भगवान शिव को सभी देवों में उच्च स्थान प्राप्त है। इसलिए उन्हें देवों के देव महादेव कहा जाता है। भगवान शिव बेहद सरल हैं। जो व्यक्ति को जीवन के सत्य से परिचय करवाते हैं। इन्हें भोलेनाथ भी कहा जाता है। ऐसा कहते हैं कि अगर आपकी पूरी श्रद्धा से भगवान शिव की पूजा-अर्चना की जाए, तो वह अपने भक्तों से जल्द प्रसन्न होते हैं और अपनी कृपा बरसाते हैं। भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति को शुभ फलों प्राप्ति हो सकती है। साथ ही जीवन में चल रही सभी समस्याएं भी दूर हो जाती है। अब ऐसे में अगर आप भगवान शिव की कृपा जल्द पाना चाहते हैं, तो 'श्री शिव रूद्राष्टकम' का पाठ अवश्य करना चाहिए। इसके पाठ से सौभाग्य की प्राप्ति हो सकती है। लेकिन श्री शिव रूद्राष्टकम का पाठ किस दिन करना अधिक फलदायी माना जाता है। इसके बारे में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।
किस दिन करें श्री शिव रूद्राष्टकम का पाठ?
भगवान शिव का प्रिय दिन होने के कारण सोमवार को रूद्राष्टकम का पाठ करना अत्यंत फलदायी माना जाता है। इसके अलावा प्रदोष काल भगवान शिव की पूजा के लिए उत्तम माना जाता है और इस समय रूद्राष्टकम का पाठ करना शुभ होता है। आप अमावस्या और पूर्णिमा के दिन भी श्री शिव रूद्राष्टकम का पाठ कर सकते हैं। इससे व्यक्ति को कभी अकाल मृत्यु का सामना नहीं करना पड़ता है और व्यक्ति को शुभ परिणाम भी मिलते हैं।
श्री शिव रूद्राष्टकम पाठ करने की विधि क्या है?
- सबसे पहले स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहन लें।
- पूजा स्थान को साफ करके भगवान शिव की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।
- भगवान शिव के सामने घी या तिल का दीपक जलाएं।
- धूप जलाएं और भगवान शिव को फूल अर्पित करें।
- भगवान शिव को फल और मिठाई का भोग लगाएं।
- यदि आपके पास रुद्राक्ष की माला है तो इसका उपयोग रूद्राष्टकम का पाठ करते समय करें।
- भगवान शिव की आरती करें।
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श्री शिव रूद्राष्टकम का पाठ करने का महत्व क्या है?
श्री शिव रूद्राष्टकम भगवान शिव का एक प्रसिद्ध स्तोत्र है। इस स्तोत्र में भगवान शिव के विभिन्न रूपों, गुणों और महिमा का वर्णन है। शिव रूद्राष्टकम का पाठ करने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इस स्तोत्र का पाठ करने से पापों का नाश होता है और पुण्य प्राप्त होता है। शिव रूद्राष्टकम का पाठ करने से भगवान शिव भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं। इस स्तोत्र का पाठ करने से भक्तों को अभय और समृद्धि प्राप्त होती है। नियमित रूप से शिव रूद्राष्टकम का पाठ करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
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