सावन मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को सावन पुत्रदा एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस साल सावन पुत्रदा एकादशी 5 अगस्त 2025 को पड़ रही है। यह एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित है और संतान प्राप्ति की इच्छा रखने वाले दंपत्तियों के लिए विशेष फलदायी मानी जाती है। हालांकि, इस दिन किए गए कुछ उपाय धन संबंधी समस्याओं को दूर करने और घर में सुख-समृद्धि लाने में भी सहायक होते हैं। ऐसे में अगर आप धन के अभाव से जूझ रहे हैं तो सावन पुत्रदा एकादशी के दिन ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स द्वारा बताये गए इन 5 उपायों में से कोई एक उपाय करके आप अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार ला सकते हैं।
सावन पुत्रदा एकादशी के उपाय
तुलसी को भगवान विष्णु का ही रूप माना जाता है और यह माता लक्ष्मी को भी अत्यंत प्रिय है। सावन पुत्रदा एकादशी के दिन शाम के समय तुलसी के पौधे के पास गाय के शुद्ध घी का दीपक जलाएं। दीपक जलाते समय 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का जाप करें और तुलसी की 11 या 21 बार परिक्रमा करें। ऐसा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और धन आगमन के नए स्रोत खुलते हैं। यह उपाय घर में सुख-शांति भी लाता है।
पीपल के वृक्ष में भगवान विष्णु, ब्रह्मा और शिव तीनों देवताओं का वास माना जाता है। सावन पुत्रदा एकादशी के दिन सुबह स्नान करने के बाद पीपल के वृक्ष पर शुद्ध जल अर्पित करें। जल अर्पित करते समय भगवान विष्णु के नाम का जाप करें। इसके बाद पीपल के वृक्ष के नीचे घी का दीपक जलाएं। मान्यता है कि इससे दरिद्रता दूर होती है और आर्थिक स्थिति मजबूत होती है। यह उपाय शनि दोष के प्रभाव को कम करने में भी सहायक है।
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भगवान विष्णु को पीला रंग अत्यंत प्रिय है। सावन पुत्रदा एकादशी के दिन पीले रंग के वस्त्र धारण करें और भगवान विष्णु को पीले फूल, पीले फल और पीली मिठाई का भोग लगाएं। इसके बाद, अपनी क्षमतानुसार पीले वस्त्र, चने की दाल, हल्दी या बेसन के लड्डू जैसी कोई भी पीली वस्तु किसी गरीब या जरूरतमंद व्यक्ति को दान करें। दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और मां लक्ष्मी प्रसन्न होकर धन-धान्य का आशीर्वाद देती हैं।
दक्षिणावर्ती शंख को मां लक्ष्मी का भाई माना जाता है और इसे घर में रखने से धन और समृद्धि आती है। सावन पुत्रदा एकादशी के दिन यदि आपके पास दक्षिणावर्ती शंख है, तो उसे गंगाजल से शुद्ध करके भगवान विष्णु के सामने रखें। इसके बाद 'ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्मयै नमः' मंत्र का 108 बार जाप करते हुए शंख का पूजन करें। इससे धन प्राप्ति के योग बनते हैं और घर में बरकत आती है।
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सावन पुत्रदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु के साथ-साथ माता लक्ष्मी का संयुक्त पूजन करें। सुबह स्नान करने के बाद भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें। उन्हें पंचामृत से स्नान कराएं। इसके बाद धूप, दीप, चंदन, फूल, फल, मिठाई आदि अर्पित करें। पूजा के दौरान विष्णु सहस्त्रनाम या लक्ष्मी सहस्त्रनाम का पाठ करें। ऐसा करने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी दोनों की कृपा प्राप्त होती है जिससे धन संबंधी सभी परेशानियां दूर होती हैं और घर में सुख-शांति बनी रहती है।
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