हर महिला चाहती है कि उसके बाल मुलायम रेशमी और शाइन करते हुए नजर आएं। इसके लिए महिलाएं घर पर कई तरह के पैक बालों में लगाती हैं, हेयर स्पा लेती हैं और बाजार से भी हेयर केयर प्रॉडक्ट्स लेती हैं। लेकिन कई बार इन सभी चीजों को आजमाने के बावजूद बाल रूखे और बेजान नजर आते हैं। अगर आप भी ऐसी ही समस्या से जूझ रही हैं तो परेशान ना हों। बाल रूखे, दोमुंहे और बेजान होने के पीछे हेयर केयर प्रॉडक्ट्स में पाए जाने वाले कैमिकल तत्व भी हो सकते हैं। घर पर कुदरती तत्वों से बालों की देखभाल से उन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचता है, लेकिन बाजार से खरीदे जाने वाले रेडीमेड प्रॉडक्ट्स में ऐसे तत्व होने की आशंका होती है, जो बालों की सेहत को नुकसान पहुंचाते हैं। अगर आप अपने बालों को सुरक्षित रखना चाहती हैं तो आपको ऐसे तत्वों के बारे में जरूर जानना चाहिए। हानिकारक कैमिकल्स वाले ऐसे ही 5 तत्वों के बारे में आइए जानते हैं-
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पैराबेन्स
बहुत से शैंपू में पैराबेन तत्व पाए जाते हैं। ये एक तरह के xenoestrogens होते हैं, जिनमें प्लास्टिक पेस्टिसाइड और कई दूसरे केमिकल्स होते हैं। इनके होने से शैंपू बालों को साफ तो कर देता है, लेकिन इनके इस्तेमाल के कई साइड इफेक्ट देखने को मिलते हैं। मसलन इनसे हार्मोन्स का बैलेंस बिगड़ सकता है और कैंसर का खतरा भी बढ़ सकता है। इस बात का ध्यान रखें कि अगर किसी हेयर केयर प्रॉडक्ट पर propylparaben और benzyl paraben का जिक्र हो तो आपको उसे अपने बालों के लिए इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
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सल्फेट
शैंपू और दूसरे हेयर केयर प्रोडक्ट्स में पाया जाने वाला सल्फेट बालों से तेल और गंदगी को बाहर कर देता है, लेकिन यह स्केल्प पर कुदती तरीके से प्रोड्यूस होने वाले सीबम को भी खत्म कर देता है। सीबम यानी स्केल्प पर मौजूद कुदरती ऑयल बालों को कई तरह के इन्फेक्शन से बचाता है और उन्हें मुलायम बनाए रखता है, लेकिन सल्फेट वाले हेयर केयर प्रॉडक्ट्स के इस्तेमाल से बाल रूखे हो जाते हैं और स्केल्प पर डेंड्रफ, खुजली, ड्राईनेस आदि की समस्या हो सकती है।
Phthalates
Phthalates का इस्तेमाल कई तरह की चीजों में होता है, लेकिन हेयर केयर प्रॉडक्ट्स में इनका इस्तेमाल ग्रीसिंग और बालों को मुलायम बनाने के लिए किया जाता है। इसकी मदद से किसी भी तत्व के तेजी से फैलने, बालों में एब्जॉर्ब हो जाने या लंबे समय तक उसकी खुशबू बनी रहने आदि में मदद मिलती है। लेकिन इनके साथ समस्या ये है कि ये सांस के साथ शरीर के भीतर भी चले जाते हैं, स्किन में एब्जॉर्ब हो जाता है। सिर्फ यही नहीं, इस तत्व से कई गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैं, जिनमें अस्थमा, डायबिटीज और इन्फर्टिलिटी जैसी समस्याएं शामिल हैं।
मिनरल ऑयल्स और पेट्रोलियम प्रॉडक्ट्स का ज्यादा इस्तेमाल सही नहीं
बालों की देखभाल के लिए आजकल बाजार में मिनरल ऑयल्स और पेट्रोलियम प्रॉडक्ट्स भी मिल जाते हैं, लेकिन अगर आप इन्हें इस्तेमाल ना ही करें तो बालों की सेहत के लिए ज्यादा अच्छा है। दरअसल इनके इस्तेमाल से स्केल्प पूरी तरह से ढंक जाता है। इसकी वजह से स्केल्प साफ नहीं रह पाता, स्केल्प में खुजली और मुंहासों की समस्या हो सकती है, साथ ही स्केल्प पर मौजूद सीबम का प्रोडक्शन भी प्रभावित हो सकता है।
फॉर्मेल्डिहाइड
बालों में इन्फेक्शन की रोकथाम के लिए शैंपू और दूसरे हेयर केयर प्रॉडक्ट्स में फॉर्मेल्डिहाइड का इस्तेमाल भी किया जाता है, इससे बैक्टीरिया ग्रोथ को कंट्रोल करने में मदद मिलती है। इससे बाल स्मूद बने रहते हैं और बालों की उलझन भी आसानी से सुलझ जाती है। लेकिन रिसर्च में यह बात सामने आई है कि फॉर्मेल्डिहाइड के इस्तेमाल से कई तरह के कैंसर होने की आशंका बढ़ जाती है। इसके अलावा इससे एलर्जी ह सकती है, स्किन में इरिटेशन महसूस हो सकती है, सिर दर्द, आंखों की समस्या और इम्यून सिस्टम कमजोर होने जैसी प्रॉब्लम भी हो सकती हैं।
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