पितृपक्ष हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो आमतौर पर भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष में मनाया जाता है। इस पखवाड़े में हिंदू धर्म के लोग अपने पूर्वजों यानी पितरों का श्राद्ध करते हैं। मान्यता है कि इस दौरान पितर लोक से पृथ्वी पर आते हैं और उनके वंशज उनके लिए श्राद्ध करते हैं।
हिंदू धर्म में पितृ ऋण का बहुत महत्व होता है। माना जाता है कि माता-पिता ने हमें जन्म दिया, पालन-पोषण किया और हमें जीवन के लिए आवश्यक सब कुछ दिया। इस ऋण को चुकाने के लिए श्राद्ध किया जाता है। पितृपक्ष में किए गए श्राद्ध से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। ऐसा माना जाता है कि पितरों का आशीर्वाद हमारे जीवन में सुख-समृद्धि लाता है। श्राद्ध करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। श्राद्ध करना एक धार्मिक कर्म है, जिससे व्यक्ति पवित्र होता है।
श्राद्ध में पितरों के नाम पर तर्पण, पिंडदान, ब्राह्मण भोजन आदि किया जाता है। अब ऐसे में पितृपक्ष में पितरों की तृप्ति के लिए हवन कैसे करें। इसके बारे में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।
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