रवि प्रदोष के दिन भगवान शिव की पूजा किस विधि से करें, जानें सही नियम, मंत्र और पूजा का महत्व

हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत के दिन भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करने का विधान है। अगर प्रदोष व्रत रविवार के दिन पड़ता है तो उसे रवि प्रदोष व्रत कहते हैं। अब ऐसे में जो जातक इस दिन व्रत रख रहे हैं, वह भोलेबाबा की पूजा किस विधि से करें। इसके बारे में जानने के लिए इस लेख में विस्तार से पढ़ें।
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सनातन धर्म में प्रदोष व्रत का दिन बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। यह व्रत मुख्य रूप से अच्छे स्वास्थ्य और निरोगी जीवन के लिए रखा जाता है। ऐसी मान्यता है कि इसे करने से स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां दूर होती हैं और व्यक्ति रोगों से मुक्त होता है। रवि प्रदोष व्रत व्यक्ति को समाज में नाम, यश और सम्मान भी दिलाता है। साथ ही भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है। ऐसी मान्यता है कि अगर किसी व्यक्ति को कष्टों का सामना करना पड़ रहा है या फिर मनचाहे वर की कामना कर रहे हैं तो रवि प्रदोष व्रत के दिन विधिवत रूप से भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए। अब ऐसे में रवि प्रदोष व्रत के दिन किस विधि से भोलेबाबा की पूजा से लाभ हो सकता है। इसके बारे में इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।

रवि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा कैसे करें?

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  • अगर आप प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा कर रहे हैं तो प्रदोष काल में करना उत्तम माना जाता है। इसलिए इस बात का विशेष ध्यान रखें।
  • सबसे पहले शिवलिंग पर गंगाजल या शुद्ध जल अर्पित करें।
  • फिर कच्चा दूध, दही, शहद, घी और शक्कर से अभिषेक करें।
  • शिवलिंग को चंदन का तिलक लगाएं। आप त्रिपुंड बना सकते हैं।
  • भगवान शिव की पूजा करने के दौरन फूल और फल चढ़ाएं।
  • आप भगवान शिव की पूजा करने के दौरान ॐ नमः शिवाय" मंत्र का 108 बार जाप करें।
  • आप शिव गायत्री मंत्र "ॐ तत्पुरुषाय विद्महे, महादेवाय धीमहि, तन्नो रूद्र प्रचोदयात्।।" का भी जाप कर सकते हैं।
  • आप रवि प्रदोष व्रत के दिन व्रत कथा जरूर सुनें।
  • आखिर में भगवान शिव की आरती करें।

रवि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा के नियम

  • रवि प्रदोष के दिन निर्जला व्रत रखने का विधान है। आप फलाहार भी रख सकते हैं।
  • व्रत शुरू करने से पहले अपनी इच्छा और व्रत रखने की संख्या का संकल्प जरूर लें।
  • रवि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव के मंत्रों का जाप जरूर करें।
  • उसके बाद प्रदोष व्रत पूरे करने पर विधि-विधान से उद्यापन करना चाहिए।

रवि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव के मंत्रों का करें जाप

रवि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव के मंत्रों का जाप विधिवत रूप से करना चाहिए।

  • ॐ त्र्यम्बकंयजामहेसुगन्धिंपुष्टिवर्धनम्।उर्वारुकमिवबन्धनान्मृत्योर्मुक्षीयमामृतात्॥
  • ॐनमःशिवाय
  • ऊँतत्पुरुषायविद्महेमहादेवायधीमहि,तन्नोरुद्रःप्रचोदयात्।
  • ॐ नमोनीलकण्ठायनमः
  • ॐ श्रीशिवायनमस्तुभ्यं नम:

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रवि प्रदोष व्रत के भगवान शिव की पूजा के लाभ

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रवि प्रदोष व्रत जीवन और घर परिवार में सुख-समृद्धि आती है। अगर आपकी कोई मनोकामना है तो रवि प्रदोष व्रत के दिन पूजा-पाठ करने से मनचाहे वर की प्राप्ति हो सकती है और भाग्योदय हो सकता है।

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Image Credit- HerZindagi

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