रावण ने माता सीता का छल से हरण किया था। हालांकि यह भगवान श्री राम की ही लीला थी अन्यथा रावण में कहां इतना बल कि वह माता सीता को स्पर्श भी कर सके। हां, मगर वाल्मीकि रामायण के अनुसार, माता सीता का जब हरण कर रावण उन्हें लंका ले गया था तब उसने माता सीता को अपने महल में रखने के बजाय अशोक वाटिका में रखा था। ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से जब हमने इसके पीछे का कारण पूछा तो उन्होंने हमें एक दिलचस्प बात बताई। चलिए आपको भी बताते हैं इसके पीछे का कारण।
माता सीता अशोक वाटिका में ही क्यों रही थीं?
पौराणिक कथा कहती है कि रावण जितना ज्ञानी था उतना ही दुराचारी भी था। रावण ने एक बार अप्सरा रंभा का अपहरण कर लिया और उसे अपने महल ले गया। वहां रावण ने अप्सरा रंभा की मर्यादा भंग कर दी।
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रंभा ने रावण को बताया कि वह रावण के भाई नलकुबेर की पुत्र वधु यानी बहु हैं फिर भी रावण ने अभद्रता की सीमाएं लांघ दीं। जब यह बात रावण के भाई नलकुबेर को पता चली तो उन्होंने रावण को श्राप दे दिया।
श्राप यह था कि अगर रावण ने आगे से भविष्य में कभी भी किसी स्त्री को उसकी इच्छा के विरुद्ध अपने महल में ले जाने की कोशिश की तो उसी समय रावण पर काल का कोप होगा और उसकी मृत्यु हो जाएगी।
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इसी श्राप के कारण जब रावण ने माता सीता का हरण किया तब वह उन्हें सीधा अशोक वाटिका ले गया न कि अपने महल में। ऐसा माना जाता है कि अशोक वाटिका में भी रावण माता सीता से दूरी पर बात करता था।
आप भी इस लेख में दी गई जानकारी के माध्यम से यह जान सकते हैं कि आखिर रावण ने माता सीता को महल के बजाय अशोक वाटिका में क्यों रखा था। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
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