अमरनाथ यात्रा सभी तीर्थयात्राओं में से एक है, जो हर साल लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करती है। यह यात्रा जम्मू और कश्मीर में स्थित अमरनाथ गुफा तक की जाती है, जो भगवान शिव के प्रमुख तीर्थस्थलों में से एक है। गुफा में बर्फ से एक प्राकृतिक शिवलिंग बनता है, जिसे 'बर्फानी बाबा' कहा जाता है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान शिव ने इसी गुफा में माता पार्वती को अमरत्व का रहस्य सुनाया था। वहीं इस साल अमरनाथ यात्रा का आरंभ 03 जुलाई से होने जा रहा है और यह 09 अगस्त तक चलेगी। अब ऐसे में अगर आप अमरनाथ यात्रा करने जा रहे हैं तो सबसे पहले पहलगाम होते हुए और उसके बाद चंदनवाड़ी और फिर बाबा बर्फानी के लिए चढ़ाई आरंभ हो जाती है।
आपको बता दें, अगर आपकी कोई मनोकामना है या फिर आपको जीवन में अकारण समस्याएं झेलनी पड़ती है। इसके अलावा अगर आपकी कुंडली में चंद्रदोष है तो चंदनवाड़ी सबसे महत्वपूर्ण स्थानों में से एक है। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।
अमरनाथ यात्रा की चढ़ाई के दौरान चंदनवाड़ी जरूर जाएं
चंदनवाड़ी अमरनाथ यात्रा के सबसे महत्वपूर्ण पड़ावों में से एक है। चंदनवाड़ी में लिद्दर नदी बहती है। ऐसा कहा जाता है कि जो व्यक्ति इस नदी में स्नान करता है। उसे सभी रोगदोष से छुटकारा मिल सकता है और स्वस्थ रहता है। आपको बता दें, चंदनवाड़ी स्थान का संबंध भगवान शिव और चंद्रमा से है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, जब भगवान शिव माता पार्वती को अमरकथा सुनाने के लिए अमरनाथ गुफा की ओर जा रहे थे, तब उन्होंने अपनी जटाओं से चंद्रमा को इसी स्थान पर अलग किया था। इसी कारण इस स्थान का नाम चंदनवाड़ी पड़ा।
चंदनवाड़ी की मिट्टी को माथे पर लगाने का धार्मिक महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार चंदनवाड़ी की मिट्टी सफेद चंदन की तरह मानी जाती है। जो भगवान शिव को समर्पित है। इसलिए अगर आपकी कोई भी मनोकामनाएं हैं, उसे आप अपने माथे पर लगाकर मन में बोलें।
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इससे आपको उत्तम फलों की प्राप्ति हो सकती है। अगर किसी जातक की कुंडली में चंद्रमा की स्थिति कमजोर है तो अमरनाथ यात्रा करने के दौरान इस चंदनवाड़ी स्थान पर जाएं और वहां की मिट्टी को आप अपने घर भी ला सकते हैं और जिस भी जातक का स्वास्थ्य सही नहीं रहता है। आप उसके माथे पर भी इस मिट्टी को लगा दें। इससे शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है।
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Image Credit- HerZindagi
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