हमारी स्किन काफी स्ट्रेस्ड आउट रहती है। दिन भर की परेशानियां, ऑफिस की टेंशन, बच्चों और परिवार की टेंशन आदि के कारण हमें स्किन मेंटेनेंस का समय नहीं मिलता, लेकिन इससे कई तरह की परेशानियां भी सामने आती हैं। मसलन, स्किन पर फाइन लाइन्स आ जाना, चेहरे पर डलनेस दिखना आदि। वैसे तो स्किन की कई परेशानियों का इलाज करना आसान होता है, लेकिन अगर किसी को स्ट्रेस की वजह से समस्या हो रही हो तो उसका क्या किया जाए?
अगर स्किन पर स्ट्रेस की वजह से कोई असर हो रहा है तो बहुत मुमकिन है कि इसके टेक्शचर से लेकर इसके ग्लो तक सब कुछ खराब हो जाए। ऐसे में बेस्ट स्किन केयर रूटीन क्या हो सकता है इसके बारे में हमने ब्यूटी एक्सपर्ट शहनाज़ हुसैन से बात की। उनसे हमने कुछ खास सवाल पूछे जो स्ट्रेस की वजह से होने वाली स्किन प्रॉब्लम्स से जुड़े हुए हैं। तो चलिए जानते हैं शहनाज़ हुसैन के हिसाब से स्ट्रेस की वजह से स्किन पर होता है कैसा असर और इसके लिए इस्तेमाल करना होगा कैसा स्किन केयर रूटीन।
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1. क्या स्ट्रेस की वजह से स्किन टेक्शचर होता है खराब?
वैसे तो स्ट्रेस की वजह से कई सारी स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं होती हैं, लेकिन ये स्किन के लिए भी काफी खराब साबित हो सकता है। जैसे एक्ने, रैश, पिग्मेंटेशन, जल्दी बुढ़ापे के लक्षण दिखना, डल स्किन, डार्क सर्कल आदि सब समस्याएं स्ट्रेस से जुड़ी हुई हैं। स्ट्रेस की वजह से नींद न आने की समस्या भी हो सकती है जिसके कारण थकान और डल स्किन होती है। इससे स्किन के ऑयल ग्लांड्स भी बहुत एक्टिव हो जाते हैं और उससे स्किन का pH बैलेंस बिगड़ जाता है। तो कुल मिलाकर उम्र बढ़ने के लक्षण दिखना, रिंकल्स की समस्या, पिगमेंटेशन की समस्या, झुर्रियां आदि सब कुछ स्ट्रेस से जुड़ा हुआ है और इससे स्किन टेक्शचर खराब होता है।
खास मसाज जिससे मिलता है एंटी-एजिंग इफेक्ट-
अगर स्किन नॉर्मल से ड्राई है तो इसे रोज़ाना मॉइश्चराइज करने से आपको हर रोज़ मदद मिल सकती है। सनस्क्रीन का इस्तेमाल रोज़ाना करें और साथ ही साथ किसी अच्छी मॉइश्चराइजिंग क्रीम से मसाज करें। चेहरे के अलग-अलग हिस्सों को अलग तरह की मसाज की जरूरत हो सकती है। उदाहरण के तौर पर आंखों के आस-पास के हिस्से में जहां उम्र का असर सबसे पहले दिखना शुरू होता है वहां रिंग फिंगर की मदद से हल्के प्रेशर के साथ मसाज करनी चाहिए। साथ ही साथ एक बात का ख्याल रखना चाहिए कि ये सिर्फ एक ही डायरेक्शन में हो। मसाज ऐसी होनी चाहिए जो आंखों के इनर कॉर्नर से होती हुई आउटर कॉर्नर की तरफ जाए और साथ ही साथ आपके स्ट्रोक ऊपर की तरफ हों। दोनों गालों पर और चेहरे के साइड पर भी इसी तरह से मसाज की जानी चाहिए। चिन के नीचे बैकवर्ड्स डायरेक्शन में मसाज होनी चाहिए। मसाज करते समय एक हाथ का नहीं बल्कि दोनों हाथों का इस्तेमाल करें। इसके बाद गले में भी ऐसे ही मसाज करनी है।
स्किन की समस्याओं का हल करने के लिए लें ऐसी डाइट-
आयुर्वेद में कच्चे फल, सब्जियों और सब्जियों के जूस का बहुत असर होता है। नेचुरल फूड्स का मतलब ही ये है कि आप ऐसी चीज़ों का सेवन करें जो कच्ची खाई जा सकें। इसमें फ्रेश फ्रूट्स, सलाद, नट्स, सीड्स, दही आदि सब शामिल होता है। अगर आटा इस्तेमाल कर रही हैं तो होल व्हीट आटा ज्यादा बेहतर होता है। इनसे शरीर डीटॉक्स होता है। न सिर्फ ये स्वास्थ्य के लिए अच्छी होती है बल्कि इससे स्किन पर भी असर पड़ता है। डाइट ऐसी होनी चाहिए जिसमें फैट कम हो और विटामिन और मिनरल ज्यादा। अपनी डाइट में नमक का इस्तेमाल कम रखें। इससे शरीर का सोडियम-पोटैशियम बैलेंस बना रहता है। अगर आपको किसी तरह की बीमारी है या कोई दवाएं चल रही हैं तो आप डॉक्टर से सलाह लेकर अपनी डाइट में बदलाव लाएं।
किस तरह का स्किन केयर रूटीन करना चाहिए फॉलो?
बेसिक स्किन केयर रूटीन आपके स्किन टाइप के हिसाब से होना चाहिए। अगर स्किन ऑयली है तो उसमें ब्लैकहेड्स, पिंपल्स, स्पॉट्स, एक्ने आदि होंगे। ऐसे समय में बहुत ज्यादा क्रीम लगाने से बचें। ऑयली और एक्ने प्रोन स्किन में मसाज क्रीम का इस्तेमाल करने की जरूरत नहीं होती है।
आम तौर पर स्किन केयर में क्लींजिंग, एक्सफोलिएशन, टोनिंग, मॉइश्चराइजिंग, नॉरिशिंग और मास्क लगाना शामिल होता है। क्लींजिंग की मदद से गंदगी और पॉल्यूटेंट्स स्किन से हटते हैं। साथ ही डेड स्किन और मेकअप के कण भी हटते हैं। ड्राई स्किन को क्लींजिंग क्रीम या जेल की जरूरत होती है। पर अगर आपकी स्किन ऑयली है तो फेस वॉश से काम हो जाएगा। इसके अलावा कॉम्बिनेशन स्किन वालों के लिए लाइट क्लींजिंग मिल्क काम का साबित हो सकता है। अगर किसी की स्किन पर एक्ने और पिंपल्स होते हैं तो उसे मेडिकेटेड क्लींजर की जरूरत होती है।
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स्क्रब्स के इस्तेमाल से डेड स्किन सेल्स हटते हैं। ड्राई स्किन के लिए स्क्रब एक से दो बार हर हफ्ते इस्तेमाल किया जा सकता है। अगर आपकी ऑयली स्किन है तो दो-तीन बार आप हफ्ते में स्क्रब कर सकती हैं। हां, पिपंल्स वाली स्किन में स्क्रब करने से बचें।
टोनिंग की मदद से चेहरे का ब्लड सर्कुलेशन सही होता है। ये पोर्स को बंद करती है और स्किन को फ्रेश लुक देती है। गुलाब जल एक बेहतरीन स्किन टोनर साबित हो सकता है। आप क्लींजिंग के बाद कॉटन की मदद से चेहरे पर गुलाब जल लगा सकती हैं। इसके बाद चेहरे को सूखने दीजिए। स्किन केयर रूटीन का सबसे जरूरी हिस्सा होता है सन प्रोटेक्शन। ऑयली स्किन के लिए सनस्क्रीन जेल और ड्राई स्किन के लिए मॉइश्चर वाली सनस्क्रीन सही होगी।
नॉर्मल से ड्राई स्किन वालों के लिए नॉरिशिंग बहुत जरूरी होती है। इससे स्किन सॉफ्ट रहती है और मॉइश्चर उड़ता नहीं है। रात में स्किन की क्लींजिंग करने के बाद कोई नॉरिशिंग क्रीम स्किन पर लगाएं। इससे मसाज करें और 2-3 मिनट तक इसे स्किन पर एब्जॉर्ब होने दें। इसके बाद स्किन को गीली रुई की मदद से पोछ लें और पैट ड्राई करें।
स्किन पर कम से कम दो बार मास्क लगाना चाहिए। मास्क बहुत जरूरी रोल प्ले करता है स्किन केयर के लिए। अगर आप लगातार मास्क का इस्तेमाल कर रहे हैं तो स्किन बहुत अच्छी हालत में रहेगी। सही फेस मास्क चुनने के लिए अपने स्किन टाइप का सही से आंकलन जरूरी होता है। जो स्किन केयर रूटीन हमने बताया है उसे फॉलो करें, आपको फर्क नजर आने लगेगा।
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