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Mauni Amavasya 2025: मौनी अमावस्या के दिन दक्षिणावर्ती शंख की पूजा से मिलेगा लक्ष्मी-नारायण का आशीर्वाद

मौनी अमावस्या माघ महीने के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मनाया जाता है। यह दिन पितरों को श्रद्धांजलि देने, मोक्ष प्राप्त करने और पुण्य प्राप्ति के लिए समर्पित है। अब ऐसे में इस दिन दक्षिणावर्ती शंख की पूजा किस विधि से करने से लाभ हो सकता है। इसके बारे में विस्तार से जानते हैं। 
Editorial
Updated:- 2025-01-21, 23:00 IST

हिंदू पंचांग के अनुसार, मौनी अमावस्या माघ मास के कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि को मनाया जाता है। इसे माघी अमावस्या भी कहा जाता है। इस वर्ष यह पर्व 29 जनवरी को पड़ रहा है। मौनी अमावस्या के दिन गंगा नदी में स्नान करने का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान करने से सभी पाप धुल जाते हैं और मां गंगा की कृपा प्राप्त होती है। इसके अलावा, कुंडली में स्थित अशुभ ग्रहों का प्रभाव भी कम होता है। इतना ही नहीं, मौनी अमावस्या ते के दिन दक्षिणावर्ती शंख की पूजा विधान है। अब ऐसे में इसकी पूजा किस विधि से करने से लाभ हो सकता है। आइए ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।

दक्षिणावर्ती शंख की पूजा के लिए सामग्री

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दक्षिणावर्ती शंख को हिंदू धर्म में बेहद पवित्र माना जाता है और इसे माता लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। इसकी पूजा करने से घर में धन-धान्य की वृद्धि होती है।

  • गंगाजल
  • दूध
  • दही
  • घी
  • अगरबत्ती
  • कुमकुम
  • चावल
  • फूल
  • लाल कपड़ा
  • दीपक
  • पूजा की थाली

दक्षिणावर्ती शंख की पूजा किस विधि से करें?

दक्षिणावर्ती शंख को हिंदू धर्म में सौभाग्यशाली माना जाता है। इसे माता लक्ष्मी का प्रतीक मानते हैं और यह धन-धान्य और समृद्धि का प्रतीक भी है। इसकी पूजा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और सुख-समृद्धि आती है।

  • सबसे पहले शंख को गंगाजल से धोकर शुद्ध करें।
  • शंख को लाल रंग के साफ कपड़े में लपेटें। लाल रंग माता लक्ष्मी का प्रिय रंग होता है।
  • शंख में गंगाजल भरें और 'ऊं श्री लक्ष्मी सहोदराय नमः' मंत्र का जाप करें। आप अपनी सुविधा के अनुसार इस मंत्र का एक माला जाप कर सकते हैं।
  • शंख को पूजा स्थल पर या घर के मंदिर में स्थापित करें।
  • शंख के सामने घी का दीपक जलाएं।
  • आप रोजाना शंख की पूजा कर सकते हैं।
  • शंख को बजाते समय मुंह दक्षिण दिशा की ओर होना चाहिए।
  • दक्षिणावर्ती शंख की पूजा करने के दौरान श्रीहरि और माता लक्ष्मी का ध्यान जरूर करें।

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दक्षिणावर्ती शंख की पूजा का महत्व

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दक्षिणावर्ती शंख भगवान विष्णु से जुड़ा हुआ माना जाता है। मान्यता है कि भगवान विष्णु अपने हाथ में दक्षिणावर्ती शंख धारण करते हैं। शंख को पवित्रता का प्रतीक माना जाता है। इसे पूजा-पाठ में उपयोग किया जाता है। शंख की ध्वनि को शक्ति का प्रतीक माना जाता है। शंख की ध्वनि नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने और सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करने में मदद करती है। मौनी अमावस्या के दिन दक्षिणावर्ती शंख बजाने से पापों का नाश होता है। मान्यता है कि इस दिन शंख की पूजा करने से धन लाभ होता है। शंख की ध्वनि मन को शांत करती है और सुख-शांति प्रदान करती है।

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Image Credit- HerZindagi

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