घर की दीवारों पर देवी-देवता पोस्टर लगाना केवल आस्था का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह सकारात्मक ऊर्जा भी बनाकर रखता है। ऐसा कहा जाता है कि दीवारों पर देवी-देवता का पोस्टर लगाने से घर में आध्यात्मिक वातावरण बनाकर रखने में भी मदद मिलती है। वहीं, अगर किसी वजह से देवी-देवता का पोस्टर फट जाए तो यह एक संवेदनशील मुद्दा बन जाता है। कई बार तो लोगों के मन में तरह-तरह के वहम आ जाते हैं और वह इसे शुभ-अशुभ की दृष्टि से देखते हैं।
देवी-देवता के फटे पोस्टर घर में रखना या लगाना शुभ नहीं माना जाता है। लेकिन, इसी के साथ मन में सवाल उठता है कि क्या देवी-देवता के पोस्टर को फेंकना ठीक होगा या नहीं। दरअसल, देवी-देवता के पोस्टर के साथ धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व जुड़ा होता है, ऐसे में इन्हें अनादरपूर्वक फेंकना या लापरवाही करना सही नहीं माना जाता है। अगर आपके भी घर में लगा देवी-देवता पोस्टर फट गया है, तो आइए यहां ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से जानते हैं कि कैसे अनादर करे बिना इन्हें हटाया जा सकता है।
घर में देवी-देवता की छोटी-बड़ी, कैलेंडर पर छपी तस्वीरें हम खूब शौक से दीवारों पर लगाते हैं। लेकिन, जब यह फट जाती हैं तो इन्हें सम्मान पूर्वक हटा देना चाहिए।
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हिंदू धर्म में अग्नि को पवित्र माना जाता है। ऐसे में देवी-देवता की फटी तस्वीर या पोस्टर को अग्नि में जला देना चाहिए। वहीं जब पोस्टर या तस्वीर जल जाए, तो उसकी राख यानी भस्म को पेड़-पौधे या पीपल की जड़ में डाल देना चाहिए। लेकिन, ध्यान रखें कि पोस्टर या तस्वीर की भस्म को बहते जल या पानी में न डालें। ऐसा करने से प्रदूषण बढ़ता है और पानी में रहने वाले जीव-जंतुओं को समस्या होती है।
जब घर में हवन या पूजा-पाठ हो रहा होता है, तब भी फटी तस्वीरों और पोस्टर को अग्नि में समर्पित कर सकती हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि हवन की अग्नि को मंत्रों से शुद्ध किया जाता है, इसमें देवी-देवता की फटी तस्वीर या पोस्टर समर्पित करने से अनादर नहीं होता है।
आप चाहें तो देवी-देवता के फटे पोस्टर या तस्वीर को मिट्टी में भी दबा सकती हैं। मिट्टी में दबाने के बाद कागज की तस्वीर या पोस्टर खाद में बदल जाता है, ऐसे में यह भी देवी-देवता का अनादर नहीं माना जाता है।
आप देवी-देवता के फटे पोस्टर और तस्वीर को जल में भी प्रवाहित कर सकती हैं। लेकिन, यह तरीका प्रदूषण फैलाता है और जल में रहने वाले जीव-जंतुओं के लिए हानिकारक माना जाता है। ऐसे में यह तरीका अपनाने से बचना चाहिए।
जल में प्रवाहित करने की जगह आप देवी-देवता के फटे पोस्टर और तस्वीर को मंदिर में भी देकर आ सकती हैं। मंदिर में ऐसी तस्वीरों और पोस्टर का आदरपूर्वक निपटारा किया जाता है।
घर पर अक्सर ऐसा शादी का कार्ड आ जाता है, जिस पर देवी-देवताओं की तस्वीर लगी होती है। ऐसे में शादी का कार्ड कूड़ेदान में फेंकना सही नहीं माना जाता है, क्योंकि इन पर देवी-देवताओं की तस्वीर के साथ पवित्र श्लोक और धार्मिक ग्रंथ के उपदेश भी छपे होते हैं। अब सवाल उठता है कि ऐसे शादी के कार्ड्स का क्या किया जाए, तो आप इनका दोबारा इस्तेमाल करके अपमान से बच सकती हैं।
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अगर आप दोबारा इस्तेमाल नहीं कर सकती हैं, तो शादी के कैलेंडर को रद्दी के लिए दे सकती हैं। क्योंकि, वह कागज को रिसाइकिल करवा देते हैं। रद्दी के लिए देने के अलावा आप शादी के कार्ड से देवी-देवता की तस्वीर को काटकर अलग रख सकती हैं और ज्यादा तस्वीरें होने पर उनका अलग से पोस्टर बनाकर घर में लगा सकती हैं।
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