किसका अवतार थीं श्री कृष्ण की पत्नी सत्यभामा?

शास्त्रों में इस बात का उल्लेख मिलता है कि श्री कृष्ण की 16 हजार 108 रानियां थीं। हालांकि श्री कृष्ण का विधिवत विवाह 3 रानियों से हुआ था जो थीं, रुक्मिणी, जाम्भवंती और सत्यभामा जी।

whose incarnation was bhagwan krishna wife satyabhama

Kaun Thi Shri Krishna Ki Patni Satyabhama: शास्त्रों में इस बात का उल्लेख मिलता है कि श्री कृष्ण की 16 हजार 108 रानियां थीं। हालांकि श्री कृष्ण का विधिवत विवाह 3 रानियों से हुआ था जो थीं, रुक्मिणी, जाम्भवंती और सत्यभामा जी। शास्त्रों में यह वर्णन है कि अन्य रानियां को मात्र श्री कृष्ण ने लोकलाज से बचाने के लिए पत्नी का स्थान दिया था लेकिन विवाह नहीं किया था। शास्त्रों में इस बात का भी उल्लेख मिलता है कि श्री रकृष्ण की मुख्य तीनों रानियां किसी न किसी का अवतार थीं। इसी कड़ी में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने हमें बताया कि सत्यभामा किसका अवतार तहिना उर कैसे हुआ उनका श्री कृष्ण से द्वापरयुग में विवाह।

किसका अवतार थीं सत्यभामा?

whose incarnation was devi satyabhama

पौराणिक कथा के अनुसार, जब भगवान विष्णु के आठवें अवतार के पृथ्वी पर जन्म लेने का समय आ गया था तब माता पृथ्वी ने भगवान विष्णु से उनके साथ विवाह करने की प्रार्थना की। माता पृथ्वी ने भगवान विष्णु से अपने आंठवे अवतार की अर्धांगिनी बनने की इच्छा जताई।

इस प्रार्थना को सुनने के बाद भगवान विष्णु ने माता पृथ्वी को वरदान दिया कि जब शीघ्र ही द्वापरयुग में नए रूप में जन्म लेंगी और तब वह द्वारिकाधीश श्री कृष्ण के रूप में उनसे विवाह करेंगे। इसके बाद माता पृथ्वी ने द्वारिका नगरी में सत्राजित की कन्या सत्यभमा के रूप में जन्म लिया।

whose incarnation was satyabhama

चूंकि वह पृथ्वी लोक पर मनुष्य रूप में जन्मीं थीं और बहुत रूपवान थीं इसी कारण से उनमें अहंकार बहुत था और इसी अहंकार को भगवान श्री कृष्ण ने देवर्षि नारद के साथ मिलकर तोड़ा जिसके बाद सत्यभामा जी को उनके असल रूप का ज्ञान हुआ और वह अपनी वास्तविकता समझ पाईं।

यह भी पढ़ें:नए घर में शिफ्ट करते समय अपने साथ जरूर ले जाएं ये चीजें, घर में बनी रहेगी शुभता

शास्त्रों और पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान शिव और माता पृथ्वी के विवाह के पश्चात उन्हें दस पुत्र रत्नों की प्राप्ति हुई थी और यही 10 पुत्र आगे चलकर 10 शुभ दिशाओं में परिवर्तित हो गए थे। इसी कारण से किसी भी शुभ काम में 10 दिशाओं की पूजा अनिवार्य मानी गई है।

आप भी इस लेख में दी गई जानकारी के माध्यम से यह जान सकते हैं कि आखिर किसका अवतार थीं भगवान श्री कृष्ण की तीसरी पत्नी सत्यभामा और क्या है उनसे जुड़ी कथा। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

image credit: herzindagi

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP