जब घर में एक नन्हें शिशु की किलकारी गूंजती है तो पूरा घर खुशियों से भर जाता है। घर का हर सदस्य उस शिशु की देखभाल में लग जाता है। नवजात शिशु की हर छोटी से छोटी जरूरत का ख्याल रखा जाता है। अमूमन उसके कपड़ों से लेकर हर सामान के लिए एक अलग जगह बनाई जाती है, ताकि उसके सामान को संभालकर रखा जा सके। लेकिन क्या आपको पता है कि नवजात शिशु के कपड़े रखने का भी एक सही तरीका होता है। अगर आप नवजात शिशु के कपड़ों को रखते समय वास्तु के कुछ नियमों का ध्यान रखते हैं तो इससे शिशु पर इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
अमूमन घर में शिशु के कपड़ों को क्लीन करके तो रखा ही जाता है, ताकि बच्चे को किसी तरह का इंफेक्शन ना हो। हालांकि, आपके लिए बस इतना ही ख्याल रखना काफी नहीं है। तो चलिए आज इस लेख में वास्तुशास्त्री डॉ. आनंद भारद्वाज आपको कुछ ऐसे छोटे-छोटे वास्तु टिप्स के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें आपको नवजात शिशु के कपड़े रखते हुए ध्यान रखना चाहिए-
इस दिशा में ना रखें कपड़े
जब आप नवजात शिशु के कपड़े रख रहे हैं तो आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि आप उसे कभी भी कमरे की दक्षिण पूर्व दिशा यानी आग्नेय कोण की अलमारी में ना रखें। अगर इस दिशा में बनी अलमारी में शिशु के कपड़े रखे जाते हैं तो इससे उसकी सेहत पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
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पश्चिम दिशा की अलमारी
नवजात शिशु के कपड़े रखने के लिए पश्चिम दिशा की अलमारी सबसे अच्छी मानी जाती है। इससे बच्चों की सेहत पर सकारात्मक असर पड़ता है। साथ ही साथ, वे अधिक प्रसन्न रहते हैं। इसलिए हमेशा कोशिश करें कि आप चाहे किसी भी कमरे में शिशु के कपड़े रखें, लेकिन अलमारी पश्चिम दिशा में ही बनी हुई हो।(रसोईघर में किस दिशा में होनी चाहिए खिड़की?)
अस्त व्यस्त ना हो कपड़े
जब भी आप शिशु के कपड़े रखें तो आपको इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि कभी भी आप उन्हें अस्त-व्यस्त करके ना रखें। अमूमन छोटे बच्चों के लिए घर में काफी सारे कपड़ों की जरूरत होती है, इसलिए अक्सर उनके कपड़ों को अलमारी या छोटी बास्केट में ऐसे ही रख दिया जाता है। हालांकि, आपको यह गलती नहीं करनी चाहिए। हमेशा बच्चों के कपड़ों को सिलसिलेवार तरीके से ही रखना चाहिए।
ना करें यह गलती
शिशु के कपड़े रखते समय आपको कभी भी उन कपड़ों के साथ फटे-पुराने या बेकार कपड़े नहीं रखने चाहिए। वास्तु के अनुसार ऐसा करना अच्छा नहीं माना जाता है। इससे उस स्थान पर नकारात्मकता फैलती है, जिससे बच्चे पर भी बुरा प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए, हमेशा बच्चों के कपड़ों के साथ किसी भी तरह की नकारात्मकता फैलाने वाले कपड़े नहीं रखने चाहिए। इसके अलावा, लेदर का सामान भी शिशु के कपड़ों के साथ नहीं रखना चाहिए। लेदर का सामान मृत पशुओं की मदद से तैयार किया जाता है। इसलिए, जब शिशु के कपड़ों के साथ लेदर का सामान रखा जाता है तो इससे बच्चों के कपड़ों की अपनी आभा खराब होती है।
कपड़ों का रंग और दिशा
शिशु के कपड़े रखते समय आपको रंग का भी ख्याल रखना चाहिए। यूं तो शिशु के लिए अमूमन हल्के रंग के कपड़े ही खरीदे जाते हैं। हालांकि, अगर कुछ गहरे रंग के कपड़े भी हैं तो उन्हें हमेशा दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखना चाहिए। वहीं हल्के रंग के कपड़ों को उत्तर-पश्चिम दिशा में रखा जाना चाहिए। ऐसा करने से बच्चों की ग्रोथ अच्छी होती है।
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Image Credit- freepik
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