सावन के मंगला गौरी व्रत के दिन महिलाएं जरूर करें इन चीजों का दान, अखंड सौभाग्य का मिलेगा वरदान

सनातन धर्म में मंगला गौरी का व्रत माता पार्वती को समर्पित है। इस दिन विशेष रूप से दान-पुण्य करने का विधान है। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं कि किन चीजों का दान करने से लाभ हो सकता है। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं। 
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हिंदू धर्म में सावन का महीना भगवान शिव के साथ-साथ माता पार्वती को समर्पित होता है। इस पवित्र महीने के दौरान पड़ने वाले हर मंगलवार को मंगला गौरी व्रत रखा जाता है। यह व्रत विशेष रूप से सुहागिन स्त्रियों द्वारा अपने पति की लंबी आयु, अखंड सौभाग्य और सुखी वैवाहिक जीवन की कामना के लिए किया जाता है। कुंवारी कन्याएं भी मनचाहे वर की प्राप्ति के लिए यह व्रत रखती हैं। अब ऐसे में जो महिलाएं इस दिन दान-पुण्य कर रही हैं, उन्हें किन चीजों का दान करने से लाभ हो सकता है। इसके बारे में आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।

सावन के मंगला गौरी व्रत के दिन महिलाएं करें हरी चूड़ियों का दान

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मंगला गौरी व्रत विशेष रूप से सुहागिन महिलाओं द्वारा अपने पति की लंबी आयु और अखंड सौभाग्य के लिए रखा जाता है। चूड़ियां सुहाग का प्रतीक होती हैं और इनका दान करने से माता पार्वती प्रसन्न होती हैं, जिससे सुहागिनों को सुखी वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद मिलता है। माना जाता है कि मंगला गौरी व्रत के दिन सुहागिन महिला को चूड़ियों का दान करने से वैवाहिक जीवन में प्रेम, शांति और मधुरता आती है। पति-पत्नी के बीच के कलेश दूर होते हैं और संबंध मजबूत होते हैं। जिन लोगों की कुंडली में मंगल दोष होता है, उनके लिए भी मंगला गौरी व्रत और इस दिन सुहाग की वस्तुओं, विशेषकर चूड़ियों का दान करना बहुत लाभकारी माना जाता है। इससे मंगल दोष के नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं।

सावन के मंगला गौरी व्रत के दिन महिलाएं करें काजल का दान

ज्योतिष शास्त्र में काजल को बुरी नज़र से बचाने वाला और नकारात्मक ऊर्जा को दूर रखने वाला माना गया है। मंगला गौरी व्रत के दिन काजल का दान करने से वैवाहिक जीवन को लगी बुरी नजर उतर जाती है और दांपत्य जीवन में नकारात्मकता भी नष्ट होने लगती है। मंगला गौरी व्रत मुख्य रूप से सुहागिन महिलाओं द्वारा अखंड सौभाग्य और पति की लंबी आयु के लिए रखा जाता है।

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सावन के मंगला गौरी व्रत के दिन महिलाएं करें मसूर की दाल का दान

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ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मंगल गौरी व्रत मंगल ग्रह से संबंधित समस्याओं को दूर करने के लिए रखा जाता है। मसूर की दाल का संबंध मंगल ग्रह से होता है, और इसे दान करने से कुंडली में मंगल की स्थिति मजबूत होती है, जिससे जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं। जिन लोगों की कुंडली में मंगल दोष होता है, उनके विवाह में बाधाएं आती हैं या वैवाहिक जीवन में परेशानियां रहती हैं। मंगला गौरी व्रत के दिन मसूर की दाल का दान करने से इस दोष का प्रभाव कम होता है और वैवाहिक जीवन सुखमय बनता है।

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Image Credit- HerZindagi

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