Sawan Shivratri 2024 Kab hai: जानें कब पड़ेगी सावन की शिवरात्रि, क्या है शिव पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व

हिंदू पंचांग के अनुसार सावन माह के कृष्ण पक्ष चतुर्थी तिथि को सावन शिवरात्रि मनाई जाती है। इस दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से सौभाग्य में वृद्धि हो सकती है। इस साल सावन शिवरात्रि कब है, पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है। इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

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सनातन धर्म में सभी तिथि और व्रत का विशेष महत्व है। वहीं सावन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन सावन शिवरात्री है। इस दिन भगवान शिव की पूजा के लिए दूसरा सबसे बड़ा दिन है। वैसे तो शिव पूजा के लिए महाशिवरात्रि का दिन सबसे उत्तम माना जाता है और खास होता है। इसके अलावा सोमवार, हर माह के प्रदोष व्रत और हर माह में आन वाली शिवरात्रि की पूजा के लिए सबसे शुभ दिन माना जाता है। इस साल सावन शिवरात्रि के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। इस दिन व्रत रखने से व्यक्ति की सभी परेशानियां दूर हो जाती है। साथ ही व्यक्ति की मनोकामनाएं पूरी होती है। अब ऐसे में इस साल सावन शिवरात्रि कब है, पूजा का शुभ मुहूर्त कब और पूजा का महत्व क्या है। इसके बारे में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते है।

सावन शिवरात्रि कब है?

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हिंदू कैलेंडर के हिसाब से इस बार सावन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 2 अगस्त को दोपहर 03 बजकर 26 मिनट से शुरू हो रही है और इस तिथि का समापन 3 अगस्त शनिवार को दोपहर 03 बजकर 50 मिनट पर समाप्त होगा । ऐसे में सावन शिवरात्रि का व्रत और पूजा 2 अगस्त शुक्रवार को रखा जाएगा।

सावन शिवरात्रि के दिन शुभ मुहूर्त कब है?

पंचांग के हिसाब से 02 अगस्त को सावन शिवरात्रि के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। इस दिन योग 10 बजकर 59 मिनट से शुरू होगा और देर रात 12 बजकर 49 मिनट तक मान्य होगा। ऐसे में सावन शिवरात्रि की पूजा इस योग में करने से उत्तम फलों की प्राप्ति हो सकती है। इस समय भोलेनाथ की पूज करने से मनोकामनाएं पूर्ण हो सकती है।

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आप सावन शिवरात्रि के दिन पूजा किसी भी समय कर सकते हैं, लेकिन जिन लोगों को निशिता काल में पूजा करनी है। वह रात 12 बजकर 6 मिनट से 12 बजकर 49 मिनट के बीच कर सकते हैं। सावन शिवरात्रि की निशिता पूजा के लिए आपके पास कुल 42 मिनट तक का शुभ मुहूर्त है। वहीं जो लोग शिवरात्रि के दिन व्रत रखेंगे, वह अगले दिन 3 अगस्त को पारण करके व्रत को पूरा कर सकते हैं। इस दिन पारण का समय सुबह 5 बजकर 44 मिनट से दोपहर 3 बजकर 49 मिनट तक है। इस बीच आप कभी भी सावन शिवरात्रि का पारण कर सकते हैं। पारण करने के बाद ही व्रत को पूर्ण माना जाता है।

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सावन शिवरात्रि का महत्व क्या है?

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सावन शिवरात्रि के दिन जो जातक व्रत रखेंगे। वह मंत्र जाप, जलाभिषेक, रुद्राभिषेक आदि अवश्य करें। ऐसा करने से व्यक्ति को उत्तम फलों की प्राप्ति ह सकती है। साथ ही जातक पर महादेव की कृपा भी बनी रहती है। इसके अलावा अगर आपके काम में कोई रुकावट आ रही है, तो वह भी पूर्ण होता है।

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Image Credit- HerZindagi

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