देवी-देवताओं के लिए कैसा आसन बनाना चाहिए?

सनातन धर्म में देवी-देवताओं की पूजा के लिए आसन बिठाया जाता है। फिर उसपर आराध्य की प्रतिमा स्थापित की जाती है। अब ऐसे में आसन कैसा होना चाहिए। इसके बारे में इस लेख में विस्तार से जानते हैं। 
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देवी-देवताओं के आसन का हमारे धार्मिक अनुष्ठानों में बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। यह सिर्फ एक बैठने की जगह ही नहीं है, बल्कि पूजा के दौरान हमारी भावनाओं और ऊर्जा को केंद्रित करने का एक माध्यम भी है। आसन पवित्रता का प्रतीक है। देवी-देवताओं के लिए आसन मान-सम्मान का प्रतीक है। आसन हमेशा ऊंचा होना चाहिए। आसन पर कोई भी अशुद्ध वस्तु नहीं रखनी चाहिए। इससे देवी-देवताओं का अनादर होता है। आसन पर देवी-देवताओं के प्रतिमा रखने से पहले उसे पवित्र रखना बेहद जरूरी होता है। अब ऐसे में देवी-देवताओं के लिए आसन कैसा होना चाहिए। इसके बारे में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।

देवी-देवताओं के लिए होना चाहिए धातु का आसन

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देवी-देवताओं के लिए आसन आप किसी भी धातु का ले सकते हैं। धातु के आसन स्थायित्व और शक्ति का प्रतीक है। अगर आप धातु का आसन ले रहे हैं, तो यह भगवान शिव और भगवान गणेश की पूजा करने के लिए उपयुक्त माना जाता है। साथ ही आप माता लक्ष्मी की पूजा आप पीतल के आसन पर स्थापित करके कर सकते हैं। धातु ऊर्जा का एक अच्छा संवाहक होता है। यह देवी-देवताओं को ऊर्जा प्रदान करता है और पूजा के दौरान सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ाता है।
तांबा - भगवान शिव और गणेश जी की पूजा के लिए तांबे का आसन सबसे अच्छा होता है।
सोना - माता लक्ष्मी की पूजा के लिए सोने का आसन शुभ माना जाता है।
चांदी - चांदी का आसन सभी देवी-देवताओं के लिए शुभ माना जाता है।
पीतल - पीतल का आसन भी सभी देवी-देवताओं के लिए उपयोग किया जा सकता है।

देवी-देवताओं के लिए होनी चाहिए रेशम का आसन

रेशम को हमेशा से वैभव और समृद्धि का प्रतीक माना गया है। यह माना जाता है कि रेशमी आसन पर विराजमान देवी-देवता अपने भक्तों पर धन और समृद्धि की वर्षा करते हैं। रेशम को एक शुद्ध और पवित्र वस्त्र माना जाता है। यह पूजा के स्थान को पवित्र बनाता है और देवी-देवताओं का सम्मान बढ़ाता है। रेशमी आसन विशेष रूप से माता लक्ष्मी की पूजा के लिए उपयुक्त माना जाता है। माना जाता है कि माता लक्ष्मी को रेशम बहुत पसंद है।

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देवी-देवताओं के लिए होना चाहिए कपास का आसन

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कपास को शुद्धता और सरलता का प्रतीक माना जाता है। यह आसन देवी-देवताओं के सामने हमारी निष्कपट भावनाओं को प्रकट करता है।कपास का आसन सभी देवी-देवताओं की पूजा के लिए उपयुक्त माना जाता है।

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Image Credit- HerZindagi

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