कुल देवी और कुलदेवता वो पारिवारिक देवता हैं जिनकी पूजा पीढ़ियों से चली आ रही है और इनसे पूरे घर और परिवार की सुरक्षा, समृद्धि और आशीर्वाद पाने के लिए की जाती है। हिंदू परंपरा में हर परिवार की अपनी कुलदेवी और कुल देवता होते हैं, जिन्हें पैतृक रक्षक माना जाता है।
इन देवताओं की पूजा और भक्ति नकारात्मक ऊर्जा, पैतृक मुद्दों और देव दोष जैसी समस्याओं को दूर करने में मदद करती है, जो परिवार के सद्भाव और कल्याण को बाधा पहुंचा सकते हैं। ऐसा माना जाता है कि हम कुल देवी-देवता की पूजा से घर में आने वाली समस्याओं को दूर कर सकते हैं। यही नहीं अगर आपके घर में देव दोष है तो आपको कुल देवता की पूजा विशेष विधि से करने की सलाह दी जाती है। आइए ज्योतिर्विद पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी से जानें कि कुल देवता की पूजा किस विधि से करनी चाहिए, जिससे उसके शुभ फल मिलें।
कुल देवी या देवता का महत्व
ज्योतिष में कुलदेवी और कुलदेवता परिवार के आध्यात्मिक, मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। परिवार में शांति, समृद्धि और समग्र सुख बनाए रखने के लिए इन देवताओं की पूजा विधि-विधान से की जाती है। वित्तीय अस्थिरता, वैवाहिक समस्याओं और स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं जैसी महत्वपूर्ण पारिवारिक समस्याओं को हल करने के लिए भी उनकी पूजा की जाती है।
हर परिवार किसी विशिष्ट देवताओं की पूजा करता है जिनके बारे में माना जाता है कि वे उनके वंशजों का मार्गदर्शन और सुरक्षा करते हैं। इन देवताओं की पूजा त्योहारों, विशेष पारिवारिक अवसरों और विशेष रूप से तब की जाती है जब आपके घर में देव दोष जैसी समस्याएं होती है।
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देव दोष क्या होता है
देव दोष का मतलब पीढ़ियों से कुल देवता या देवी की उचित पूजा न करने या उपेक्षा करने के कारण होने वाले असंतुलन या असामंजस्य से होता है। जब कोई परिवार कुल देवता का नियमित अनुष्ठान करना बंद कर देता है या अपने कुल देवी-देवता का पूजन सही तरीके से नहीं करता है तो इसके परिणामस्वरूप देव दोष हो सकता है।
यह असंतुलन आपके घर में कई तरीकों से दिखाई दे सकता है। इसकी वजह से परिवार के सदस्यों में स्वास्थ्य समस्याएं आ सकती हैं, कई तरह की आर्थिक समस्याएं हो सकती हैं, परिवार के भीतर झगड़े, विवाह में देरी, या पति-पत्नी के बीच मनमुटाव जैसी समस्याएं भी देव-दोष का कारण हो सकती हैं। इसकी वजह से आपके जीवन में मानसिक और भावनात्मक अशांति भी हो सकती हैं।
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देव दोष दूर करने के लिए कुल देवी-देवता की पूजा विधि
कुलदेवी और कुलदेवता की पूजा करना एक पवित्र कार्य होता है जिसे पूरी श्रद्धा और पवित्रता के साथ करना चाहिए। परिवार को देव दोष और अन्य समस्याओं से छुटकारा दिलाने के लिए इस पूजा को करने के लिए आपको यहां बताई बातें ध्यान में रखनी चाहिए-
- कुल देवी-देवता की पूजा करने का सबसे अच्छा समय पूर्णिमा, नवरात्रि या किसी अन्य शुभ दिन में होता है। आप इसके बारे में ज्योतिष एक्सपर्ट की सलाह भी ले सकते हैं। वैसे आपके कुल देवता या देवी की पूजा के लिए कोई ऐसा दिन भी शुभ हो सकता है जो उनके लिए अच्छा माना जाता हो।
- घर को अच्छी तरह से साफ करें, खासकर उस क्षेत्र को जहां पूजा का आयोजन करना है। दैवीय शक्तियों को आमंत्रित करने के लिए पवित्रता एवं स्वच्छता आवश्यक है, इसलिए आप जितनी सफाई में पूजा करेंगे उसके उतने हो शुभ फल मिल सकते हैं।
- पूजा के लिए वेदी तैयार करें और उस पर साफ कपड़ा बिछाएं। कुल देवी या कुल देवता की तस्वीर या मूर्ति रखें।
- उन्हें फूल अर्पित करें और उनका ध्यान करते हुए पूजन आरंभ करें। कुल देवता के सामने घी या तेल का दीपक जलाएं और प्रार्थना करें।
- देव दोष दूर करने के लिए पूजा करने के लिए यदि आप घर में पंडित को बुलाते हैं तो इसके ज्यादा अच्छे फल मिलेंगे और पूजा भी विधि-विधान से हो सकती है।
यदि आपके घर में बेवजह समस्याएं आ रही हैं तो ये देव दोष की वजह से भी हो सकती हैं। ऐसे में आपको सलाह दी जाती है कि आप कुल देवता की पूजा विधि-विधान से करें।
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