महाकुंभ का आगाज अब होने में कुछ ही दिन शेष हैं। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में एक बार फिर से 12 वर्ष के बाद भक्त आस्था की डुबकी लगाएंगे। वहीं महाकुंभ का आरंभ 13 जनवरी से होने जा रहा है और अब बड़े-बड़े नागा साधु और संत देखने को मिलेंगे। महाकुंभ को लेकर प्रयागराज में तैयारियों जोरों-शोरों से है और यहां तक की पुलिस की चौबंद की भई व्यवस्था हो चुकी है। महाकुंभ स्नान करने के लिए भक्त संगम स्नान करने के लिए देश-विदेश से आते हैं। वहीं यह तो आप सब जानते ही हैं कि महाकुंभ में कितनी भीड़ उमड़ती है। जिसके कारण वहां जा पाना और स्नान करना थोड़ा मु्शिकल हो जाता है। अब ऐसे में अगर आप महाकुंभ में शामिल नहीं हो पा रहे हैं, तो घर पर ही शाही स्नान कैसे कर सकते हैं। इसके बारे में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।
घर पर ही महाकुंभ का पुण्य कैसे कर सकते हैं अर्जित
- अगर आप प्रयागराज नहीं जा पा रहे हैं, तो कोशिश करें कि आप जहां रहते हैं, वहां पवित्र नदी में जाकर स्नान जरूर कर सकते हैं।
- अगर आपके आसपास कोई पवित्र नदी नहीं है तो आप घर में नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें। इससे भी पुण्य प्राप्ति हो सकती है।
- अगर आप महाकुंभ के दौरान घर पर ही स्नान कर रहे हैं, तो इस मंत्र का विशेष रूप से जाप करें। इससे आपको पुण्य फलों की प्राप्ति हो सकती है।
"गंगे च यमुने चैव गोदावरि सरस्वति. नर्मदे सिंधु कावेरी जलेस्मिन् सन्निधिं कुरू"
महाकुंभ के दौरान स्नान करने की तिथि कब से कब तक है?
महाकुंभ का आरंभ पौष पूर्णिमा के दिन से आरंभ हो रहा है। इसलिए इस पूर्णिमा स्नान 13 जनवरी 2025 से शुरू होगा और इसका समापन 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के दिन होगा। इसलिए कुल 45 दिनों तक महाकुंभ रहेगा।
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महाकुंभ शाही स्नान का महत्व क्या है?
कुंभ स्नान एक साधारण स्नान नहीं है, बल्कि यह एक गहन आध्यात्मिक अनुभव है। यह वह समय होता है जब ब्रह्मांडीय ऊर्जा अपने चरम पर होती है और पवित्र नदियों का जल इस ऊर्जा से ओत-प्रोत हो जाता है। इस पवित्र जल में स्नान करने से व्यक्ति न केवल शारीरिक रूप से शुद्ध होता है, बल्कि उसकी आत्मा भी पवित्र होती है। मान्यता है कि कुंभ के दौरान किए गए धार्मिक अनुष्ठानों का फल अत्यंत शुभ होता है।
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घर पर शाही स्नान करने के नियम क्या हैं?
- महाकुंभ में सबसे पहले साधु-संत स्नान करते हैं, उसके बाद ही आम श्रद्धालु करते हैं। स्नान करने के दौरान अपने आराध्य का ध्यान अवश्य करें।
- शास्त्रों के अनुसार, कुंभ में स्नान करते समय कम से कम पांच डुबकी लगाना चाहिए।
- महाकुंभ में किसी भी प्रकार के अपवित्र चीजों को न लेकर जाएं। सिर्फ नदी में स्नान करें और मंत्रों का जाप विधिवत रूप से करें।
- स्नान के बाद जरूरतमंदों को दान करना शुभ माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि दान-पुण्य करने से व्यक्ति को मनोवांछित फलों की प्राप्ति हो सकती है।
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Image Credit- HerZindagi
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