माघ पूर्णिमा के बाद फाल्गुन माह की शुरुआत होती है, जो हिंदू पंचांग के अनुसार हिंदी कैलेंडर का अंतिम महीना है। इसके बाद हिंदू नववर्ष की शुरुआत होती है। फाल्गुन माह को फागुन का महीना भी कहा जाता है। इस महीने में महाशिवरात्रि और होली जैसे प्रमुख त्योहार मनाए जाते हैं। इसके अलावा, फाल्गुन माह में कई शुभ मुहूर्त होते हैं, जिनमें विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश जैसे मांगलिक कार्य किए जा सकते हैं। फाल्गुन माह में विशेष रूप से भगवान शिव की पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है। इस माह में दान-पुण्य भी करना चाहिए। ऐसे में, आइए जानते हैं ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से कि फाल्गुन माह की शुरुआत कब से हो रही है और इस माह के क्या नियम हैं।
कब से शुरू है फाल्गुन माह 2025?
फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिप्रदा तिथि का आरंभ 13 फरवरी, दिन गुरुवार से हो रहा है। वहीं, इसका समापन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर यानी कि 14 मार्च, दिन शुक्रवार को होगा।
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क्या है फाल्गुन माह का महत्व?
पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह को हिंदू कैलेंडर में बारहवां महीना माना जाता है। इस माह में विजया एकादशी, महाशिवरात्रि, होली जैसे प्रमुख महत्वपूर्ण त्योहार मनाए जाते हैं।
जहां एक ओर विजया एकादशी भगवान विष्णु के आशीर्वाद को प्राप्त करने के लिए मनाई जाती है, वहीं, दूसरी ओर महाशिवरात्रि भगवान शिव की पूजा-अर्चना का विशेष दिन है।
फाल्गुन माह में फाल्गुन पूर्णिमा और होली भी महत्वपूर्ण त्योहार के रूप में मनाए जाते हैं। पूर्णिमा पर लक्ष्मी पूजन किया जाता है और रंगों के त्यौहार होली पर राधा-कृष्ण की पूजा होती है।
फाल्गुन माह में भगवान शिव एवं भगवान विष्णु की आराधना करने से जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है और जीवन में प्रेम तत्व का संचार भी होने लग जाता है। शुभता आती है।
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क्या हैं फाल्गुन माह के नियम?
फाल्गुन माह में भगवान शिव का ध्यान करते हुए शिवलिंग पर जल अर्पित करना चाहिए और पूजा के दौरान शंकर जी के मंत्रों का जाप करना अत्यंत लाभकारी होता है।
इस माह में सामर्थ्य अनुसार दान करना भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। मान्यता है कि फाल्गुन माह में दान करने से जीवन में सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है और पुण्य का संचय होता है।
फाल्गुन माह में भगवान चंद्रमा की पूजा करना भी शुभ माना जाता है। चंद्र पूजा से मानसिक तनाव में राहत मिलती है और निर्णय लेने की क्षमता में वृद्धि होती है।
इस माह में गाय की सेवा भी विशेष महत्व रखती है। फाल्गुन माह में गौ सेवा या गौ दान से जीवन में सुख-समृद्धि आती है और घर में धन-धान्य की प्रचुरता बनी रहती है।
फाल्गुन माह के दौरान मांस, मदिरा और शराब का सेवन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। किसी के प्रति नकारात्मक विचार रखना भी उचित नहीं है और शुद्धता को बढ़ावा देना चाहिए।
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