(Vat Savitri Vrat 2024) हिंदू पंचांग के अनुसार, वट सावित्री का व्रत ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुख-संपन्नता के लिए व्रत रखती हैं और पूजा-पाठ करती हैं। बता दें, इस साल वट सावित्री व्रत के दिन रोहिणी नक्षत्र और धृति योग बन रहा है। इस दिन सुहागिन महिलाएं बरगद के पेड़ के नीचे देवी सावित्री और सत्यवान की पूजा करते हैं। वट सावित्री के दिन बरगद के पेड़ विधिवत रूप से करने की मान्यता है। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं कि वट सावित्री के दिन बरगद के पेड़ की पूजा कैसे करें?
बरगद के पेड़ की पूजा के लिए सामग्री के बारे में विस्तार से जानें।
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बरगद का पेड़ पवित्र माना जाता है और भगवान विष्णु का निवास स्थान माना जाता है। इसकी पूजा करने से ग्रहों की शांति होती है और पापों का नाश होता है। बरगद के पेड़ की विधिवत पूजा करने से वैवाहिक जीवन सुखमय रहता है। बरगद के पेड़ की पूजा करने से आरोग्य की प्राप्ति हो सकती है। इतना ही बरगद के पेड़ की पूजा करने से सुहागिन महिलाओं को अखंड सौभाग्य का वरदान मिलता है। साथ ही मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है।
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