घर के मंदिर में शंख रखने के अनगिनत फायदों के बारे में जरूर जानें

घर के मंदिर में या पूजा के स्थान पर ऐसी कई वस्तुएं रखी जाती हैं जो मानव जीवन को सकारात्मकता प्रदान करने में मदद करती हैं। इन सामग्रियों को घर के मंदिर का विशेष हिस्सा माना जाता है। 

 

vastu fo conch shell for home temple

घर के मंदिर में इस्तेमाल की जाने वाली सामग्रियों में से एक है शंख। हिन्दू धर्म में शंख को किसी भी पूजा-पाठ का महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है और पूजन की शुरुआत या समापन में शंख बजाने का विधान होता है।

घर के मंदिर में शंख रखने के फायदे अनगिनत हैं और ये ज्योतिष के अनुसार शुभ माना जाने के साथ वास्तु के अनुसार भी अत्यंत शुभ माना जाता है। शंख को घर के मंदिर में रखने के अनगिनत लाभ होते हैं जो हमें आध्यात्मिक, आयुर्वेदिक और वास्तु शास्त्र के रूप में सहायक बना सकते हैं।

पूजन में इस्तेमाल होने वाला यह एक ऐसा उपकरण है जो हमें शांति, सफलता और समृद्धि की दिशा में आगे बढ़ने में मदद कर सकता है और हमारेजीवन को सकारात्मकता से भर देने में मदद कर सकता है। आइए ज्योतिषाचार्य डॉ आरती दहिया से जानें कि घर के मंदिर में शंख रखना जरूरी क्यों होता हो और इसके क्या फायदे हो सकते हैं।

शंख को माना जाता है साधना का उपकरण

keeping shankh at home

शंख को हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण पूजा और आराधना का उपकरण माना जाता है जो घर के मंदिरों में सजावट के रूप में रखा जाता है और साधना का यंत्र माना जाता है। शंख को न केवल आध्यात्मिक साधना का यंत्र माना जाता है बल्कि इसमें कई अनगिनत फायदे भी छुपे होते हैं जो हमें अपने जीवन में सकारात्मक दिशा दिखाने में मदद कर सकते हैं।

जब भी हम पूजा की शुरुआत करते हैं या किसी भी आध्यात्मिक कथा का वाचन करते हैं तो शंख की ध्वनि पूजा को सफल बनाने में मदद करती है। शंख को हिन्दू साहित्य में 'पांचजन्य' के नाम से भी जाना जाता है जो महाभारत काल में भगवान श्रीकृष्ण का शंख था। उसी समय से शंख को घर के मंदिर का एक विशेष उपकरण माना जाने लगा और पूजन में इसका इस्तेमाल होने लगा।

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घर के मंदिर में शंख रखने से शांति मिलती है

हिन्दू धर्म में शंख को ध्यान और साधना का साधन माना जाता है और इसे पूजा में इस्तेमाल करने से मन को शांति मिलती है और यह आत्मा के साथ मेलजोल होने का अनुभव कराता है। इससे व्यक्ति को ध्यान लगाने में मदद मिलती है और आत्मा की का परमात्मा के साथ मिलन होता है।

शंख को पूजा और आराधना के लिए उपयुक्त साधन माना जाता है और इसे पूजा सामग्री में शामिल किया जाता है। जब हम इसे पूजा में इस्तेमाल करते हैं तो घर का वातावरण शुद्ध होता है और आत्मा का संबंध मजबूत होता है।

पूजा के समय शंख बजाने के लाभ

why should keep shankh at home temple

पूजा के समय शंख (शंख रखने के नियम)बजाने से घर का वातावरण शुद्ध होता है और इसकी ध्वनि किसी भी नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने में मदद करती है। शंख बजाने से शरीर को भी शांति मिलती है और शरीर के सभी चक्र नियंत्रित होते हैं। ऐसा माना जाता है कि शंख बजाने से शरीर के सात चक्रों को संतुलित करने में मदद मिलती है और इसकी ध्वनि जब कान में गूंजती है तो ये शरीर को ऊर्जा प्रदान करती है।

वास्तु शास्त्र अनुसार घर के मंदिर में शंख रखने के लाभ

  • घर के मंदिर में शंख रखने से पूजा में ध्यान केंद्रित होता है और जब व्यक्ति पूजन करता है तो वह ईश्वर पर ध्यान लगा पाता है। इसे घर के पूजा स्थल पर रखना घर की प्रवृत्ति में वृद्धि करता है और सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देता है।
  • घर के मंदिर में शंख रखने से नकारात्मक ऊर्जा को घर से बाहर निकालने में मदद मिलती है और घर के चारों कोनों में सकारात्मकता बनी रहती है।
  • वास्तु की मानें तो घर के मंदिर में शंख रखने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है शंख का बजना शारीरिक स्वास्थ्य को सुधारता है और मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाए रखता है।
  • शंख रखने और बजाने से व्यक्ति की मानसिक चिंता और तनाव में कमी होती है और व्यक्ति हमेशा किसी भी काम के लिए प्रेरित और उत्साही रहता है।
  • वास्तु के अनुसार शंख को घर में रखने से समृद्धि और सफलता में मदद मिलती है। घर में शंख बजाने से समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।
  • शंख को धार्मिक सामग्री के रूप में देखा जाता है और इससे सामाजिक संबंधों में मेल-जोल बढ़ाने में मदद मिलती है।
  • घर में शंख बजाने से पर्यावरण में शांति और सकारात्मकता का माहौल बनाए रखने में मदद मिलती है। यह समुद्र की लहरों की आवाज की तरह शांति और हमेशा बने रहने की भावना दिलाता है।

हिंदू धर्म में शंख का महत्व

significance of keeping shankh at home temple

  • शास्त्रों के अनुसार शंख में देवताओं का वास कहा जाता है। शंख के मध्य के स्थान में वरुण देव, पृष्ठ में ब्रह्मा और अग्र भाग में देवी गंगा और देवी सरस्वती विराजमान होती हैं। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान विष्णु अपने कई रूपों में ब्रह्मांड में बुराई को दूर करने के लिए शंख बजाते हैं।
  • शंख हमारे मन और परिवेश में सकारात्मक ऊर्जा लाने का माध्यम माना जाता है। इसी वजह से शंख को अत्यंत पूजनीय यंत्र माना जाता है और इसकी पूजा विधि-विधान से करने का विधान है।
  • अत्यंत शुभ होने की वजह से शंख का इस्तेमाल पूजा-पाठ या धार्मिक अनुष्ठानों के शुभ आरंभ में किया जाता है। इसकी ध्वनि आशावाद और बाधाओं को दूर करने से जुड़ी होती है। धार्मिक कार्य करते समय शंख में रखा जल कमरे को धोने और शुद्ध करने के लिए छिड़का जाता है।

घर के मंदिर में शंख रखना बहुत शुभ माना जाता है और इससे किसी भी सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करने में मदद मिलती है।

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Images: Freepik.com

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