मंगला गौरी व्रत और पूजा में न करें ये गलतियां  

मंगला गौरी का व्रत सावन मास के हर मंगलवार को रखा जाता है। ऐसे में यदि इस व्रत में क्या करना है क्या नहीं इसके बारे में नहीं जानते तो इस लेख को पूरा पढ़ें।

 
Mangla Gauri fasting rules

मंगला गौरी व्रत और पूजा हिन्दू धर्म में विशेष महत्व रखती है, खासकर विवाहित और अविवाहित महिलाओं के लिए। यह व्रत मुख्यतः श्रावण मास के हर मंगलवार को रखा जाता है। इसे करते समय कुछ गलतियों से बचना चाहिए ताकि पूजा पूरी और सफल हो सके। मंगला गौरी व्रत में क्या करना चाहिए और क्या नहीं इसके बारे में हमने अपने एस्ट्रो एक्सपर्ट शिवम पाठक से पुछा है। चलिए जानते इस लेख में इसके बारे में विस्तार से।

मंगला गौरी की पूजा और व्रत में न करें ये गलतियां

Mangla Gauri Vrat  dates

पूजा सामग्री का अभाव

पूजा के लिए आवश्यक सभी सामग्री पहले से ही तैयार कर लें। पूजा के बीच में किसी सामग्री की कमी होना शुभ नहीं माना जाता।

व्रत का सही प्रकार से पालन न करना

मंगला गौरी व्रत का पालन पूरे विधि-विधान से करें। अगर स्वास्थ्य कारणों से व्रत पूरा करना संभव न हो, तो आंशिक व्रत करें, लेकिन नियमों का पालन अवश्य करें।

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अशुद्धता

पूजा और व्रत के दौरान शरीर और मन को शुद्ध रखें। स्नान करके और स्वच्छ वस्त्र धारण करके ही पूजा करें। पूजा स्थान और सामग्री को भी स्वच्छ रखें।

पूजा का समय

पूजा का समय सूर्योदय से लेकर सूर्योदय से पहले का होना चाहिए। निर्धारित समय के बाद पूजा करने से व्रत का फल कम हो सकता है।

सात्विक आहार

Mangla Gauri Puja procedure

व्रत के दिन सात्विक और शुद्ध आहार ही ग्रहण करें। प्याज, लहसुन, मांस, शराब, और अन्य तामसिक पदार्थों से बचें।

भक्ति और श्रद्धा की कमी

पूजा और व्रत के दौरान पूरा ध्यान भगवान पर केंद्रित रखें। आधे मन से या बिना श्रद्धा के पूजा करने से उसका पूरा फल नहीं मिलता।

दुर्व्यवहार और असभ्य आचरण

व्रत और पूजा के दौरान दूसरों के प्रति विनम्र और सहिष्णु रहें। किसी के प्रति दुर्व्यवहार या असभ्य आचरण से पूजा का प्रभाव कम हो सकता है।

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संकल्प का अभाव

पूजा से पहले व्रत का संकल्प अवश्य लें। बिना संकल्प के पूजा करने से उसका महत्व और फल कम हो सकता है।

पूजा में भूल

पूजा विधि में किसी भी प्रकार की भूल न करें। मंगला गौरी व्रत की पूजा विधि का पालन ठीक प्रकार से करें। पूजा विधि में अगर कोई शंका हो, तो किसी विद्वान या पुरोहित से सलाह लें।

भूल से भी किसी का दिल न दुखाएं

व्रत और पूजा के दिन कोशिश करें कि आपके किसी भी आचरण से किसी का दिल न दुखे। अगर अनजाने में किसी से कोई गलती हो जाए, तो उनसे माफी मांग लें।

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Image Credit: Freepik

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