पूजन के स्थान से लेकर मूर्तियों की स्थापना तक, घर के मंदिर के लिए आप भी आजमाएं वास्तु के ये 14 उपाय

घर का मंदिर वह स्थान होते है जहां पूरे घर की ऊर्जा का मिलन होता है और मंदिर में पूजा करने से घर के लोगों के बीच सामंजस्य बना रहता है और खुशहाली आती है। 

 

vastu tips for home temple

भारतीय संस्कृति में पूजा कक्ष या घर के मंदिर का बहुत महत्व है क्योंकि इस स्थान में हम शांति की तलाश में पूजा-पाठ करते हैं और ईश्वर का ध्यान करते हैं। यह वह स्थान होता है जहां देवी-देवताओं की मूर्तियों से लेकर कई अन्य प्रकार के धार्मिक ग्रंथ रखे जाते हैं और पूरा परिवार एक साथ प्रार्थना और आरती में सम्मिलित होता है।

मंदिर को एक पवित्र स्थान के साथ सकारात्मक ऊर्जा का केंद्र भी माना जाता है और इसके लिए वास्तु के नियमों का पालन जरूरी होता है। वास्तु शास्त्र घर के निर्माण और कमरों में चीजों के सही स्थान से संबंधित नियम बताता है।

इन नियमों में घर के मंदिर के वास्तु को सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण माना जाता है और यदि हम वास्तु का पालन करके घर के मंदिर में चीजें रखते हैं तो घर की खुशहाली बनी रहती है और धन लाभ के मार्ग खुलते हैं। आइए ज्योतिषाचार्य डॉ आरती दहिया से जानें घर के मंदिर में मूर्तियों की स्थापना से लेकर चीजों को सही जगह पर रखने के सभी वास्तु नियमों के बारे में विस्तार से।

1 - घर में मंदिर रखने के लिए सबसे अच्छी दिशा उत्तर पूर्व दिशा या ईशान कोण को माना जाता है, इस दिशा को वास्तु शास्त्र के अनुसार शुभ माना जाता है। यह दिशा हिंदू देवता भगवान ईशान से जुड़ी है और इसे ज्ञान और बुद्धि की दिशा माना जाता है। इस दिशा में मंदिर रखने से सकारात्मकता आने के साथ-साथ अच्छा स्वास्थ्य और समृद्धि आती है।

vastu for placement of idols

2 - घर के मंदिर की सही दिशा पूर्व की ओर होनी चाहिए। शास्त्रों के अनुसार घर के मंदिर में भगवान का मुख हमेशा पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए। पूर्व दिशा को सकारात्मक ऊर्जा की दिशा कहा जाता है क्योंकि भगवान सूर्य इसी दिशा की ओर से निकलते हैं।

3- घर के मंदिर में मूर्तियों के माध्यम से सकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करती है और पूजा करने वाले को भी ऊर्जावान और सकारात्मक बनाती है। वास्तु के अनुसार घर का मंदिर हमेशा ईशान कोण में होना चाहिए।

4 - घर के मंदिर में देवताओं की मूर्तियों का मुख पश्चिम दिशा की ओर होना चाहिए, जिससे पूजा करते समय आपका मुख पूर्व दिशा की ओर हो।

5 - घर के मंदिर में अगर आप भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की प्रतिमा रखती हैं तो माता लक्ष्मी को गणपति के दाहिनी तरफ बैठाना चाहिए।

6 - अगर आप घर के मंदिर में शिवलिंग रखती हैं तो कोशिश करें कि यह अंगूठे से ज्यादा बड़े आकर का नहीं होना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि घर के मंदिर में कभी भी ज्यादा बड़ी मूर्तियां नहीं रखनी चाहिए। बड़े आकार की मूर्तियां हमेशा मंदिर में राखी जाती हैं।

goddess idol at home temple

7 - वास्तु के अनुसार घर का मंदिर या पूजा कक्ष में भगवान हनुमान और भैरव की मूर्ति का मुख हमेशा दक्षिण दिशा की ओर होना चाहिए। भगवान कार्तिकेय और दुर्गा की मूर्तियों को पूर्व दिशा की ओर मुख करके रखा जा सकता है। सूर्य, ब्रह्मा, विष्णु, महेश को पूर्व दिशा में पश्चिम दिशा की ओर मुख करके स्थापित करना चाहिए।

8 - पूजा के समय मूर्तियों में जो भी फूल चढ़ाए जाते हैं उन्हें सूखने से पहले ही हटा देना चाहिए। भगवान की मूर्तियों के मुख को मालाओं और फूलों से नहीं ढंकना चाहिए। हमेशा फूल और माला ऐसे चढ़ानी चाहिए जिससे पूजा करते समय भगवान का मुंह साफ़ भक्त अपना ध्यान केंद्रित कर सके।

इसे जरूर पढ़ें: घर के मंदिर में वास्तु अनुसार रखें मूर्तियों की संख्या, आएगी सुख समृद्धि

9- मंदिर में मूर्तियां हमेशा बैठी हुई स्थिति में होनी चाहिए और उन्हें चौकी पर रखा जाना चाहिए। पूजा कक्ष के वास्तु के अनुसार, मूर्तियों को एक-दूसरे के सामने नहीं रखना चाहिए बल्कि ऐसे रखना चाहिए कि एक-दूसरे के बगल में मूर्तियां आएं।

10- घर के मंदिर में कभी भी माचिस, कैंची या चाकू जैसी धार वाली वस्तुएं नहीं रखनी चाहिए। इसके अलावा भगवान के रौद्र रूप की मूर्तियां भी नहीं रखनी चाहिए जैसे आपको भगवान शिव के क्रोधित अवतार नटराज को घर में नहीं रखना चाहिए। घर के मंदिर में कभी भी दो शिवलिंग न रखें। घर के मंदिर में शनिदेव की मूर्ति रखने से भी बचना चाहिए।

11- पूजा कक्ष में किसी भी अशुद्ध वस्तु को रखने से बचना चाहिए। आपको इस पवित्र स्थान पर चमड़े या जानवरों की छल से बनी कोई भी चीज रखने से बचना चाहिए। इसके साथ ही पूजा का स्थान कभी भी बाथरूम के पास नहीं होना चाहिए।

home temple vastu for prosperity

12 - घर के मंदिर में कभी भी खंडित मूर्तियां नहीं रखनी चाहिए। यदि मूर्तियां किसी वजह से टूट गई हैं तो उन्हें तुरंत ही विसर्जित कर देना चाहिए और उन्हें घर के मंदिर से बाहर निकाल देना चाहिए।

13 - घर के मंदिर या पूजा वाले स्थान पर हमेशा पानी से भरा तांबे का कलश रखना चाहिए। इस बर्तन का पानी नियमित रूप से बदलते रहना चाहिए और पर नियमित रूप से शुद्ध पानी भरकर रखें चाहिए।

14- पूजा के स्थान पर मोर पंख, शंख, हल्दी और चंदन अवश्य रखना चाहिए। इससे पूजा स्थल की सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है और घर में खुशहाली आती है। इससे घर की नकारात्मक ऊर्जा कम होती है और वास्तु दोष भी दूर होते हैं।

यदि आप घर के मंदिर में इन वास्तु नियमों का पालन करती हैं तो सदैव खुशहाली बनी रहती है और समृद्धि के द्वार खुलते हैं। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से। अपने विचार हमें ऊपर कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।

Images: Freepik.com

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP