लोग जो बहुत ज्यादा टाइट कपड़े पहनते हैं या फिर पैर मोड़कर लंबे समय तक बैठे रहते हैं उन्हें भी स्किन के डार्क होने की समस्या झेलनी पड़ती है। ज्यादा टाइट जीन्स भी आपकी जांघों के पिगमेंटेशन का कारण बन सकती है। जांघों में कालापन फ्रिक्शन के कारण आता है जिससे स्किन ज्यादा डार्क हो जाती है।
हार्मोनल समस्या- पीसीओएस, हाइपरथायरॉइड, डायबिटीज, इंसुलिन रेजिस्टेंस जैसी समस्याएं असल में स्किन के डार्क होने का कारण बन सकती हैं। अगर इस तरह का कोई हार्मोनल उतार-चढ़ाव हो रहा है तो आपकी स्किन में पहले की तुलना में ज्यादा पिगमेंट दिखने लगेगा।
एंकानथोसिस निग्रीशिकन्स (Acanthosis Nigricans)- एक मेडिकल कंडीशन भी होती है जिसके कारण स्किन जरूरत से ज्यादा डार्क होने लगती है और स्किन थोड़ी मोटी होने लगती है। ये फंगल इन्फेक्शन और इंसुलिन रेजिस्टेंस के कारण होता है। ऐसा भी हो सकता है कि आपकी स्किन बहुत ज्यादा ड्राई हो जाए जिसके कारण स्किन डार्क पड़ने लगे।
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क्या हैं डार्क थाई के ट्रीटमेंट्स?
स्किन के डार्क होने के कारण तो हमने जान लिए, लेकिन अब बात करते हैं उन ट्रीटमेंट्स की जिनकी मदद से आप अपनी स्किन के डार्क होने की समस्या को कम कर सकती हैं।
टाइट कपड़े ना पहनें
ऐसे कपड़ों को बिल्कुल अवॉइड करें जिनकी फिटिंग बहुत टाइट हो और जिनके कारण स्किन में फ्रिक्शन पैदा हो सके। उदाहरण के तौर पर बहुत टाइट डेनिम से बचना चाहिए।
हार्मोनल समस्याओं का ट्रीटमेंट
अगर आपको किसी तरह की कोई हार्मोनल समस्या हो रही है तो आप उसका ट्रीटमेंट जरूर करवाएं। कई बार सिर्फ सही ट्रीटमेंट लेने से स्किन के हाइपर पिगमेंटेशन की समस्या खत्म हो जाती है।
स्किन लाइटनिंग प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल
आप कई तरह के स्किन लाइटनिंग प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल भी कर सकती हैं। उदाहरण के तौर पर आर्ब्यूटिन, कोजिक एसिड, लिकोरिस आदि स्किन को लाइट करने में मदद करते हैं। ऐसे में आप इन इंग्रीडिएंट्स वाले प्रोडक्ट्स चुनें।
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केमिकल पील्स करें ट्राई
आप माइल्ड केमिकल पील्स चुनें जैसे लैक्टिक एसिड, ग्लाइकोलिक एसिड आदि। इनकी मदद से हाइपर पिगमेंटेशन खत्म होता है।
इसके अलावा, आप लेजर आदि ट्रीटमेंट भी ले सकती हैं जिससे काफी हद तक पिगमेंटेशन खत्म हो जाए।
किस तरह का ट्रीटमेंट आपको लेना है उसके लिए आप एक बार एक्सपर्ट की सलाह जरूर ले लें। अगर इस स्टोरी से जुड़ा कोई सवाल है तो आप वो हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में पूछ सकती हैं। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
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